सामान्य ज्ञान की तैयारी कैसे करें | प्रतियोगी परीक्षा में GK में लाएं पूरे अंक

सामान्य ज्ञान की तैयारी कैसे करें | प्रतियोगी परीक्षा में GK में लाएं पूरे अंक

सामान्य ज्ञान की तैयारी कैसे करें – चाहे कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो लगभग सभी में सामान्य ज्ञान पूछा जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात यह भी होती है कि इसमें आपको maths की तरह कोई कैलकुलेशन नहीं करनी पड़ती है और आपको तुरंत उत्तर पता होता है इसलिए आप झट से उत्तर चुनकर आगे बढ़ जाते हैं जिसकी बजह से आपका समय बहुत ज्यादा बचता है।

बच्चे हमेशा शुरुआत में गलत तरीके से GK याद करने में लगे रहते हैं, गलत तरीके से याद करने के कारण वे लंबे समय तक याद नहीं रख पाते हैं और फिर उन्हें सामान्य ज्ञान बिषय भारी लगने लगता है इसलिए, आज की पोस्ट का मुख्य बिषय है कि प्रतियोगी परीक्षा के लिए GK कैसे याद करें की, सामान्य ज्ञान वाले क्वेश्चन को देखते ही सही उत्तर चुन सकें।

केवल इन तरीकों को पढ़ने से कुछ नहीं होगा बल्कि, इन तरीकों को फॉलो भी करना जरूरी है। अगर आप इन तरीकों को फॉलो करेंगे तो, GK याद करना और याद रखना सबसे आसान काम हो जाएगा। आइये GK याद करने के तरीके जानते हैं –

न्यूज़पेपर से मिलेगी जनरल नॉलेज और करेंट अफेयर्स –

शुरुआत में जब भी आप किसी एग्जाम के लिए जनरल नॉलेज पढ़ना शुरू कर रहे हैं और आपने आज से पहले कभी भी कोई एग्जाम नहीं दिया है और सामान्य ज्ञान में बहुत कमजोर हैं तो, सबसे पहले न्यूज़ पढ़ना शुरू करें।

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शुरुआत में नोट्स बनाने की जरूरत नहीं है, आप केवल 1 महीने तक न्यूज़पेपर को ध्यान से पढ़ें। अगर आपके पास पर्याप्त समय है तो, यह तरीका आपके दिमाग को सामान्य ज्ञान याद करने के लिए तैयार करेगा।

NCERT को जरूर पढ़ें –

अगर आप किसी बड़े एग्जाम की तैयारी के बारे में सोच रहे हैं तो, आपको शुरुआत में कक्षा 6 की NCERT की इतिहास, भूगोल आदि की किताब पढ़नी चाहिए। इसके बाद आप कक्षा 7-12 तक की किताब पढ़ सकते हैं।

यदि आआप सामान्य ज्ञान में इतने भी कमजोर नहीं है तो केवल 10-12 कक्षा की इतिहास, भूलोग आदि की किताब से भी काम चल सकता है। हमने कक्षा 6 से शुरुआत करने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि, कक्षा 6 की किताब में भाषा थोड़ी-सी आसान होती है और सिलेबस काफी कम होता है।

कहानी की तरह याद करें –

सामान्य ज्ञान को याद करने के लिए सबसे बड़ी गलती जो ज्यादातर बच्चे करते हैं, वो है कि वे सीधे ही लूसेन्ट की बहुविकल्पीय वाली सामान्य ज्ञान की बुक से रटना शुरू करते हैं।फिर वे आगे के सभी प्रश्न और उत्तर रटते जाते हैं और पीछे के सभी प्रश्नों को भूलते जाते हैं।

जब वे 2-3 बार ऐसा कर लेते हैं और पूरी-पूरी बुक को पढ़ने के बाद भी ज्यादातर हिस्सा भूल जाते हैं तो, उन्हें सामान्य ज्ञान याद करना कठिन लगने लगता है।

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आपके साथ ऐसा न हो इसलिए शुरू में ही लूसेन्ट कि बहुविकल्पीय वाली किताब जे शुरू न करें बल्कि, जैसा हमने बताया की कक्षा 6 की किताब से शुरुआत करें और इतिहास के प्रत्येक चैप्टर को एक कहानी की तरह समझने की कोशिश करें।

यूट्यूब करेगा मदद –

कुछ बच्चे केवल यूट्यूब से टॉपिक को समझ लेते हैं और फिर वे भूलने लगते हैं और कुछ बच्चे केवल किताब से पढ़ाई करते हैं। जिनमें से दोनों ही तरीके पूरी तरह सही नहीं है। अगर आपको ऐसा याद करना है जो आपकोहमेशा के लिए याद हो जाए तो, आपको किताब और यूट्यूब दोनों की मदद लेनी होगी।

सबसे पहले आपको यूट्यूब की मदद से उस टॉपिक को समझ लेना है, जिसे आप पढ़ना चाहते हैं। आपको किसी न किसी वीडियो में वह टॉपिक बहुत अच्छी तरह समझाया गया होगा। अब आपको वह टॉपिक थोड़ा-बहुत या पूरी तरह समझ आ गया होगा।

यूट्यूब से पढ़ने पर किताब से पढ़ने की तुलना में जल्दी याद होता है क्योंकि, उसमें एनीमेशन की मदद से और ज्यादा से ज्यादा चित्रों की मदद से समझाया जाता है।

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अब आपको किताब से पढ़ना है और एक बार पढ़ने के बाद में फिर से नोट्स बनाने के लिए तेजी से पढ़ना है। अगर आप ऐसा करेंगे तो किसी भी टॉपिक को एक बार याद करने के बाद कभी नहीं भूलेंगे।

खुद के नोट्स बनाएं –

अगर आप चाहते हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा समय तक फैक्ट्स को याद रख सकें तो, खुद के नोट्स बनाना बहुत जरूरी हैं। अगर आप दूसरों के नोट्स से याद करेंगे या दोहराएंगे तो, आपको एक बहुत बड़ा नुकसान होगा।

नुकसान यह होगा की वह नोट्स जिस बच्चे के होंगे, वह उन फैक्ट्स को नोट्स में लिखेगा जो उसे महत्वपूर्ण लगेंगे और उसे याद करने में समस्या आएगी जो, हो सकता है कि जो टॉपिक के पॉइंट्स आपको याद न रहते हों वह नोट्स में हो ही न।

अगर फायदे की बात करें तो खुद के नोट्स बनाने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है, की जब आप नोट्स बनाने के लिए पढ़ते हैं तो एक बार अतिरिक्त पढ़ना पड़ता है और जब हम किसी चीज को लिखते हैं तो, साथ में वह याद भी हो जाती है।

क्विज ऐप का इस्तेमाल करें –

इस समय जो बच्चा अपनी पढ़ाई को ऑनलाइन माध्यम से करने से बचता है वो बच्चा होशियार बच्चों में नॉलेज की रेस में पीछे रह जाता है। अगर आप अपनी नॉलेज को समय-समय पर जाँचते रहते हैं तो, आपको पता होता है कि आपकी तैयारी कैसी चल रही है और आपको कितनी और मेहनत करने की जरूरत है?

आप जिस भी एग्जाम को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहे हैं, आप उस एग्जाम से सम्बंधित मोबाइल ऐप को प्ले स्टोर पर सर्च करें और बहुविकल्पीय प्रश्नों वाले ऐप को चुनें। अब आप रोज उस ऐप में आधा घण्टा क्विज लगाएं।

आप क्विज लगाएंगे तो आपको कुछ नये प्रश्नों के बारे में भी पता चलेगा और आपको अपनी नॉलेज को टेस्ट करने का अच्छा मौका भी मिलेगा। अगर आप लगातार 1-2 महीने भी इस तरह के अलग-अलग ऐप्स का इस्तेमाल करेंगे तो, आपकी नॉलेज में काफी इजाफा होगा।

रोज ज्ञान बढ़ोत्तरी करें –

GK ऐसा बिषय है जिसका कोई अंत नहीं है। आप चाहे जितना भी याद कर लो परीक्षा में 1-2 प्रश्न ऐसे आ ही जाएंगे, जिनके उत्तर आपको नहीं पता होगा और आपने कभी पढ़े भी नहीं होंगे।

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फिर भी आपकी कोशिश हमेशा यही होनी चाहिए कि आप ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर याद कर सकें।अगर आप एक दिन में ही 200 प्रश्न-उत्तर याद करेंगे तो, याद रखने में मुश्किल ज्यादा होगी और ऐसा भी हो सकता है कि आप इस प्रश्न का उत्तर किसी दूसरे प्रश्न के उत्तर में कन्फ्यूज हो जाएं।

सबसे अच्छा है कि यदि आपके ऊपर बहुत जल्दी याद करने का कोई प्रेशर नहीं है तो, आप रोज 100 प्रश्न उत्तर याद करें। ध्यान रहे कि केवल एक बार याद करने से कुछ नहीं होगा। यदि सच में याद रखने हैं तो, प्रत्येक महीने दोहराते रहना जरूरी है।

GK याद करने का शानदार तरीका –

हम इतनी जल्दी किताब से पढ़कर याद नहीं कर पाते हैं, जितनी तेजी से अपने दोस्तों से सुनकर याद कर पाते हैं। मेरा मानना है कि यदि GK को याद करने का सबसे सही तरीका है तो, वह ग्रुप स्टडी है।

इसमें आप आपस में बहुत सारे फैक्ट्स और जानकारी आपस में शेयर करते हैं, जिसे हम कभी नहीं भूलते हैं। अगर आपके साथ पढ़ने के लिए होशियार बच्चों का ग्रुप है तो, आप ग्रुप स्टडी जरूर कीजिए और अगर हो सके तो, महीने में एक बार आपस में एक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता भी रखें।

आपस में ऐसी छोटी-मोटी प्रतियोगिता से आपके ज्ञान में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी होगी और इसमें आनन्द भी आएगा।

Q1. GK को तेजी से कैसे याद किया जा सकता है?

GK को तेजी से याद करने का केवल एक तरीका है कि आप इसे रटे नहीं बल्कि, समझकर पढ़ें।

Q2. सामान्य ज्ञान पढ़ने की शुरुआत कैसे करें?

बिषय में रुचि न होने पर शुरुआत में चौकाने वाले फैक्ट्स, महान व्यक्ति के बारे में जानने से शुरुआत कर सकते हैं।

Q3. सामान्य ज्ञान को लंबे समय तक याद कैसे रखें?

बार-बार पढ़ना और समझकर पढ़ना और समझाने के लिए पढ़ने से अधिक समय तक याद रखा जा सकता है।

Q4. GK के नोट्स बनाने क्यों जरूरी हैं?

नोट्स बनाने से किसी भी तिथि या नाम को याद रखने में आसानी होती है।

Q5. GK के खुद के नोट्स बनाए या खरीदे हुए से पढ़ें?

खुद के नोट्स बनाना सबसे अच्छी बात है, इसके बहुत फायदे हैं।

अंतिम शब्द –

अगर आप इन तरीकों को अच्छे से समझकर सामान्य ज्ञान याद करने की कोशिश करेंगे तो, मुझे पूरा विश्वास है कि आपको बिना ज्यादा मुश्किल के ही सामान्य ज्ञान की बातें याद होने लगेंगी।

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अगर आपको इसके बाद भी GK याद करने में कोई परेशानी आती है तो, आप अपनी परेशानी को कमेंट में बता सकते हैं लेकिन यदि आप बिना बार-बार पढ़ें केवल एक ही बार में सब कुछ याद कर लेना चाहते हैं तो, आपको कहीं भी ऐसी जड़ीबूटी नहीं मिलेगी जिसको पीने के बाद आपको केवल एक बार पढ़ने पर ही याद होना शुरू हो जाए।

यदि सामान्य ज्ञान की तैयारी अच्छे से करनी है तो, पढ़ना तो पड़ेगा, हाँ उपरोक्त तरीके GK को लंबे समय तक याद रखने और थोड़ा-सा जल्दी याद करने में आपकी हेल्प कर सकते हैं।

स्टूडेंट लाइफ में क्या नहीं करना चाहिए (भूलकर भी न करें ये 5 गलतियाँ)

स्टूडेंट लाइफ में क्या नहीं करना चाहिए (भूलकर भी न करें ये 5 गलतियाँ)

स्टूडेंट लाइफ में क्या नहीं करना चाहिए – कुछ समय पहले हमने एक पोस्ट लिखी थी जिसमें, ऐसे 10 कार्यों के बारे में बताया था जो आपको स्टूडेंट लाइफ में जरूर करने चाहिए लेकिन, उसके बाद बहुत सारे बच्चों के कमेंट आए की ऐसे कामों के बारे में भी बताइये जो स्टूडेंट्स को कभी नहीं करने चाहिए।

हमने इस पोस्ट में ऐसे 5 से ज्यादा कामों के बारे में बताया है, जिन्हें यदि आप अपने विद्यार्थी जीवन में करते हैं या अभी केवल शुरू किए हैं तो, आने वाले कुछ सालों में आपको बहुत नुकसान होगा और पछतावा तो होगा ही।

हमारी सलाह है की आपको दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए और नीचे बताए 5 कार्य, कम से कम अपने विद्यार्थी जीवन में दौरान तो बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए। आइये जानते हैं ये काम कौन-कौन से हैं –

क्लास बंक करने की आदत –

बच्चे अक्सर यह गलती अपने दोस्तों के ग्रुप के साथ करते हैं। ऐसा नहीं है वह ऐसा साल में एक-दो बार करते हैं बल्कि वे महीने में कई बार ऐसा करते हैं और जाने-अनजाने में अपने आप को धोखा दे रहे होते हैं।

ये गलती बहुत ज्यादा बड़ी नहीं लगती लेकिन, क्लास बंक करना एक गलत आदत है जिसकी बजह से आपके अंदर अनुशासन में रहने की क्षमता कम होती है और आपका ध्यान पढ़ाई से हटकर और गलत चीजों की तरफ भी जाने लगता है। क्लास बंक करने से अच्छा है कि आप स्कूल ही न जाएं बल्कि, घर रहकर ही पढ़ाई करें।

टालमटोल की आदत –

जब हम स्टूडेंट होते हैं तो उस समय यह आदत सबसे ज्यादा होती है लेकिन, जैसे-जैसे जिम्मेदारी सिर पर आती है तो, यह आदते खुद ही समाप्त हो जाती है।

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जो बच्चा अपने आलस पर विद्यार्थी जीवन में ही कंट्रोल कर लेता है, वह विद्यार्थी जीवन में तो सफल होता ही है साथ ही पूरी जिंदगी उसको यह पछतावा नहीं होता की, काश उसने अपने समय का सही इस्तेमाल किया होता।

आज अगर आप हर समय आलस में पड़े रहते हैं और प्रत्येक काम को आने वाले समय के लिए टालते रहते हैं तो, यकीन मानिए आने वाले समय में जब आप अपने साथ वाले बच्चों को आगे बढ़ते देखोगे तो, आपको अपने ऊपर बहुत गुस्सा आएगा।

पेपर में चीटिंग की आदत –

पेपर में चीटिंग करके शायद आप कुछ पेपर में पास भी हो जाओ लेकिन, लंबे समय बाद जब आप बड़े-बड़े एग्जाम दोगे या जब आप अपनी ड्रीम जॉब के लिए पेपर दे रहे होंगे तब, उस समय नकल काम नहीं आएगी।

अगर आपको लगता है कि आपकी रुचि पढ़ाई में नहीं है बल्कि और किसी क्षेत्र में है तो, आपको उसी क्षेत्र में फोकस करना चाहिए और नकल करके पास होने के बजाय, आपका पढ़ाई में फेल हो जाना ही आपके लिए अच्छा होगा।

आज के बाद हमेशा इस बात का ध्यान रखें की, पेपर में कभी भी नकल नहीं करनी है।

लक्ष्य न पता होना –

हमारे देश में तो ऐसे लाखों बच्चे हैं जिनकी रुचि किसी ओर चीज में है और वो कर और कुछ रहे हैं। उनके माँ-बाप ही उनके लिए सब कुछ निर्णय ले रहे हैं।

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कक्षा 10th तो यह सही है कि आपके लिए माँ-बाप निर्णय लें लेकिन, उसके बाद आपको खुद चुनना चाहिए कि आपको क्या करना चाहिए?

बहुत सारे स्टूडेंट जब अपने माँ-बाप के बताए रास्ते पर चलकर अच्छी जॉब भी पा लेते हैं या बड़े बिजनेसमैन भी बन जाते हैं, फिर भी उन्हें जिंदगी खूबसूरत नहीं लगती क्योंकि, उनके लिए सफलता की परिभाषा कुछ और ही थी।

देश में आज के समय में कितने कम लोग हैं जो IAS, IPS आदि बनते हैं और कितने कम लोग हैं जो, विधायक और सांसद बनते हैं लेकिन, उसके बाबजूद भी जो लोग केवल शान-शौकत देखकर या केवल अपने माँ-बाप के कहने पर इन फील्ड में सफल भी हो गए हैं वे, सफलता के बाद भी खुश नहीं हैं।

गलत खान-पान की आदत –

बच्चे बहुत छोटी उम्र से ही आजकल गलत आदतों में पड़ जाते हैं और अलग-अलग तरह के नशील* पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। छोटी उम्र में तो शरीर पर इसका प्रभाव बहुत ज्यादा दिखाई नहीं देता है लेकिन, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है आप अपनी उम्र से ज्यादा बड़े दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।

ऐसे पदार्थों से आपका श्वसन अंग और पाचन अंग बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। आप खाना खाते हैं तो वह अच्छे से नहीं पचता है और यह शुरुआत में ज्यादा पता नहीं चलता है लेकिन, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है आपको इसका अहसास होता है, इसलिए कभी भूलकर भी इस तरह के पदार्थों का सेवन न करें जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

प्यार में करियर बर्बाद –

आजकल बच्चे बहुत छोटी उम्र में ही प्यार के चक्कर में पड़ जाते हैं और अपना बहुत समय बर्बाद कर लेते हैं। कुछ लोग तो करियर बर्बाद कर लेते हैं, वे अट्रैक्शन को प्यार समझते हैं और रूचि न होते हुए भी उस बिषय को लेते हैं जो, लड़की ने लिया होता है।

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कुछ समय बाद न लड़की मिलती है और न ही जिंदगी में कुछ बड़ा कर पाते हैं क्योंकि, कीमती समय लड़की के पीछे बर्बाद कर चुके होते हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती नहीं करना चाहते हैं तो, कम उम्र में प्यार से बचें।

पहले करियर बना लें तब प्यार मोहब्बत की ओर ध्यान दें।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा और उन कामों के बारे में जाना होगा जो स्टूडेंट लाइफ में बच्चे सबसे ज्यादा करते हैं और बाद में जब उन्हें अपनी गलती के बारे में पता चलता है तो, उन्हें बहुत पछतावा होता है और तब तक समय भी काफी ज्यादा निकल चुका होता है।

अगर आपको अपने जीवन को बेहतरीन बनाना है तो, पोस्ट में बताई बातें कभी नहीं भूलना।

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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने का तरीका | कंपटीशन की तैयारी कैसे करें?

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने का तरीका | कंपटीशन की तैयारी कैसे करें?

कंपटीशन की तैयारी कैसे करें – क्या आपको भी मेरी तरह सरकारी नौकरी करनी पसंद है लेकिन, उसके लिए कॉम्पिटिशन में तो उतरना ही पड़ेगा। यदि आपके पास तैयारी का सही प्लान होगा तो, आपका सरकारी नौकरी का यह सपना साकार हो सकता है।

ऐसे बहुत सारे स्टूडेंट्स जो अभी स्कूल या कॉलेज में हैं वे अपने स्कूल या कॉलेज के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के बारे में सोचते हैं लेकिन, उनको एक सही रास्ता नहीं पता होता है कि तैयारी की शुरुआत कैसे करनी है।

अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की फाइनल लिस्ट में आना चाहते हैं तो, आज की इस शानदार पोस्ट को एक बार पढ़ने के बाद आपको आपके बहुत सारे सवालों के जबाब मिल जाएंगे और आपको पता चल जाएगा की, आप जिस भी कंपीटीशन वाले एग्जाम की तैयारी करना चाहते हैं उसके लिए आपको किस तरह से योजना बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए।

कंपीटीशन की तैयारी के लिए 10 बातें –

यकीन कीजिए पोस्ट में बताई 10 बातें ही वे महवपूर्ण टिप्स हैं, जो प्रत्येक टॉपर को तैयारी के पहले दिन से पता होती है। आइये जानते हैं वे 10 बातें कौन सी हैं, जिन्हें टॉपर बनने वाला हर बच्चा कॉम्पिटिशन की तैयारी के वक्त फॉलो करता है –

एक टारगेट रखें –

शुरुआत में जब बच्चे 12th पास कर लेते हैं और कुछ बच्चे जो ग्रेजुएशन पास करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए किसी भी एग्जाम की तैयारी शुरू कर देते हैं और कोशिश करते हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा एग्जाम दें।

यकीन मानिए इस तरह से आप किसी भी एग्जाम को क्रैक नहीं कर पाएंगे। शुरुआत में एक-दो एग्जाम यह देखने के लिए दिए जा सकते हैं कि, एग्जाम हॉल में माहौल कैसा होता है, टाइम को कैसे मैनेज करना होता है लेकिन, अगर आप प्रत्येक एग्जाम को टॉप करने के लिए मेहनत करेंगे तो, सफलता जल्दी मिलने के बजाय देर से मिलेगी।

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कोशिश करें की किसी एक परीक्षा को पास करने का ही टारगेट बनाए और पूरा समय उसी एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगाएं। ये 4 स्टेप्स फॉलो करें –

  • अपने लक्ष्य को पेपर पर लिखें।
  • उस लक्ष्य को चुनने का कोई मजबूत कारण लिखें।
  • लक्ष्य को कितने समय में प्राप्त करना चाहते हैं, यह भी लिखें।
  • जॉब पाने के लिए रोज कितने घण्टे पढ़ना जरूरी है, वह भी लिखें।

अब इस पेपर को दीवार पर चिपका दें और यदि किसी अन्य को इसके बारे में नहीं पता चलने देना चाहते हैं तो, इसे किसी सुरक्षित जगह रख लें लेकिन, रोज 1 बार जरूर देखें।

समय मैनेज करना पड़ेगा –

जो बच्चे बड़े-बड़े एग्जाम जैसे UPSC, SSC CGL आदि की तैयारी भी कर रहे होते हैं, उनमें से भी बहुत ज्यादा बच्चे इसलिए ही नंबर नहीं ला पाते हैं क्योंकि, वे अपना समय ही नहीं मैनेज कर पाते हैं।

अगर आपको बड़े एग्जाम को निकालना है तो, प्रत्येक मिनट कीमती है। यदि आपका समय तेजी से निकल जाता है और आप चाहकर भी उसे मैनेज नहीं कर पाते हैं तो, आपको शुरुआत में ही किसी बड़े एग्जाम को न चुनकर किसी कम कॉम्पिटिशन वाले एग्जाम को देना चाहिए।

समय मैनेज करना इतना भी आसान काम नहीं है। अगर आप ऑफिसर बनने से पहले ही गाड़ी बंगले के वीडियोस यूट्यूब पर देखने में ज्यादा व्यस्त रहेंगे तो, सपना केवल सपनों में ही पूरा होकर रह जाएगा। समय बर्बाद न हो इसलिए फॉलो करें ये तरीके –

  • मोबाइल में अलार्म लगाएं।
  • पढ़ाई के बीच ब्रेक रखें लेकिन ज्यादा बड़ा नहीं।
  • छोटे ब्रेक में दोस्तों के साथ घूमने न निकलें।
  • रोज रात को सोने से पहले अपने टारगेट्स देखें की, आपने कितने पूरे किए।
  • आज समय बर्बाद के कारण को खोजें और वह गलती कल न दोहराएं।
  • शुरुआत में कठिन टाइम टेबल न बनाएं।
  • होशियार बच्चों का टाइम टेबल कॉपी न करें बल्कि, खुद का टाइम टेबल बनाएं।

सिलेबस को अच्छे से समझें –

किसी भी एग्जाम के सिलेबस को यदि बच्चा ध्यान से पढ़े तो, उसको यह खुद ही पता चलने लगता है कि इस एग्जाम में पास होने के लिए प्लान कैसा बनाना पड़ेगा। किस टॉपिक से किस तरह के प्रश्न आ सकते हैं?

सिलेबस को केवल एक बार पढ़कर तैयारी शुरू न करें बल्कि, सिलेबस का प्रिंटआउट निकलवा लें और उसको कमरे में चिपका लें और रोज उसपर निगाह रखें। आप रोज सिलेबस को देखते रहें और जानते रहें कि अभी और कितना पढ़ना बाकी है।

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अगर आप समय को सही से मैनेज करते हुए पर्याप्त समय पढ़ाई को नहीं दे रहे होंगे तो, आप दीवार पर चिपके सिलेबस से निगाह नहीं मिला पाएंगे। अगर आप रोज सिलेबस देखते हैं तो समझो मेहनत सही चल रही है।

अपनी क्षमता को बढ़ाने की कोशिश –

हर बार जब भी आप पढ़ने बैठेंगे तो कुछ समय बाद आपका दिमाग थक जाएगा लेकिन, आपको मन की बात नहीं माननी है बल्कि, आपको जबर्दस्ती थोड़ी देर तक और पढ़ाई करनी है। चाहे जबर्दस्ती पढ़ने से आपकी कुछ भी याद न हो फिर भी आपको पढ़ना है।

ऐसाकरने से आपके अंदर ज्यादा से ज्यादा देर तक लगातार पढ़ने की आदत बनेगी जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

आप इस तरह यदि 1 महीने तक अपने मन की बात न मानकर अपनी देर तक पढ़ने की क्षमता को बढ़ा लेंगे तो, बड़ी-बड़ी परीक्षाओं के लिए जब 10-12 घण्टों तक पढ़ाई करनी होगी तो, वहाँ भी आप बिना ज्यादा मुश्किल के सफलता प्राप्त कर पाएंगे।

ऑनलाइन चुनें –

अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी ऑनलाइन माध्यम से करेंगे और सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान देंगे तो, आप अपना बहुत सारा समय बचा लेंगे। आप उस समय को भी पढ़ाई करने या किसी अन्य जरूरी काम करने के लिए इस्तेमाल कर पाएंगे, जिसमें अन्य बच्चे कोचिंग सेंटर जाने में खराब करते हैं।

आजकल ऐसे बहुत सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मौजूद हैं जो, बड़ी ही कम फीस में क़्वालिटी कोर्स उपलब्ध करा रहे हैं। जैसे यदि फिलहाल की बात करें तो PW, Khan Sir के अलावा और भी बहुत सारे प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन टीचर हैं।

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आप यदि खुद अपने आप को मनाकर पढ़ने के लिए बैठ सकते हो तो, ऑनलाइन कोर्सेस आपकी बहुत ज्यादा मदद कर सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करना आपके पैसे और समय दोनों की बचत के लिए अच्छा है।

टॉपर्स को सुनें –

कुछ मामलों में टॉपर्स को कॉपी करना गलत है, जिसमें टॉपर बच्चों का टाइम टेबल कॉपी करना शामिल है। लेकिन बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो आपको टॉपर बच्चों से सीखनी चाहिए जैसे उन्होंने किस तरह से समय को मैनेज किया, उन्होंने किस तरह से अपने स्वास्थ्य को मैनेज किया, उन्होंने पढ़ाई के दौरान आने वाले आलस और फेल होने के डर को कैसे दूर किया?

टॉपर बच्चे अपनी उन गलतियों के बारे मे भी बताते हैं जो, अन्य बच्चों को करने से बचना चाहिए इसलिए, आप जिस भी एग्जाम को क्रैक करना चाहते हैं, उसमें हर साल टॉप करने वाले बच्चों के इंटरव्यू जरूर देखें। यूट्यूब पर इस तरह के बहुत सारे इंटरव्यू मौजूद रहते हैं।

हमेशा ज्यादा से ज्यादा चीजों को दूसरों की गलतियों से सीखकर सुधार करने पर ध्यान दोगे तो, सफलता मिलने में बहुत कम समय लगेगा।

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महीने के 25 दिन मोटिवेटेड रहें –

यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी ड्रीम जॉब को पाने के लिए हमेशा अलग ही जोश में रहें और उसी उत्साह का इस्तेमाल आप पढ़ाई करने में करें क्योंकि, इसके जरिए ही आप सरकारी जॉब प्राप्त कर सकते हैं।

जब विद्यार्थी किसी भी एग्जाम की तैयारी शुरू करता है तो, शुरुआत में तो बहुत ज्यादा मोटीवेट रहता है लेकिन, जैसे जैसे समय बीतता है तो, बहुत सारे डाउट खुद के बारे में भी आने लगते हैं और यदि असफल होने की संभावना ज्यादा हो तो, बच्चा डिमोटिवेट होने लगता है।

यह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स से काफी सुनने को मिलता है कि बीच बीच में वे भी काफी डिमोटिवेट हो जाते थे। यह सभी के साथ होता है लेकिन, हद से ज्यादा डिमोटिवेट रहकर आप एग्जाम नहीं निकाल पाएंगे। यदि महीने में 25 दिन आप मोटिवेट रहते हैं और अच्छे से पढ़ाई कर पा रहे हैं और 5 दिन आप डिमोटिवेट फील कर रहे हैं तो, इतना तो चलता है।

शुरुआत में ग्रुप स्टडी बेस्ट है –

वैसे हमारा मानना है कि ग्रुप स्टडी में बच्चे का समय ज्यादा खराब होता है लेकिन, शुरुआत में जब आपको नहीं पता होता है कि क्या पढ़ना है और कैसे पढ़ना है और नोट्स किस तरीके से बनाए जाते हैं तो, ऐसे में ग्रुप स्टडी से आपको बहुत हेल्प होगी।

अगर आप सही संगत चुन लेते हैं तो आपकी कठिन यात्रा भी बहुत आसान बन जाएगी क्योंकि, यदि वे बच्चे पढ़ाई करेंगे तो आप भी चैन से सो नहीं पाएंगे और आपके बीच खुद ही एक प्रतियोगिता बनी रहेगी।

आप भले ही यह बात न सोचें लेकिन आप कभी भी नहीं चाहेंगे कि आप ग्रुप में सबसे कमजोर विद्यार्थी रहो इसलिए, आप होशियार बच्चों के ग्रुप में रहकर खुद ही मेहनत से पढ़ाई करेंगे और उनसे आगे निकलने का हर समय प्रयास करेंगे। यही प्रयास आपको सफल बनाएगा।

ईमानदारी से मेहनत करें –

किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते वक्त यदि आप ईमानदारी के साथ पढ़ाई नहीं करेंगे तो, सफलता शायद ही मिले। अगर आप परीक्षा की तैयारी केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि, आपके माँ-बाप आपको इसके लिए बोल रहे हैं, ऐसे में आप अपना 100% अपनी तैयारी को शायद न दे पाएं।

कोशिश करें की किसी भी एग्जाम की तैयारी केवल किसी के कहने पर नहीं बल्कि, खुद की इच्छा होने पर ही करें वरना, आप ईमानदारी से मेहनत नहीं कर पाएंगे और सफलता उन्हीं बच्चों को मिलती है जो रोज ईमानदारी के साथ 8-10 घण्टे का समय पढ़ाई को देते हैं।

कंपटीशन की तैयारी कैसे करें, कंपटीशन की तैयारी की शुरुआत कैसे करें, घर पर कंपटीशन की तैयारी कैसे करें,

अंतिम शब्द –

बहुत सारे बच्चे फेल होने के बाद कंपीटीशन निकालने को नसीब का खेल मानने लगते हैं। आपको बता दें कि यह ख्याल मन की तसल्ली के लिए अच्छा है, वरना कॉम्पिटिशन निकालना सही दिशा में की गई मेहनत का परिणाम है, केवल नसीब से कुछ नहीं होता।

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अगर आप ऊपर बताई जानकारी का इस्तेमाल किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते वक़्त करेंगे तो, आपको खुद ही लगेगा कि आपकी तैयारी की रफ्तार काफी बढ़ गयी है।

पेपर देने जाने से पहले क्या करना चाहिए? जिससे एग्जाम अच्छा हो

पेपर देने जाने से पहले क्या करना चाहिए? जिससे एग्जाम अच्छा हो

पेपर देने जाने से पहले क्या करना चाहिए – अगर आपके एग्जाम बहुत ज्यादा निकट हैं और कल या परसों में आपका एग्जाम है, जिस कारण आप जानना चाहते हैं कि आपको ऐसा क्या करना चाहिए जिससे, आपका पेपर बहुत ही अच्छा जाए तो, हमारे बताएं कुछ टिप्स को फॉलो कीजिए आपको बहुत अच्छा रिजल्ट देखने को मिलेगा।

इस पोस्ट में हमने पेपर से 12 घंटे पहले से आपको क्या-क्या करना चाहिए उसके बारे में पूरी जानकारी दी है। आशा करते हैं आप हमारे द्वारा बताए गए इन टिप्स को पूरा पढ़ेंगे और फॉलो करके लाभ भी उठाएंगे। चलिए जानते हैं –

#1. पेपर से 12 घंटे पहले –

अगर आपके पास 12 घंटे का समय नहीं है तो आप पोस्ट को थोड़ा नीचे से पढ़ना शुरू कर सकते हैं। जिन बच्चों के पास अभी कम से कम 12 से 15 घंटे का समय है मतलब पेपर कल सुबह है तो, आपको 12 घंटे पहले कम से कम पिछले दो सालों के 2 अलग-अलग सेट के पेपर को सॉल्व करके देखना है।

इससे आपको काफी हद तक पता चलेगा की, पेपर में आपसे किस तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। ध्यान रहे आपको पेपर टाइमर लगाकर सॉल्व करना है ताकि, आपको कल सुबह पेपर देते वक्त समय को मैनेज करने में समस्या ना हो।

इन दोनों पेपरों को टाइमर लगाकर सॉल्व करने में आपका लगभग 3 घंटे (डेढ़ घण्टा/पेपर) का समय लगेगा। अभी भी आपके पास लगभग 9 घंटे का समय है। अब आपको कम से कम 6 घण्टे के लिए सोना चाहिए और सुबह जल्दी उठना चाहिए।

#2. पेपर से 3 घंटे पहले –

सुबह जल्दी उठने से आपका मन शांत होता है, जिसमें आप ज्यादा जल्दी याद कर पाते हैं। अगर बात करें पेपर शुरू होने से 3 घंटे पहले कौन-कौन से कार्य करने चाहिए तो, उनमें से सबसे मुख्य कार्य है कि आपको कम से कम 2 घंटे का समय अपने नोट्स को दोहराने में लगाना चाहिए। इस समय में आपको कुछ भी नये और भारी टॉपिक को समझने की कोशिश नहीं करनी है।

इसे जरूर पढ़ें: 1 दिन में पेपर की तैयारी कैसे करें?

जो कुछ आपको आता है उसे और अच्छे से समझने का प्रयास करना है और ध्यान देना है कि कोई आसान सा टॉपिक छूट तो नहीं रहा है। ऐसा देखते हुए आपको 2 घंटे में पूरे नोट्स पर निगाह दौड़ा लेनी है।

अब से 3 घंटे बाद आपका एग्जाम है इसलिए आपको कुछ भी ऐसा नहीं खाना है जो आपको गैस बनाए या जल्दी न पचने वाला हो। अगर पेपर के बीच में आपको गैस, एसिडिटी, पेट दर्द जैसी समस्या होती है तो यह आपकी परफॉर्मेंस पर गलत असर डालेंगी। पढ़ते समय भी ध्यान रखें की बाहर की तेल में तली हुई कुछ भी चीज न खाए।

#3. पेपर से 1 घंटे पहले –

अब पेपर में केवल एक घंटा बाकी है, अगर आपका एग्जाम सेंटर आपसे काफी दूर है, तो आप रेडी होकर एग्जाम के लिए निकल सकते हैं। एडमिट कार्ड, पेन, कुछ पैसे और अगर रास्ते में जाते-जाते भी नोट्स दोहराना चाहते हैं, तो नोट्स भी आपने मेरे बिना बताए ही रख लिए होंगे।

पेपर से 1 घंटे पहले आप को तेजी से बहुत कुछ पढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और ना ही दिमाग पर बहुत ज्यादा जोर देना चाहिए। आप 1 घंटे में बहुत कुछ तो याद नहीं कर पाएंगे लेकिन, यदि आप ज्यादा हड़बड़ी दिखाएंगे तो, आपको अपने आप पर पढ़ाई को लेकर डाउट होना शुरू हो जाएगा।

#4. पेपर से आधे घंटे पहले –

हो सकता है पेपर से आधे घंटे पहले आप एग्जाम सेंटर पहुंच गए होंगे। यदि एग्जाम सेंटर ज्यादा दूर नहीं है तो भी, पेपर शुरू होने से कम से कम 20 से 25 मिनट पहले एग्जाम सेंटर पर पहुंचना अच्छा होता है। अब आपको सबसे पहले अपनी सीट खोजनी है और पेपर शुरू होने से 10-15 मिनट पहले आप क्लास के बाहर थोड़ा टहल सकते हैं या पानी पीकर आ सकते हैं।

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कोशिश कीजिए कि इस बीच अपने दोस्तों के साथ मटरगश्ती न की जाए और न ही बहुत टेंशन में रहना है क्योंकि, आपको पढ़ने के लिए पूरा एक साल मिला था। अब आप चाहे भी तो कुछ ज्यादा नहीं पढ़ पाएंगे इसलिए पेपर शुरू होने से आधे घंटे पहले चीजों को पढ़ने पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देना है बल्कि, मन को शांत रखने की कोशिश करें।

अब आपके करने का कार्य आप कर चुके हैं, अब आप पेपर की तैयारी को लेकर टेंशन फ्री हो जाइये और ईश्वर पर विश्वास रखिए। 🙂

#5. पेपर से 10 मिनट पहले –

अब पेपर में केवल 10 मिनट का समय है जिसमें आप केवल अपनी सीट पर जाकर बैठ सकते हैं और 2-4 लंबी-लंबी श्वास ले सकते हैं। दिमाग को यहां-वहां बहुत ज्यादा न दौड़ाएं बल्कि, अपनी सीट पर बैठकर पेपर शुरू होने का इंतजार करें।

#6. पेपर देखने से पहले –

पेपर मिलते ही बहुत सारे स्टूडेंट पेपर पर झपट पड़ते हैं और एक बार में ही सारा पेपर पढ़ डालते हैं। कुछ स्टूडेंट तो पेपर शुरू होने के शुरुआती 5 मिनट में ही बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं, क्योंकि पेपर उनकी याद का नहीं होता है।

कुछ स्टूडेंट पेपर देखते ही बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं, जिस खुशी में भी 1-2 प्रश्नों को गलत पढ़ लेते हैं और गलत उत्तर लिख आते हैं। आपको इन दोनों में से किसी भी स्टूडेंट को फॉलो नहीं करना है।

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मैं शुरुआत में ही पेपर को पूरा पढ़ने की सलाह नहीं देता हूं। मुझे लगता है कि हमें पेपर को शुरू में ही पूरा नहीं पढ़ना चाहिए इससे, हमारे मन में तुरंत ही सभी प्रश्नों के उत्तर आने लगते हैं और दिमाग पर बहुत ज्यादा जोर पड़ता है।

आप क्वेश्चन पेपर को आधा पढ़कर सॉल्व करना शुरू कर सकते हैं, जब आप आधा क्वेश्चन पेपर सॉल्व कर ले उसके बाद आप अगला पेपर देख सकते हैं।

#7. पेपर करते समय –

पेपर करते समय ध्यान रखने वाली जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि, आपको पता होना चाहिए कि आपको कितने नंबर के प्रश्न को कितना समय देना है और किस हिसाब से पेपर करना है की, समय खत्म होने से 10 मिनट पहले ही आप सारा पेपर सॉल्व कर पाए।

आपका पेपर सही समय पर पूरा हो इसके लिए आपको अपनी राइटिंग स्पीड पर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए और यदि अच्छे नंबर चाहते हैं तो, अच्छी हैंडराइटिंग होना भी बहुत ज्यादा जरूरी है। हैंडराइटिंग सुधारने के टिप्स हम पहले ही आपके साथ शेयर कर चुके हैं।

#8. पेपर के बाद –

पूरा पेपर सॉल्व करने के बाद यदि आपको पूरा पेपर आता भी था, फिर भी बहुत ज्यादा उत्साहित होने से बचे। कोशिश करें कि फ्री बैठने के बजाय बार-बार यह देखते रहे कि कहीं कोई प्रश्न छूट तो नहीं गया है। पेपर सॉल्व करने के 10 मिनट बाद तक आपको बार-बार यही देखते रहना है और आपने किसी प्रश्न का उत्तर जल्दबाजी में गलत न लिख दिया हो, इसे भी चेक करते रहना है।

बहुत सारे बच्चे पेपर खत्म होने के बाद पेपर पर बहुत ज्यादा डिस्कशन करते हैं और बाद में पेपर को बार-बार सॉल्व करके देखते रहते हैं। मुझे लगता है कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि, पेपर करने के बाद आपको उस पेपर को दोबारा खोलकर भी नहीं देखना चाहिए इससे, आप बिना वजह की टेंशन से बच जाएंगे।

अब जो आप पेपर में आप करके आ चुके हैं, आप उसे बदल नहीं सकते हैं तो, पेपर को बार-बार पढ़कर या सॉल्व करके बार-बार देखने से क्या फायदा? आपने कितना सही किया है, कितना गलत किया है, वह तो रिजल्ट में पता चल ही जाएगा।

अंतिम शब्द –

आपको आज यह पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट में बताना ना भूले और इस पोस्ट को ऐसे सभी अपने साथियों के साथ शेयर करें जिनका एग्जाम बहुत निकट है। साथ ही अगर इस पोस्ट से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न रह गया है तो उसे भी आप कमेंट में बता सकते हैं हम आपको तुरंत ही उस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं, विश्वास कीजिए आपका पेपर अच्छा ही होगा। 🙂

बोर्ड परीक्षा में ये 5+ गलतियां गलती से भी मत करना

बोर्ड परीक्षा में ये 5+ गलतियां गलती से भी मत करना

बोर्ड परीक्षा में 5 गलतियां – अक्सर बच्चे जब पहली बार बोर्ड की परीक्षा देते हैं तो उनसे जाने-अनजाने में ऐसी-ऐसी बड़ी गलतियाँ हो जाती हैं, जिससे उनके नंबर काफी कम आते हैं और कई बार तो, बच्चे छोटी-सी गलती की बजह से मुशीबत में पड़ जाते हैं।

आप ये गलती न करें और आपको किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े इसलिए, आपको इस पोस्ट को शुरू से अंत तक बहुत ही ध्यान से पढ़ना चाहिए। आइये जानते हैं की ये 5 गलतियाँ कौन-कौन-सी हैं –

आंसर राइटिंग स्किल की कमी –

कई बार जब हमारा बोर्ड का पहला एग्जाम होता है तो इस गलती को काफी बच्चे करते हैं। वे घर से आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस ही नहीं करके जाते हैं और न ही उन्होंने बहुत ज्यादा सेम्पल पेपर्स सॉल्व किए होते हैं, जिस कारण उनको आंसर राइटिंग का अनुभव नहीं होता है।

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ऐसे स्टूडेंट ऐसे सवाल में फँस जाते हैं जब उनके पेपर में कोई ऐसा प्रश्न आ जाता है, जिसके बारे में उन्हें जानकारी तो होती है लेकिन, उन्होंने उस प्रश्न का सटीक उत्तर रटा नहीं है। अगर आप उत्तर लिखने की कला को पहले से ही विकसित कर लेते हैं तो, ऐसी समस्या आपके सामने नहीं आती है।

सिलेबस अपडेट की जानकारी न होना –

जैसा की हमने अभी कुछ साल पहले कोरोना महामारी के समय देखा था की, सिलेबस में बड़े बदलाब हुए थे। ऐसे ही बदलाब बोर्ड की ओर से समय-समय पर किए जाते हैं, कई बार विद्यार्थी इसे नजरअंदाज कर देते हैं या उनको इसकी जानकारी न होने पर भी यह समस्या होती है।

बच्चे सही सिलेबस की जानकारी न होने की बजह से अपना ज्यादा समय और ऊर्जा ऐसे टॉपिक या चैप्टर को याद करने में लगा देते हैं, जहाँ कम पढ़कर भी काम चल सकता था।

समय मैनेज करने की समस्या –

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं की सैंपल पेपर्स को सॉल्व करने से आपको पेपर का आईडिया तो होता ही है, साथ में समय पर पेपर पूरा करने की आदत भी विकसित होती है। कुछ बच्चे घर पर सैंपल पेपर्स को सॉल्व तो करते हैं लेकिन, टाइमर लगाकर नहीं करते हैं। इसी बजह से उनको पेपर करते वक्त समस्या होती है।

वे जब पेपर करना शुरू करते हैं तब तो काफी स्पीड से पेपर करना शुरू करते हैं लेकिन, जैसे ही पेपर में कुछ कठिन सवाल आ जाते हैं तो वे उनको समझने के चक्कर में ही अपना बहुत सारा समय बर्बाद कर देते हैं।

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आपके साथ यह परेशानी पेपर के दौरान न आए इसलिए आपको घर पर सैंपल पेपर को टाइमर के साथ सॉल्व करके देखते रहना है और पेपर में एक साधारण कलाई घड़ी जरूर बांधकर जानी चाहिए। इससे आप बीच-बीच में समय देखकर उसी हिसाब से पेपर सॉल्व करने की गति में बदलाब कर सकते हैं।

पेपर में स्टाइलिश घड़ी को लेकर नहीं बैठने देते हैं इसलिए ध्यान रहे कि घड़ी साधारण ही हो।

बिना गलती के चीटिंग का आरोप –

ऐसा वैसे तो बहुत कम बार होता है लेकिन होने की संभावना जरूर रहती है। अगर आपके पास कोई ऐसा बच्चा बैठा है जो बोर्ड एग्जाम में भी चीटिंग कर रहा है तो, आपको इसकी सूचना तुरंत अपने क्लास टीचर को देनी चाहिए।

कई बार ऐसे बच्चों की बजह से कुछ ऐसे बच्चे भी फँस जाते हैं जिनकी कोई गलती नहीं होती। यदि परीक्षा के बीच में बैच चेकिंग करने आ जाता है और वो बच्चा चीटिंग को धीरे से आपकी सीट के नीचे फेंक देता है तो, आप फँस सकते हैं और बैच आपकी कॉपी पे नोट लिख देगा।

वैसे तो आजकल क्लास में कैमरे लगे होते हैं लेकिन कई बार कैमरों के बाबजूद भी इस तरह की घटना हो जाती है। आपको इससे सावधान रहने की जरूरत है।

तबियत खराब –

अगर आप परीक्षा से पहले कोई बाहर की ऐसी चीज खा लेते हैं, जिस कारण आपका पेट खराब हो जाता है या आपको उल्टी आदि की समस्या हो जाती है तो, आपका पूरा पेपर खराब हो सकता है। मुझे लगता है आप ऐसा कभी भी नहीं चाहेंगे।

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अगर आप अपने साथ इस समस्या को नहीं होने देना चाहते हैं तो, परीक्षा देने जाने से पहले हल्का भोजन ही करके जाएं और प्रत्येक खाने की चीज को खाने से पहले सोच लें की, क्या उसे खाना सही है।

खराब हैंडराइटिंग –

कई बच्चों का हैंडराइटिंग खराब ही होता है जबकि, कुछ बच्चे समय की कमीं की बजह से अच्छा-अच्छा नहीं लिख पाते हैं। चाहे आप किसी भी कारण से अच्छा न लिख पाए हों, कॉपी चेक करने वाले टीचर को उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

इसलिए कोशिश करें की अच्छे-अच्छे शब्दों में किसी भी प्रश्न का उत्तर दें। यदि टीचर को आपका राइटिंग पसंद आएगा और साथ में आपने सही जबाब भी दिए होंगे तो, टीचर दिल खोलकर आपको नंबर देगा।

अगर परीक्षा में अभी कुछ दिन बाकी हो तो, आप हमारी हैंडराइटिंग सुधारने वाली पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ें।

पहले पेपर में घबराहट –

बहुत सारे बच्चे जो पहली बार बोर्ड का एग्जाम देते हैं वे अक्सर पेपर देखकर कई बार घबरा जाते हैं क्योंकि, पेपर काफी बड़ा होता है या कई बार पेपर में बहुत सारे प्रश्न उनकी याद के नहीं होते हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा घबराहट से कुछ फायदा नहीं होगा बल्कि, आपकी जो कुछ याद है उसे भी आप अच्छी तरह नहीं लिख पाएँगे।

कोशिश करें की पेपर करते वक्त बीच-बीच में 1-2 बार गहरी श्वास लेते रहे और बीच में 1 बार पानी पीने भी जा सकते हैं। धैर्य के साथ यदि पेपर करेंगे तो पेपर ज्यादा अच्छे से सॉल्व कर पाएंगे।

गलत प्रश्न समझ लेना –

जल्दबाजी में बहुत सारे स्टूडेंट्स ये गलती करते हैं, वे जल्दी-जल्दी के चक्कर में प्रश्न ही गलत पढ़ लेते हैं और उत्तर भी गलत ही लिख आते हैं। उन्हें गलत उत्तर की जानकारी भी परीक्षा कक्ष से बाहर निकलने पर होती है, जब हम फिर से क्वेश्चन पेपर पढ़ते हैं।

इस गलती को करने से बचने के लिए आपको सबसे पहले तो प्रश्न को पढ़ते वक्त जल्दबाजी नहीं करनी है और पेपर पूरा करने के बाद भी एक बार फिर से जांच कर लेनी है की, कहीं कोई गलती तो नहीं हो गई है क्योंकि, 2 उत्तर को गलत करने से अच्छा है एक उत्तर को सही से कर लो।

कलरफुल पैन का इस्तेमाल –

कुछ बच्चे बोर्ड एग्जाम में रंग-बिरंगे पैन का इस्तेमाल करते हैं, जिनसे कॉपी बहुत ही सुंदर लगती है और कई बार कॉपी चेक करने वाला टीचर काफी अच्छे नंबर भी देता है लेकिन, जरूरी नहीं है की जिस टीचर के पास आपकी कॉपी चेक होने के लिए जाएं उन्हें इस तरह के पैन से लिखा हुआ पसंद आता हो।

अगर उन्हें यह पसंद नहीं आता है तो वह कहावत सिद्ध हो जाएगी “बनने गए थे हूर और बन गए लंगूर”। ऐसे में वह टीचर आपके नंबर काट सकता है इसलिए बच्चों को परीक्षा में केवल काला और नीला पैन इस्तेमाल करने के लिए बोला जाता है।

कोशिश करें की हद से ज्यादा सजावट या कॉपी पर किसी तरह का स्टिकर लगाने से बचें वरना, आपके नंबर कट सकते हैं।

अंतिम वार्ता –

तो बच्चों ये थी ऐसी 5 गलती जो आपको बोर्ड एग्जाम के वक्त या उससे पहले नहीं करनी हैं। इन सभी में से ज्यादातर चीजें इस बजह से खराब होती है क्योंकि, आप पूरे सालभर उस लगन और मेहनत से पढ़ाई नहीं करते हैं जो, एग्जाम की डिमांड है।

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अगर आपने सच में मेहनत की है तो, आआपको पोस्ट में बताई गई 1-2 गलतियों को करने से बचना है और बाकी बची हुई गलतियाँ आपसे खुद ही नहीं होंगी।

आशा करता हूँ आपनेपोस्ट से कुछ न कुछ अच्छी जानकारी ली होगी और अब आप बिना किसी झिझक और सवाल के पेपर देने जा सकते हैं। आपका पेपर अच्छा हो, मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। 🙂

अंग्रेजी सीखने की शुरुआत कैसे करें? (ऐसे जल्दी सीख पाएंगे)

अंग्रेजी सीखने की शुरुआत कैसे करें? (ऐसे जल्दी सीख पाएंगे)

अंग्रेजी सीखने की शुरुआत कैसे करें – आजकल अगर आपकोअंग्रेजी आती है तो, आपके आस-पास के लोग आपको न्यूटन, आइंस्टीन जितना दिमागदार मानकर चलते हैं, इसलिए इस भाषा को सीखना बहुत जरूरी हो जाता है।

अंग्रेजी केवल दूसरों के सामने अपने आप को होशियार दिखाने के लिए नहीं है बल्कि, आपके इस भाषा के माध्यम से लगभग पूरी दुनिया से बात कर सकते हैं।

यह भाषा भारतीयों द्वारा इसलिए भी ज्यादा सीखी जा रही है क्योंकि, हमारे देश की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है और हमारे पास कोई एक ऐसी भाषा भी नहीं है जो, हम भारतीयों को आपस में जोड़ती है, इसलिए दो अलग-अलग भाषाओं वाले राज्य के लोग भी आपस में बातचीत के लिए अंग्रेजी ही इस्तेमाल करते हैं।

अगर अभी तक आप भी अंग्रेजी भाषा के महत्व को समझ चुके हैं और अब आपको भी यह भाषा सीखनी है लेकिन, आप नहीं जानते हैं कि इसकी शुरुआत कहाँ से करें तो, यह समझने के लिए आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: जल्दी याद नहीं होता तो, पढ़ें जल्दी याद करने के तरीके।

इस पोस्ट में हमने इस बिषय पर विस्तार से चर्चा की है की, अंग्रेजी सीखने के लिए सबसे शुरू में क्या पढ़ना चाहिए और किस लेवल पर प्रेक्टिस किस तरह से करनी चाहिए?

आपके कुछ अन्य सवालों जैसे – अंग्रेजी सीखने में कितना समय लगता है और अंग्रेजी कहाँ से सीखनी चाहिए? ऐसे सभी सवालों के सटीक जबाब इसी पोस्ट में हैं, आइये एक-एक करके समझते हैं –

★ अंग्रेजी सीखने से पहले जरूरी –

वैसे यदि आप 6महीने या सालभर के लिए किसी ऐसे देश में जाकर रह लें, जिसमें इंग्लिश बोली जाती है तो आपको इस पोस्ट में बताई किसी भी जानकारी की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप अंग्रेजी सीख जाएंगे लेकिन, यदि आप ऐसे माहौल में रहकर अंग्रेजी सीखना चाहते हैं जहाँ आपके आस-पास अंग्रेजी का माहौल नहीं है तो, आपको अंग्रेजी सीखने से पहले यह आना चाहिए –

अंग्रेजी पढ़ना –

अगर आपको अंग्रेजी पढ़ना आता है तो आप जल्दी हिंदी से अंग्रेजी सीख सकते हैं। इसमें आपको ऐसे टीचर्स की बातों में नहीं आना है जो आपको कहते हैं कि आप बिना पढ़ना सीखे ही इंग्लिश बोलना सीख सकते हैं। आप किसी अंग्रेजी माहौल में नहीं रह रहे हैं, इसलिए आपको अंग्रेजी बोलना सीखने से पहले, थोड़ी-बहुत अंग्रेजी पढ़नी आनी जरूरी है।

थोड़े से अंग्रेजी के शब्द-अर्थ –

अगर आप छोटे और आसान-आसान शब्दों को याद कर लेंगे तो, आपको थोड़ी बहुत अंग्रेजी समझ में आनी भी शुरू जाएगी और यह आपको जल्दी इंग्लिश सीखने में बहुत ज्यादा हेल्प करेगी। मेरी सलाह है कि आपको डेली प्रयोग होने वाले शब्द-अर्थ को पहले ही सीख लेना चाहिए और उन्हें हिंदी भाषा के साथ इस्तेमाल करना भी शुरू कर देना चाहिए।

अंग्रेजी बोलने की इच्छा –

बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जो इंग्लिश बोलना चाहते हैं लेकिन, जब वे सीखना शुरू करते हैं तो 2 दिन से ज्यादा सीख ही नहीं पाते हैं। वे पहले एक-दो दिन अंग्रेजी सीखने के लिए काफी मोटीवेट रहते हैं लेकिन 2 दिन बाद ही सारा मोटिवेशन गायब हो जाता है।

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अगर आप इस तरह से बीच-बीच में छोड़-छोड़कर अंग्रेजी सीखने का प्रयास करेंगे तो, आप हमेशा प्रयास ही करते रह जाएंगे। अगर आप अंग्रेजी सीखने के लिए लगातार 5-6 महीने तक रोज 1-2 घण्टा नहीं पढ़ सकते हैं तो, आपको शुरुआत ही नहीं करनी चाहिए क्योंकि, इसमें आपका केवल समय खराब होगा। इंग्लिश सीखने की सच में इच्छा है तभी आगे के स्टेप्स पढ़ें।

★ अंग्रेजी सीखने की शुरुआत में क्या पढ़ें?

अगर आपको अंग्रेजी पढ़ना आता है और थोड़े बहुत शब्द-अर्थ भी याद हैं और अंग्रेजी सीखने के लिए आप मेहनत करने को तैयार हैं तो, आपको नीचे दिए कुछ आसान तरीके अपनाकर 6महीने में बहुत ही अच्छी अंग्रेजी सीख लेंगे। फिर आपको प्रत्येक 2 महीने बाद अंग्रेजी सीखने के शुरुआत नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि, आप अंग्रेजी सीख जाएंगे। तरीके निम्न हैं –

#1. शुरूरात में रटें –

शुरुआत में आपको कुछ अंग्रेजी के रोजाना बोले जाने वाले वाक्य को रट लेना है। आप यूट्यूब या गूगल पर daily use english sentences सर्च करेंगे तो आपको बहुत सारे ऐसे वाक्य मिल जाएंगे जिन्हें अगर आप टेंस की मदद से बनाने का प्रयास करेंगे तो, काफी समस्या आएगी इसलिए, ऐसे वाक्यों को रटना ही अच्छा विकल्प है।

ये वाक्य छोटे-छोटे होते हैं लेकिन, रोज की बोलचाल की भाषा में काफी इस्तेमाल होते हैं। जब आप ऐसे 200-500 वाक्य याद कर लेंगे तो, आपको ऐसा लगेगा जैसे आप टूटी-फूटी अंग्रेजी बोल सकते हैं।

टेंस याद जरूर करें –

बहुत सारे अंग्रेजी के टीचर्स का मानना है कि इंग्लिश बोलने के लिए टेंस सीखने की जरूरत नहीं होती है। उन टीचर्स की यह बात काफी हद तक सही भी है लेकिन, यह ऐसे काम नहीं करती। आप बिना टेंस सीखे इंग्लिश बोलना तभी सीख पाओगे जब आपके आस-पास के लोग इंग्लिश में बात करते होंगे।

यदि ऐसा नहीं है, आपके पास ऐसा माहौल नहीं है तो आपको इन बेकार की बातों पर ध्यान न दें और टेंस को अच्छे से याद कर लें। इंग्लिश टेंस को आप आसानी से 1 महीने में अच्छी तरह याद कर सकते हैं।

अंतिम वार्ता –

मुझे लगता है मैं अंग्रेजी सीखने के लिए जरूरी सभी प्रश्नों पर बात कर चुका हूँ यदि कोई प्रश्न रह गया है तो, आप कमेंट में पूछ सकते हैं और उत्तर पता होने पर साथ में उत्तर भी बता सकते हैं। अगर आपको इस पोस्ट को पढ़कर अंग्रेजी सीखने की शुरुआत करना आसान लग रहा है तो, इसको ऐसे सभी जानने वालों के साथ शेयर करें जिन्हें इंग्लिश सीखने का मन है लेकिन, सही शुरुआत करने का तरीका नहीं मिल रहा है। इस पोस्ट से सभी को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो, इसलिए भी पोस्ट को शेयर करना जरूरी है।

पढ़ने का सही समय कौन सा है | किस समय पढ़ने से जल्दी याद होगा?

पढ़ने का सही समय कौन सा है | किस समय पढ़ने से जल्दी याद होगा?

पढ़ने का सही समय कौन सा है – अक्सर बच्चे इस प्रश्न का उत्तर खोजने में लगे रहते हैं की, पढ़ने का सही समय कौन-सा होता है? क्या सुबह को पढ़ने से ज्यादा याद होता है या शाम को और रात को जल्दी याद होता है। आज की पोस्ट में हम इसी विषय पर बात करेंगे। पोस्ट को पूरा पढ़कर आप खुद से निर्णय कर पाएंगे की आपके लिए पढ़ने का सही समय क्या है?

अगर आप रात में पढ़ते हैं तो, इसके बहुत सारे फायदे हैं लेकिन रात में पढ़ने के नुकसान भी अधिक हैं। यदि आप रात में न पढ़कर सुबह जल्दी उठकर पढ़ते हैं तो, आपके सामने कुछ अलग तरह की समस्या आने वाली हैं। आप दोनों में से किस तरह की समस्या का मुकाबला कर सकते हैं, उसी से निर्णय होगा की, आपके लिए सेल्फ स्टडी का सही टाइम कौन सा है?

किस समय पढ़ना सही होता है?

अगर मैं अपनी बात करूँ तो, मैं जब स्कूल में था तब मैं रात को ज्यादा पढ़ता था और मैं हर साल अपनी कक्षा में टॉप 3 में आता था। मैं रात में केवल इसलिए नहीं पढ़ता था क्योंकि, रात को ज्यादा याद होता है बल्कि, मेरे रात में पढ़ने की मुख्य बजह यह थी की, स्कूल और ट्यूशन से आने के बाद मुझे रात में ही पढ़ने का मौका मिलता था।

रात में पढ़ने का दूसरा सबसे बड़ा कारण यह था क्योंकि, रात में मैं दोस्तों के साथ बाहर घूमने नहीं जा सकता था और न ही मेरा ध्यान भटकाने के लिए मेरे पास कोई होता था इसलिए मैं रात को लगभग 9 बजे से रात के 2 बजे तक पढ़ता था। मैं दिन में भी 1घण्टे की नींद लेता था।

यह दिनचर्या ही मैं पूरे साल फॉलो करता था। जबकि मेरा दोस्त ‘अभय’ रोज सुबह 4 बजे से पढ़ता था और वह भी हमेशा क्लास में टॉप 3 में रहता था। हम दोनों ही क्लास में कोई न कोई स्थान लाते थे इसलिए मेरा अनुभव भी है और सच्चाई भी यही है कि यह कुछ मायने नहीं रखता है की आप किस समय पढ़ाई करते हैं।

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हाँ, यह जरूर हो सकता है कि आपको रात में पढ़ना अच्छा लगता है लेकिन, इंटरनेट पर सुबह जल्दी उठकर पढ़ने के फायदे पढ़कर आपने भी सुबह उठकर पढ़ना शुरू कर दिया है और अब पूरे दिन आपके सिर में दर्द रहता है या आपका पढ़ने का मन नहीं करता है।

यह इसलिए हो सकता है क्योंकि आप अपनी दिनचर्या में बड़े बदलाब बहुत ही कम समय में करने की कोशिश कर रहे हैं। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।


आदत में करें बदलाव – वैसे ज्यादातर बच्चे जब धीरे-धीरे रात में पढ़ने की आदत में बदलाब करके सुबह-सुबह पढ़ना शुरू करते हैं तो, समय के साथ उन्हें रात में जागकर पढ़ने की तुलना में सुबह जल्दी उठकर पढ़ना ही पसंद आने लगता है।

एक होशियार विद्यार्थी के पढ़ने के लिए सुबह के 4बजे से 10बजे का समय सबसे अच्छा होता है। यदि आप स्कूल जाते हैं तो आप सुबह 4 बजे से 7या 8बजे तक अपने स्कूल टाइम के हिसाब से पढ़ सकते हैं।

हम भी आपको यही सलाह देते हैं कि यदि आप रात में पढ़ने वाले छात्र हैं तो, आपको धीरे-धीरे अपनी इस आदत को बदलना चाहिए क्योंकि रात में देर तक जागने की वजह से आपको आने वाले समय में हेल्थ से जुड़ी काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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आजकल ज्यादातर स्टूडेंट्स रात को पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि, उन्हें सवेरा उठना पसंद नहीं है। वे रात को देर तक पढ़ते हैं और सुबह को देर से उठते हैं। हाँ इसका एक नुकसान यह भी होता है की, आप ज्यादा आलसी बन सकते हैं।

यदि आप भी सुबह जल्दी उठकर पढ़ने में असमर्थ हैं तो, आपको कोशिश करनी चाहिए की रात में 11बजे और ज्यादा से ज्यादा 12 बजे के बाद में न पढ़ा जाए क्योंकि, क्वालिटी नींद के लिए यह समय (रात 12 बजे से रात 3बजे) सबसे अच्छा माना जाता है।

सुबह पढ़ें या रात को पढ़ें, किस समय पढ़ना सही रहता है, किस समय पढ़ें,

पढ़ाई के लिए सुबह जल्दी क्यों नहीं उठ पाते हैं आप?

अगर आप अभी तक रात को पढ़ते थे लेकिन, सुबह पढ़ने के फायदे जानने के बाद यदि आप अपनी इस आदत को बदलना चाहते हैं और सुबह सवेरा उठकर पढ़ना चाहते हैं लेकिन, आप आलस के कारण जल्दी नहीं उठ पाते हैं तो आप नीचे बताए तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं –

★ रात को समय पर सोएं –

सुबह जल्दी उठने के लिए रात को पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। आप अपना एक नियम बना सकते हैं कि आपको रोज रात को 10-10:30 बजे के बीच सोने के लिए चले जाना है।

अगर आप इस नियम को फॉलो कर पाते हैं तो, शुरुआत में यदि आप 4 बजे न भी उठ पाएं लेकिन, 5-6 बजे आपकी आंख खुद ही खुल जाएगी।

अगर आप 6घण्टे से ज्यादा की नींद लेते हैं तो, आप इसे समय के साथ-साथ सही कर सकते हैं और फिर आपको सुबह जल्दी उठने में कोई परेशानी नहीं होगी। इससे आप सुबह जल्दी उठकर पढ़ पाएंगे।

शुरूरात में अलार्म –

जब आप सुबह उठना शुरू करेंगे तो शुरूरात में ही आपकी आँख सवेरा नहीं खुलेंगी। सुबह उठने के लिए आपको शुरूरात में अपने साथ थोड़ी जबर्दस्ती तो करनी पड़ेगी।

शुरूरात में आपको अलार्म का इस्तेमाल करना होगा। अगर आप अलार्म बंद करके सो जाते हैं तो, आपको कुछ एडवांस अलार्म ऐप का इस्तेमाल करना चाहिए।

प्ले स्टोर पर ऐसे बहुत सारे अलार्म ऐप हैं, जिनमें आपको अलार्म बंद करने के लिए कुछ कैलकुलेशन करनी पड़ती है, इसी सब को करने में आपकी आंख खुल जाती हैं, आलस गायब हो जाता है और फिर आप विस्तर छोड़कर अन्य जरूरी कार्य और पढ़ाई कर सकते हैं।

अंतिम वार्ता –

अब शायद आपके मन में पढ़ाई के सही समय को लेकर कोई प्रश्न शेष नहीं बचा होगा क्योंकि, हमने आपको बड़े ही साफ शब्दों में बता दिया है की, आपको एकदम से अपने पढ़ाई के समय को नहीं बदलना है लेकिन, यदि आप सुबह के समय पढ़ने की आदत बनाते हैं तो, यह अच्छी आदत होगी।

बहुत सारे स्टूडेंट उपरोक्त बताए समय पर नहीं उठ पाते हैं क्योंकि, वे रात को देर तक जागते हैं। यदि आपको सुबह जल्दी उठकर पढ़ना है तो, आपको रात को जल्दी सोने की आदत भी बनानी होगी। आशा करता हूँ अब आपके पढ़ाई के समय को लेकर मन में आने वाले सभी प्रश्न समाप्त हो गए होंगे लेकिन, इस पोस्ट से सम्बंधित अगर अभी भी किसी प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है तो, कमेंट में बेझिझक होकर आप प्रश्न पूछ सकते हैं।

लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न:

Q1. सुबह कितने बजे से कितने बजे तक पढ़ना चाहिए

जो बच्चे सुबह के समय पढ़ना चाहते हैं उनके लिए सुबह 4 बजे से 7 बजे तक, पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा समय है।

Q2. रात में कितने बजे तक पढ़ना चाहिए

रात में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रात 12 बजे तक ही पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है।

Q3. मैं सुबह जल्दी उठकर क्यों नहीं पढ़ पाता?

शायद आप देर रात तक जागते हैं, जिस कारण सुबह देर तक सोने का मन करता है।

बिना पढ़े परीक्षा में पास कैसे हो, जानिए 8 धाँसू तरीके

बिना पढ़े परीक्षा में पास कैसे हो, जानिए 8 धाँसू तरीके

बिना पढ़े परीक्षा में पास कैसे हो – अगर आपने पूरे साल बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की है और अब एग्जाम बहुत ही जल्दी आने वाले हैं और आपको टेंशन हो रही है की कहीं आप फेल न हो जाएं या आपके नंबर बहुत ही ज्यादा कम न आ जाए तो, यह पोस्ट आपकी थोड़ी बहुत मदद कर सकती है।

अगर आप इस पोस्ट को पेपर से लगभग 10-12 घण्टा पहले देख रहे हो, फिर भी आपको काफी हेल्प मिलेगी क्योंकि, इस पोस्ट में हम आपको ऐसे 8 तरीकों के बारे में बताएंगे जिनको पढ़कर आप यदि थोड़ा बहुत भी पढ़ लेते हैं तो, आपके फेल होने की संभावना बहुत ज्यादा कम हो जाएगी। आइये मुद्दे की बात पर आते हैं और जानते हैं की वे 8 तरीके क्या है –

#1. पेपर के पैटर्न को समझें –

आप किसी भी क्लास का एग्जाम दे रहे हो या किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए जा रहे हैं, सबसे पहले जरूरी है की आप पेपर को अच्छे से समझें की पेपर में किस तरह के प्रश्न आते हैं और उनमें से कितने ऐसे प्रश्न आते हैं जो हर बार आ रहे हैं या ज्यादातर बार पूछे जाते हैं।

महत्वपूर्ण पोस्ट: परीक्षा देने जाने से पहले क्या करना चाहिए?

अगर आप 1-12 तक किसी भी क्लास में हैं तो, प्रत्येक बिषय में कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं जिनमें से बहुत ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं और कई बार तो कुछ टॉपिक भी इतने महत्वपूर्ण होते हैं जिन्हें हर बर्ष घुमा-फिराकर पेपर में रखा ही जाता है इसलिए जरूरी है की, पेपर देने जाने से पहले आप पेपर को अच्छे से समझें।

#2. अब चिंता व्यर्थ है –

अगर आपने बिल्कुल भी कुछ नहीं पढ़ा है और अगले कुछ दिनों या कुछ घंटों में पेपर है और आपको फेल होने का खतरा लग रहा है या बहुत कम अंक आने के डर से आप चिंतित हैं तो, अब इससे कोई फायदा नहीं है बल्कि नुकसान ही है।

आप जितना ज्यादा टेंशन लेंगे उतना ही आपका ध्यान पढ़ाई से हटेगा। अगर आपको लग रहा है की आप फेल हो जाएंगे तो, इसमें तो आप कुछ नहीं कर सकते लेकिन, बचे हुए समय में थोड़ा-बहुत पढ़ जरूर सकते हैं तो, क्यों न बचे हुए समय में मन लगाकर पढ़ ही लिया जाए क्योंकि, यही परिणाम को बदल सकता है।

#3. कुछ पेपर्स सॉल्व करें –

अगर आपके पेपर में कुछ ही घण्टों का समय है, फिर भी आप पिछले कुछ सालों के पेपर सॉल्व करके अपने लेवल को थोड़ा-सा बढ़ा सकते हैं।

जैसा की मैं पहले भी बता चुका हूँ की, कुछ प्रश्न इतने महत्वपूर्ण होते हैं वे हर साल के पेपर में किसी न किसी रूप में आते ही रहते हैं, कभी शॉर्ट क्वेश्चन के रूप में, कभी लॉन्ग क्वेश्चन के रूप में आते ही रहते हैं। आपको ऐसे ही प्रश्नों को तैयार करने की कोशिश करनी है।

ऐसे प्रश्नों को आप पिछले 5 साल के पेपर देखकर खोज सकते हैं। आपको सभी पेपर्स को देखकर खुद ही आईडिया हो जाएगा।

#4. होशियार बच्चे के नोट्स लें –

अगर आप सच में पास होना चाहते हैं और अभी आपके पास 1-2 दिन का समय भी है, फिर भी आपको किसी होशियार बच्चे से नोट्स लेकर कुछ न कुछ पढ़ाई जरूर करनी चाहिए। ऐसा कभी नहीं होगा की आपको Physics के पेपर में केवल physics की स्पेलिंग आती है और आप पास होने की आशा में हैं।

जरूर पढ़ें: कम्पटीशन की तैयारी कैसे शुरू करें?

अगर आपको थोड़ा-सा भी कुछ याद रहता है तो, इसका आपको पेपर में बहुत ज्यादा फायदा होगा। फायदा क्या होगा इसके बारे में अगले पॉइंट में बताया गया है।

#5. सम्बंधित जानकारी लिखें –

अगर आपने पहले कुछ भी उस प्रश्न से सम्बंधित जानकारी पढ़ी है या अपने पिछली कक्षाओं में उस टॉपिक के बारे में पढ़ा है तो, आपको थोड़ा-सा दिमाग लगाकर उस लिमिटेड जानकारी को ही बढ़ा-चढ़ाकर लिख देना है।

यह तभी संभव है जब आपको आईडिया हो की, प्रश्न में क्या पूछा गया है। अगर आपके 1-2 पॉइंट भी सही होते हैं फिर भी कॉपी चेक करते वक्त टीचर आपको 0 नंबर नहीं देगा लेकिन, ऐसा भी नहीं है की पेपर में शीला की जवानी लिखकर आप पास हो सकते हैं।

#6. प्रश्न न छोड़ें –

अगर आप पेपर में आए सभी प्रश्नों का उत्तर लिखकर आते हैं और ज्यादातर प्रश्नों के उत्तर के बारे में आपको थोड़ी-बहुत जानकारी थी तो, आपके पास होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी। कोशिश करें की ऐसे प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें जो, आपको सबसे अच्छे से आते हों।

इससे टीचर को लगेगा की आप उतने भी कमजोर नहीं हैं और यदि टीचर को और अधिक इम्प्रेस करना है तो, अगला पॉइंट इसी पर है।

#7. लिखाबट पर विशेष ध्यान दें –

अगर आप ऊपर दिए सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखते हैं और साथ में आप अच्छी तरह से लिखते भी हैं तो, आपको थोड़े से ज्यादा नंबर लाने में मदद जरूर मिलेगी। कई बार ऐसे बच्चों के नंबर भी कम आ जाते हैं, जिनको काफी कुछ याद रहता है और वे लिखकर भी आते हैं।

उनके नंबर कम आने का सबसे बड़ा कारण यही होता है की, उनका हैंडराइटिंग बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। वे पूरे सालभर अपना ध्यान केवल चीजों को याद करने पर लगाते हैं और लिखावट पर ध्यान नहीं देते हैं, जिस कारण उनके नंबर कटते हैं।

अगर आप सुंदर-सुंदर लिख सकते हैं तो, आपको कम नॉलेज होने पर भी अच्छी लिखावट का लाभ मिल सकता है। यदि आपके पास अभी 10-15 दिन का समय हो तो, आप लिखावट सुधारने के तरीके वाली पोस्ट भी पढ़ सकते हैं।

#8. उत्तर में शब्दों की संख्या –

कोशिश करें की यदि क्वेश्चन पेपर में उत्तर की लिमिट दी गई है की, कितने शब्दों में उत्तर लिखना है तो, उतने ही शब्दों में उत्तर लिखें। कई स्टूडेंट्स अधिक नंबर के लालच में बड़ा उत्तर लिखते हैं, पहले इस तरह से उत्तर लिखने का फायदा भी मिलता था लेकिन, अब इसका फायदा नहीं मिलता है।

आपको उत्तर का वर्ड काउंट प्रश्न के हिसाब से रखना है। यदि प्रश्न 1 नम्बर का है तो उसपर ज्यादा समय खराब न करें बल्कि, ज्यादा अंक वाले उत्तर को पहले हल करें। यदि बहुविकल्पीय प्रश्न हैं तो, ससबसे पहले उन्हें सॉल्व करें।

#9. बहुविकल्पीय प्रश्नों को ऐसे हल करें –

आजकल बहुत सारे एग्जाम में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं और स्कूल एग्जाम में सबसे अच्छी बात यह होती है की, वहां माइनस मार्किंग नहीं होती है मतलब, गलत उत्तर चुनने पर केवल उतने ही नंबर कटेंगे जितने नंबर का वह प्रश्न है।

माइनस मार्किंग न होने की बजह से तुक्का लगाना भी क्वेश्चन को छोड़कर आने से लाख गुना अच्छा है। आपको अगर बहुविकल्पीय प्रश्नों में तुक्का लगाना हो तो, कुछ याद न होने की स्थिति में विकल्प न. 1 या 3 को टिक कर सकते हैं। उनके सही होने की संभावना अधिक होती है।

इसे भी पढ़ें: GK कैसे याद करें?

यह प्रतियोगी परीक्षा में उतनी ज्यादा कारगर नहीं है, फिर भी बच्चे इस ट्रिक का इस्तेमाल बड़ी-बड़ी परीक्षा जैसे UPSC के प्रीलिम्स एग्जाम में भी करते हैं। बस याद न होने की स्थिति में किसी भी एक विकल्प को चुनकर सभी में टिक लगा देते हैं। यह तुक्का जब बहुत अच्छा काम करता है जब किसी एक या दो विकल्प के ना होने के बारे में 100% जानकारी हो।

एग्जाम में न करें ये गलती –

कुछ ऐसी गलतियां हैं जो बच्चे अक्सर करते हैं, आपको इस तरह की गलती करने से बचना चाहिए क्योंकि, इनसे आपको फायदे के बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है। ये गलतियाँ निम्नलिखित हैं –

  • कॉपी में पैसे रखना।
  • कॉपी में विनती लिखना।
  • कॉपी में गाना या कोई कहानी लिखना।
  • पेपर में नकल करना।
  • कॉपी पर अपना नाम या जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करना।

अंतिम वार्ता –

अब आपको दोबारा यह नहीं पूछना पड़ेगा की, बिना पढ़े परीक्षा में पास कैसे हो क्योंकि, आपने इस पोस्ट को पढ़कर जरूरी जानकारी हासिल कर ली है। अब वक्त है इस जानकारी को फॉलो करने का, इसलिए समय बर्बाद न करते हुए इसे फॉलो कीजिए और साथ ही अपने ऐसे दोस्तों के साथ भी शेयर कर दीजिए जिन्होंने, इस एग्जाम के लिए बहुत ज्यादा पढ़ाई नहीं की है।

अगर आपको और कोई आसान तरीका पता है, जिससे कम पढ़ाई के बाद भी पास होने की संभावना बढ़ सकती है तो, ऐसे शानदार तरीके को कमेंट में सभी को बताना न भूलें।

जानिए रात में पढ़ने के अद्भुत फायदे। लेकिन नुकसान भी कम नहीं हैं

जानिए रात में पढ़ने के अद्भुत फायदे। लेकिन नुकसान भी कम नहीं हैं

रात में पढ़ने के फायदे – आज का बिषय बहुत ही महत्वपूर्ण है। मैं आपके साथ अपना कुछ अनुभव भी शेयर करने वाला हूँ जिसमें, मैं आपको रात में पढ़ाई करने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाला हूँ।

जहाँ तक बात है की आपको यह जानकारी दे कौन रहा है तो, मैं आपको बता दूँ कि अपनी स्टूडेंट लाइफ में कक्षा 1-9 तक कभी भी ऐसा नहीं हुआ की, मेरा क्लास में टॉप 3 में से कोई सा भी स्थान न आया हो, साथ में मुझे रात में पढ़ने का शौक था, इसलिए आप मेरी बातों पर विश्वास कर सकते हैं। चलिए पोस्ट में मुख्य मुद्दे की बात पर आते हैं –

रात में पढ़ने के बड़े नुकसान –

अक्सर बहुत सारे स्टूडेंट गूगल या यूट्यूब पर रात में पढ़ने के फायदों के बारे में जान लेते हैं, लेकिन उनको इसके भारी नुकसान के बारे में नहीं पता होता है। लगातार लंबे समय तक रात में पढ़ाई करने के बाद आपको जो चीज समझ आने वाली है, आप उन्हें इस पोस्ट में पढ़कर समझ सकते हैं। आइये जानते हैं –

याद्दाश्त कमजोर –

वैसे ऐसा कहा जाता है की, जो लोग रात को पढ़ते हैं वे बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट होते हैं और उनकी याद्दाश्त भी अच्छी होती है लेकिन, जब आप रात में देर तक पढ़ते हैं तो, आपकी नींद खराब होती है और आप दिन में उतनी अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं। जिसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है और आपकी याद्दाश्त समय के साथ कमजोर होती जाती है।

इसे भी पढ़ें: टॉपर बनने के लिए कितने घण्टे पढ़ना चाहिए?

ऐसा आपको शुरुआत में नहीं पता चलेगा लेकिन, जब आप लम्बे समय तक रात में पढ़ाई करना जारी रखेंगे तो, आपको यह जरूर महसूस होगा। इसलिए यह एक बड़ा रीज़न है जो रात में पढ़ने वालो को जानना चाहिए।

(यदि फिर भी रात में पढ़ते हैं तो, ध्यान रखें की उसकी बजह से नींद पर कोई असर न पड़े इसलिए रात के 11-4 बजे के बीच नींद जरूर लें।)

पोस्ट के अंत में निष्कर्ष पढ़ना न भूलें, वरना आप गलत जानकारी के साथ पोस्ट से बाहर चले जाएंगे।

डार्क सर्कल की समस्या –

रात में जो भी स्टूडेंट्स पढ़ते हैं उनके लिए यह समस्या आम है। आप चेहरे पर महंगे प्रोडक्ट्स प्रयोग करके उन्हें दबा तो सकते हैं लेकिन, यदि आपको रात में पढ़ने की आदत है तो, आपके सामने यह समस्या जरूर ही आएगी।

चेहरे की सुंदरता को खराब करने के साथ-साथ डार्क सर्कल से यह भी पता चलता है की, आप नींद पर्याप्त नहीं ले पा रहे हैं। देर रात तक जागने और क्वालिटी नींद न ले पाने की बजह से आपको पूरे दिन थकान जैसा भी महसूस होता रहेगा।

पाचन से सम्बंधित समस्या –

जो बच्चे रात को देर तक जागते हैं, जाहिर-सी बात है की उनके सुबह जल्दी उठने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है। जिसकी बजह से ऐसे स्टूडेंट्स बहुत ज्यादा आलस भी महसूस करते हैं और बहुत कम स्टूडेंट्स शाम के समय व्यायाम आदि करते हैं, जिसकी बजह से उन्हें हमेशा पेट से जुड़ी समस्या जैसे – कब्ज, गैस आदि समस्या रहती है।

पेट से जुड़ी एक समस्या पेट की अनेक समस्याओं को जन्म देती है और इसका मूल कारण यही है की लोग सुबह जल्दी नहीं उठ पाते हैं।

नींद से जुड़ी समस्या –

अगर आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो, रात में देर तक स्क्रीन के सामने रहने की बजह से आपको कुछ समय बाद नींद से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है। जिसमें आपकी नींद कम होने की समस्या पैदा हो सकती है।

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बहुत सारे स्टूडेंट्स यह सुनकर खुश हो जाते हैं की, चलो अब नींद कम आएगी लेकिन, ऐसा नहीं है की आपको नींद कम आएगी बल्कि आपको आलस पूरे दिन आएगा और नींद भी नहीं आएगी।

नींद पूरी न होने पर आपको सर में दर्द, आलस, थकान जैसी समस्या महसूस हो सकती हैं। इन सभी समस्याओं का एक कारण यह है की, आप रात को पर्याप्त नींद नहीं लेने के बजाय पढ़ाई करते हैं।

व्यर्थ विचार –

ऐसे विद्यार्थी जो रात में पढ़ाई करते हैं वे शुरुआत से ही इस बात को नोटिस कर सकते हैं की, रात में वे पढ़ते तो कुछ ही घंटे हैं वरना, यदि कुछ भी दिमाग में आ जाये तो बहुत सारे समय व्यर्थ के विचारों में खोये हुए ही निकल जाता है।

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है की, रात के समय आप ज्यादा अधिक सोचते हैं तो, कमेंट में जरूर शेयर करें। बहुत सारे बच्चे रात में अकेले होने पर इंटरनेट का गलत इस्तेमाल भी करते हैं, जिसकी खबर उनके माँ-बाप को बिल्कुल भी नहीं होती है।

समय मैनेज करने की समस्या –

अगर आप रात में पढ़ाई करते हैं तो, आप समय को उतने ज्यादा अच्छे तरह से कभी मैनेज नहीं कर पाएंगे जितनी अच्छी तरह एक सुबह जल्दी उठकर पढ़ने वाला विद्यार्थी कर पाएगा। आपका दिन ही जब देर से शुरू होगा तो, आप सुबह की ताज़ी हवा में श्वास लेकर अच्छा महसूस भी नहीं कर पाएंगे।

यदि आप अभी स्कूल जाते हैं तो, और भी बड़ी समस्या यह आ जाएगी की अब आपको स्कूल में क्लास में पढ़ाई में मन नहीं लगेगा बल्कि, आपको ज्यादा अच्छे से समझ में भी नहीं आएगा और आपको पूरे दिन शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होगी।


रात में पढ़ने के अद्भुत फायदे –

ऐसा नहीं है की रात में पढ़ने के केवल नुकसान ही हैं बल्कि, रात में पढ़ने के कुछ बड़े नुकसान भी हैं। मैं खुद रात में पढ़ाई करता था इसलिए मुझे कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण कारणों के बारे में पता है जिसकी बजह से मैं रात में ही पढ़ना पसंद करता था। आइये आपको बताते हैं की रात में पढ़ाई करने से आपको कौन-कौन से फायदे मिलेंगे?

शांत वातावरण –

रात में पढ़ने का यह मुझे सबसे बड़ा फायदा लगता था की, मैं रात में खाना खाने के बाद घण्टों तक लगातार पढ़ पाता था और मुझे रात में बाहर घूमने का मन भी नहीं करता था और मेरे दोस्त या अन्य कोई मुझे रात में डिस्टर्ब भी नहीं करता था।

इसे भी पढ़ें: पेपर में जाने से पहले क्या करना चाहिए?

रात में पढ़ने का यह सबसे बड़ा कारन था क्योंकि, रात में मन भटकाने वाले दोस्त साथ नहीं होते थे तो, अपने भविष्य से संबन्धित प्रश्न भी मन में खुद ही आते थे जो, मुझे पढ़ाई करने पर मजबूर करते थे। मैं रात में बहुत ज्यादा मोटिवेटेड फील करता था।

क्रिएटिव सोच –

मुझे ऐसा लगता था की मैं रात में ज्यादा यूनिक चीजे करता हूँ। मेरे मन में रात के 1 बजे के करीब बहुत अच्छे-अच्छे आइडियाज आते थे और मैं पढ़ाई के साथ यूट्यूब पर वीडियोस भी बनाता था इसलिए, जो वीडियो के थंबनेल होते थे उन्हें मैं रात को 1 बजे ही बनाता था।

अब मैं रात को देर तक नहीं जागता हूँ क्योंकि, अब मुझे लगता है की मैं सुबह जल्दी उठकर रात के मकाबले ज्यादा ऊर्जा महसूस करता हूँ और मैं सुबह को भी क्रिएटिव सोच सकता हूँ।

ऑप्शन न होना –

रात के समय हमारे मा-बाप घर पर ही होते हैं, जो हमें पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं। जब हम पढ़ते बैठते हैं तो, हमारे पास पढ़ाई के अलावा बहुत ज्यादा विकल्प नहीं होते हैं क्योंकि, न ही दोस्त पास में होते हैं, न ही हम बाहर घूमने जा सकते हैं इसलिए, पढ़ने के अलावा कोई विकल्प न होने के कारण भी हम रोज रात के समय अच्छे से बिना मन भटके पढ़ाई कर पाते हैं।

रूचि –

कुछ बच्चों और बड़ों को रात में देर तक जागकर ही वर्क करना पसंद होता है। वे सुबह में ज्यादा आलस महसूस करते हैं और वे रात में कितनी भी रात तक जाग लेते हैं, वैसे आपको लग सकता है की आप भी वैसे ही हैं लेकिन, इसकी संभावना बहुत ज्यादा कम है।

सच्चाई यह है की यदि आप अपने मन को यह समझा देते हैं की, आपको सुबह में जल्दी उठना ज्यादा पसंद है तो, आपका मन उसे ही मां लेगा और आपको सुबह जल्दी उठने का ही मन करेगा।

ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो रात में ही ज्यादा ऊर्जा महसूस करते हैं। ऐसे लोगों को मैं सलाह दूँगा की आपको रात में ही पढ़ना चाहिए।

निष्कर्ष –

मुझे लगता है की आपको रात में पढ़ने के बजाय सुबह के समय पढ़ना चाहिए लेकिन, यदि आपको इस समय रात में पढ़ने की आदत है तो आपको इसे एकदम से नहीं बदलना चाहिए। यदि आप रात के बजाय सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करेंगे तो, आप बहुत सारी शारीरिक और मानसिक परेशानियों से बचे रह सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: पढ़ते वक्त नींद भगाने के तरीके।

कुछ बच्चों का कहना है की वे सुबह को जल्दी नहीं उठ पाते हैं, इसका कारण यह है की वे रात को जल्दी नहीं सोते हैं। अगर वे रात में जल्दी सोना शुरू करेंगे तो, सुबह जल्दी ही खुद से नींद खुल जाएगी।

अगर आप इस समय रात में पढ़ते हैं तो, हमारी सलाह और इस पोस्ट का यही निष्कर्ष है की आपको इस आदत को धीरे-धीरे बदलने का प्रयास करना चाहिए और सुबह जल्दी उठकर योग, व्यायाम आदि करके पढ़ाई करने का प्रयास करना चाहिए।

★ पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂

हैंडराइटिंग सुधारने के लिए अपनाए ये जादुई तरीके [60 दिन में बदलाब देखें]

हैंडराइटिंग सुधारने के लिए अपनाए ये जादुई तरीके [60 दिन में बदलाब देखें]

अगर अब आपको भी अपनी हैंडराइटिंग सुधारनी ही है, तो इस पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ लें। इसमें आपको बहुत सारी ऐसी जानकारी मिलेगी जिससे आप अगले 2 महीने बाद अपनी आज की हैंडराइटिंग और 2 महीने बाद वाली हैंडराइटिंग देखकर हैरान रह जाएंगे।

आप केवल 2 महीने में ही अपनी हैंडराइटिंग में धरती-आसमान का फर्क देख पाएंगे क्योंकि, नीचे बताए तरीकों से आपकी हैंडराइटिंग अगले कुछ दिनों में बहुत ज्यादा सुधर जाएगी, चलिए आपके हैंडराइटिंग से जुड़े एक-एक प्रश्न का उत्तर विस्तार से जानते हैं –

1. अच्छी हैंडराइटिंग के फायदे –

अगर आप स्कूल या कॉलेज में हैं तो ज्यादा अच्छे अंक लाने में आपकी हैंडराइटिंग का योगदान बहुत ज्यादा होता है। अगर आप और आपका दोस्त दोनों एक ही उत्तर को अपने-अपने हैंडराइटिंग में लिखेंगे, यदि आपका हैंडराइटिंग बहुत ज्यादा अच्छा और आपके दोस्त का राइटिंग बहुत ज्यादा गंदा होगा तो, आपके नंबर हमेशा ज्यादा ही आएँगे।

चाहे आप बोर्ड एग्जाम की बात कर लें वहाँ भी वही बच्चा ज्यादा नंबर लाएगा जिसकी राइटिंग अच्छी होगी। हाँ, आपको सही उत्तर तो याद होना ही चाहिए साथ ही राइटिंग भी अच्छी हो तो, कॉपी चैक करने वाले सर के आपकी कॉपी को देखकर फेफड़े खुश हो जाते हैं और फिर वे आपको दिल खोलकर नंबर देते हैं।

इसे भी पढ़ें: परीक्षा में 90% कैसे लाएं?

क्लास में टीचर को इम्प्रेस करने का सबसे अच्छा तरीका है, की अपना हैंडराइटिंग अच्छा कर लो।

2. हैंडराइटिंग कितने समय में सुधर जाती है?

यह आपके सीखने के ऊपर है, अगर आपको सीखने की चाह है और आप रोज का आधा घण्टा भी अपनी हैंडराइटिंग को सुधारने में दे सकते हैं तो, आपको अपनी राइटिंग में पहले सप्ताह से ही बड़ा फर्क दिखना शुरू हो जाएगा।

जहाँ तक हैंडराइटिंग में सुधार शुरू होने की बात है तो, वो तो पहले दिन से ही शुरू हो जाएगा।

आजकल तो हैंडराइटिंग सुधारने के लिए बच्चे ऑनलाइन कोर्स भी ले रहे हैं, जहाँ टीचर्स उन्हें यही सब आसान-आसान प्रेक्टिस के जरिए अच्छी तरह लिखना सिखा रहे हैं।

अगर आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं तो, आपको कोई भी कोर्स खरीदने की जरुरत नहीं है, बस इन तरीकों को फॉलो करो और आपकी हैंडराइटिंग में सुधार होना शुरू हो जाएगा। इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं है।

3. हैंडराइटिंग सुधारने के आसान तरीके –

हैंडराइटिंग सुधारने के लिए आपको बस ये 5 बाते फॉलो करनी है और इन्हें आपको कम से कम 2 महीने तक फॉलो करना है, उसके बाद आपको ध्यान रखकर इन्हें फॉलो नहीं करना होगा क्योंकि, आपको इन सब की आदत हो जाएगी।

★ पैन-पेन्सिल को सही से पकड़ें – 

जी हाँ, शुरुआत यहीं से करनी है सबसे पहले यदि आप पेन्सिल को बहुत ज्यादा नीचे से पकड़ते हैं तो, उसे थोड़ा-सा ऊपर से पकड़ना शुरू करें। आप नीचे दी गई इमेज देख सकते हैं और ज्यादा अच्छे से पेन्सिल पकड़ना सीख सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: बिना पढ़ें परीक्षा में पास होने के तरीके।

पेन्सिल को सही जगह से पकड़ना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है की आप पेन्सिल को किस तरह से पकड़ते हैं, यह भी आप इसी इमेज में देख सकते हैं। कुछ लोग पेन्सिल को सभी उँगलियों से पकड़ते हैं, उससे अच्छा है की आप पेन्सिल को इमेज न. 2 के जैसे पकड़ें यह सही तरीका है।

हैंडराइटिंग सुधारने के तरीके,

★ कसकर पेन-पेन्सिल न पकड़ें –

कुछ लोग बहुत ज्यादा कसकर पेन पकड़ते हैं, उससे उनके राइटिंग पर असर पड़ता है साथ ही आपकी उँगलियाँ भी जल्दी ही दर्द करना शुरू कर देती हैं, इसलिए बिल्कुल ही साधारण तरीके से पेन्सिल पकड़ें और शुरुआत में बहुत तेजी से लिखने की कोशिश न करें।

★ शब्दों के बीच में जगह –

ध्यान रखें की आप जब भी लिखें तो पैराग्राफ में प्रत्येक शब्द के बीच बराबर-बराबर जगह होनी चाहिए। साथ ही आपको किसी भी अक्षर को बड़ा या छोटा नहीं करना है बल्कि, शुरुआत में आप बहुत धीरे-धीरे लिखें लेकिन, आपके सभी शब्द नीचे वाली लाइन के ऊपर बराबर ऊँचाई पर होने चाहिए।

इसे भी पढ़ें: जल्दी याद करने के तरीके।

आपको कुछ बहुत बड़ा बदलाब नहीं करना है, बस यही छोटे-छोटे बदलाब आपको करने हैं और राइटिंग इम्प्रूव हो जाएगी।

★ दूसरों की हैंडराइटिंग से सीखें –

दूसरों की हैंडराइटिंग से सीखने वाला तरीका सबसे अच्छा तरीका है और इस पोस्ट का यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट हैं, जिसे पढ़ने के लिए आप अभी तक इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं –

इसमें आपको क्या करना है की आपको एक पैराग्राफ लिखना है और फिर यूट्यूब पर हिंदी गुड हैंडराइटिंग लिखकर सर्च करना है, जिसके बाद आपको कुछ वीडियोस मिलेंगी जिसमें आपको बहुत अच्छी राइटिंग दिखेगी।

आपको उसमें देखना है और फिर अपने पैराग्राफ को देखना है और यह समझने की कोशिश करनी है की, आप किसी अक्षर को किस तरह से लिख रहे हैं और उसी अक्षर को अच्छी राइटिंग में किस तरह लिखा गया है।

इसे भी पढ़ें: पढ़ते समय नींद से कैसे बचें?

आपको एक-एक अक्षर को ध्यान से देखना है और उसी तरह के अक्षर बनाने की कोशिश करनी है। यही एक तरीका है, जिससे आपकी हैंडराइटिंग इम्प्रूव हो सकती है।

आपको बस रोज एक पैराग्राफ खुद से लिखना है और फिर वही कोई अच्छी हैंडराइटिंग वाली वीडियो देखकर उसी पैराग्राफ के अक्षरों को धीरे-धीरे उसी की तरह लिखने की कोशिश करनी है।

अच्छी हैंडराइटिंग,

आपको लगातार 2 महीने तक इसी की प्रेक्टिस करनी है और आपकी राइटिंग अच्छी हो जाएगी।

★ शुरुआत में लाइन पेपर इस्तेमाल करें –

जैसे यदि आप बड़ी कक्षा में होंगे या किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे होंगे तो, ज्यादातर बच्चे बिना लाइन वाली कॉपी पर ही नोट्स बनाते हैं।

अगर आपको अपनी राइटिंग सुधारनी है तो, आपको शुरुआत में लाइन वाली कॉपी ही इस्तेमाल करनी है क्योंकि, आप उसपर ज्यादा अच्छे तरीके से लिख पाएंगे।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ आपने ऊपर बताए सभी तरीके पढ़ें होंगे और अब आप भी उन्हें फॉलो करके अपनी हैंडराइटिंग सुधार पाएंगे। अगर आपको ऊपर बताए तरीकों के अलावा भी कोई आसान तरीका पता है, जिससे हैंडराइटिंग को सुधारा जा सकता है, तो कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर कर लें और इस पोस्ट के लिंक को कहीं शेयर कर लें और 2 महीने बाद कमेंट में आकर बताएं की, आपकी हैंडराइटिंग में सुधार हुआ या नहीं।

इसे भी पढ़ें: 1 दिन में एग्जाम की तैयारी कैसे करें?

मुझे आशा है आपकी हैंडराइटिंग जरूर अच्छी हो जाएगी और इसका फायदा तो फिर आपको मिलेगा ही। यह फायदा आपके और जानने वालों को भी मिल सके इसलिए इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें।

इस पोस्ट को शुरू से अंत तक अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

90 परसेंट लाने के लिए क्या करना चाहिए (बहुत ही बहुमुल्य जानकारी)

90 परसेंट लाने के लिए क्या करना चाहिए (बहुत ही बहुमुल्य जानकारी)

बच्चों क्या आपने भी केवल परीक्षा में पास होना नहीं बल्कि, बहुत अच्छे अंकों के साथ पास होने का फैसला कर लिया है? क्या आप भी 90% अंकों के साथ टॉप करना चाहते हैं? यदि हाँ, तो यह पोस्ट आपके लिए है।

इस पोस्ट में वे सभी सीक्रेट और मेहनत करने के तरीके बताएंगे जिनको, सभी होशियार बच्चे फॉलो करते हैं और हर साल अच्छे अंकों से पास होते हैं।

सबसे पहले समझने वाली बात यह है की, दुनिया में कोई भी ऐसा तरीका नहीं है जिससे आप केवल एक रात पढ़कर 90% अंक ला पाएं। (बस आपने नकल न की हो) ।

यदि बात 70-75% की हो तो 1महीने या 2महीने में, कड़ी मेहनत करके आप इतने नम्बर ला सकते हैं लेकिन, 90% के लिए आपको कम से कम 6-8 महीने का समय लगेगा इसलिए पोस्ट में बताई गई रणनीति 6 महीने को ध्यान में रखकर ही बनाई गई हैं।

90% अंक लाने के लिए जरूरी बातें –

90% अंक लाने के लिए पूरे सालभर अच्छे से पढ़ाई करनी होती है। फिर भी यदि कोई बच्चा पेपर से 6 महीने पहले भी पढ़ाई को लेकर सिरियस हुआ है और वो नीचे बताई कुछ अहम बातों का ध्यान रखता है, तो भी 90% अंक लाए जा सकते हैं –

6 महीने पहले लक्ष्य और समय सारणी बनाए –

बच्चों चाहे आपके एग्जाम लोकल हों या बोर्ड एग्जाम हों, 90% अंक लाना कोई मजाक नहीं है अगर आप UP Board या बिहार बोर्ड से हैं तो आपके लिए यह बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा जबकि, CBSE बोर्ड वाले बच्चों के लिए 90% लाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन, फिर भी कम से कम 6महीने पहले रणनीति बनानी ही पड़ेगी।

प्लानिंग से पढ़ने पर 90 परसेंट लाने में मदद मिलेगी,

6 महीने पहले आपको तीन तरह के लक्ष्य बनाने हैं, जिनमें से पहला लक्ष्य लंबे समय के लिए होगा जैसे, 6महीने बाद जब एग्जाम हो तो उससे पहले आपको सारा सिलेबस याद होना चाहिए।

गजब पोस्ट: बिना पढ़े परीक्षा कैसे पास करें?

दूसरा लक्ष्य महीनेभर के समय के लिए तैयार करना होगा जिसमें, आप 1 महीने में क्या करना चाहते हैं, वो जानकारी होगी और तीसरा सबसे छोटा लक्ष्य होगा जिसमें आपको 1 दिन में करने वाली चीजें लिखनी होंगी।

जब आप इन तीन तरह के लक्ष्य बना लेंगे तो, आपको पता होगा की अगर आप 6 महीने में पूरा सिलेबस कवर करना चाहते हैं तो, आपको कितनी मेहनत रोज करनी होगी।

अगर अब आप इस मेहनत को करने के लिए तैयार हैं तो, रिजल्ट वाले दिन आपकी कड़ी मेहनत का फल आपके सामने होगा।

लक्ष्य बनाना कैसे है? अगर इस पर भी बात करें तो एक बात समझने वाली है की आपका टाइम टेबल इस बात पर फोकस करके नहीं बनना चाहिए की, आपको रोज कितने घंटे पढ़ना है बल्कि आपको यह पता होना चाहिए की, आज आपको कितना सिलेबस कवर करना है।

अगर आप इस तरह से अपने पूरे सिलेबस को छोटे-छोटे टुकड़ों में बात देते हैं तो, आपको पता होगा कि आपको कितनी मेहनत करनी है और कितनी रफ्तार से आगे बढ़ना है।

ध्यान रखें –

  • बिना लक्ष्य बनाए मंजिल कभी नहीं मिलती।
  • बिना समय सारणी बनाओ, समय तेजी से हाथ से निकल जाएगा।
  • समय सारणी में पढ़ने का समय तो होगा लेकिन, पढ़ाई इस बात को ध्यान में रखकर होगी की आज कितना पढ़ना है।

बिना अनुशासन के सफलता नहीं –

अक्सर हम रिजल्ट वाले दिन उस बच्चे को देखते हैं, जिसमें टॉप किया होता है। उस दिन हम उस होशियार बच्चे को देखते हैं तो वो बहुत खुश होता है। बहुत सारे बच्चे उस दिन, उस बच्चे से ज्यादा नंबर लाने के बारे में सोचते हैं लेकिन, उनसे एक गलती हो जाती है।

90 परसेंट लाने के लिए अनुशासन जरूरी है,

बच्चों वो गलती है केवल उसकी खुशी वाली साइड देखना। टॉप न करने वाले बच्चे उस टॉपर बच्चे के उस अनुशासन को नहीं देखते हैं, जब उसने पूरी-पूरी रात की नींद खराब करके पढ़ाई की, जब उसका मन भी सोने को कर रहा था।

टॉपर बच्चा अपने समय को मैनेज करना जानता है और वह अपने मन को समझाना भी जानता है। ज्यादातर बच्चे कभी टॉपर नहीं बन पाते क्योंकि, वे केवल ट्रॉफी लेने के लिए खुद को तैयार करते हैं, मेहनत करने के समय वे अपने मन को नहीं समझा पाते।

ये जरूरी है –

  • अगर टॉपर बनना है तो, हर रोज पूरी नींद लेने का मौका नहीं मिलेगा।
  • अपने मन को बार-बार मनाना होगा और न चाहते हुए भी पढ़ाई करनी होगी।
  • दोस्तों के साथ बिताने वाले समय को कम करना होगा। (टॉपर होने की खुशी के लिए छोटी-छोटी खुशी जैसे – टाइमपास करने की आदत, दोस्तों से घंटो बात करने की आदत, किसी भी अन्य काम को ज्यादा समय देने की आदत को छोड़ना होगा।)

अभी मैं आपको टॉपर बच्चों के कुछ विशेष गुण के बारे में जानकारी दे रहा हूँ। आगे मैं आपको वो तरीके भी बताऊंगा जिनको फॉलो करने पर कोई भी बच्चा टॉप कर सकता है।

जरूर पढ़ें: 1 दिन में एग्जाम की तैयारी कैसे करें?

ज्यादातर पोस्ट्स में आपको बताया जाता है की, 7-8 घण्टे की अच्छी नींद लेनी जरूरी है लेकिन, टॉपर बच्चा यह बात जानता है की, 8घंटे सोने से बॉडी A+ रह सकती है लेकिन एग्जाम में मार्क्स A+ नहीं रह पाएंगे।

बच्चों के लिए 5-6 घंटे सोने का समय पर्याप्त है और कभी-कभी 4घंटे सोकर भी काम चलाने में कोई समस्या नहीं है।

इंटरनेट का सही इस्तेमाल करना –

बच्चों का मन पढ़ाई से हटता जा रहा है, सोशल मीडिया इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार है। बच्चे सोशल मीडिया पर घण्टों समय बर्बाद कर रहे हैं और कुछ बच्चे ऑनलाइन गलत तरह का कॉन्टेंट देखकर अपनी हेल्थ और अपना कीमती समय दोनों को बर्बाद करने में लगे हुए हैं।

90% के लिए इंटरनेट का सही इस्तेमाल करें,

अगर टॉपर बनना है तो आपको मोबाइल या किसी भी डिवाइस को अपने फ़ायफे के लिए इस्तेमाल करना सीखना होगा। मुझे लगता है की यदि आप दिन में 2-3 घंटे सोशल मीडिया पर केवल माइंड फ्रेश करने के चक्कर में बेकार कर रहे हैं तो, आपको 90% अंक लाने का सपना छोड़ देना चाहिए।

अगर आप चाहकर भी सोशल मीडिया नहीं छोड़ पा रहे हैं तो, इसका समय घटाकर ज्यादा से ज्यादा आधा घण्टा कर दीजिए।

हाँ, ऑनलाइन माध्यम से आप नोट्स या पढ़ाई से रिलेटेड चीजे देख सकते हैं, जिसके लिए यूट्यूब एक अच्छा प्लेटफॉर्म है लेकिन, इंस्टाग्राम से आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

महत्वपूर्ण बातें –

  • 90 पपरसेंट अंक लाने के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
  • नोट्स आदि के लिए यूट्यूब का इस्तेमाल करना अच्छा है।
  • अगर इस बार आपका बोर्ड एग्जाम है तो, यूट्यूब से Paid Course Buy करना भी फायदेमंद रहता है।

95 परसेंट का लक्ष्य ही सफलता दिलाएगा –

अगर 90 परसेंट नंबर लाने हैं तो लक्ष्य 95% का बनाकर चलना होगा। आपको इतने नंबर केवल तभी मिल सकते हैं जब आपको पूरे सिलेबस में से किसी भी टॉपिक के बारे में डाउट न हो।

किसी भी बिषय में पकड़ कमजोर होना, आपको आपके लक्ष्य से दूर कर सकता है। इसलिए किसी भी बिषय को बिल्कुल ही आसान समझकर कम पढ़ने की गलती न करें। केवल गणित और विज्ञान पर ही फ़ोकस न करें।

जरूर पढ़ें: अंग्रेजी सीखने की शुरुआत कैसे करें?

समय सारणी बनाते हुए भी ध्यान रखने वाली बात है की एक दिन में एक बिषय पढ़ने के बजाय सभी बिषय को रोजाना पढ़ना अच्छा है।

सही बात है –

  • 90 परसेंट लाने वाले बच्चे अधिक का लक्ष्य बनाकर चलते हैं।
  • 90 परसेंट लाने के लिए प्रत्येक बिषय पक्का होना चाहिए।
  • बिना टाइम टेबल फॉलो किए 90% अंक लाना असंभव है।

हैंडराइटिंग में सुधार अभी से करते चलिए –

अभी तक बोर्ड परीक्षा या किसी भी ऐसी परीक्षा जहाँ आपको विस्तृत उत्तर लिखना होता है, वहाँ ऑनलाइन एग्जाम नहीं होता है, इसलिए आपकी हैंडराइटिंग बहुत ही बड़ा रोल प्ले करती है। वैसे अभी पिछले कुछ सालों में देखा गया है की बोर्ड एग्जाम में हैंडराइटिंग पे नंबर कम ही कट रहे हैं। (यह आपके स्टेट में अलग भी हो सकता है)

ऐसे में जिन बच्चों का हैंडराइटिंग कम अच्छा भी है, वे भी अच्छे अंक ला पा रहे हैं लेकिन, फिर भी यदि हैंडराइटिंग पे थोड़ा-सा काम किया जाए तो, कॉपी चेक करने वाले टीचर को अच्छे अंक देने के लिए मनोवैज्ञानिक दबाब बनाया जा सकता है।

टीचर न चाहते हुए भी अच्छे हैंडराइटिंग वाले बच्चे को अधिक अंक दे ही देता है, इसके विपरीत यदि हैंडराइटिंग अच्छा नहीं है तो पूरा लिखने के बाद भी मार्क्स कम आने की संभावना तो होती ही है।

हमारे ब्लॉग पर लिखी गई हैंडराइटिंग को सुधारने के तरीके वाली पोस्ट, हैंडराइटिंग सुधारने में आपकी मदद कर सकती है।

सही संगत चुनिए –

ऐसे बच्चे जो बहुत ज्यादा होशियार हैं, यदि आप ऐसे बच्चों के साथ दोस्ती करते हैं और होशियार बच्चों के ग्रुप में रहते हैं तो, आपको ऐसे बच्चों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

इन बच्चों के साथ रहकर आप सीखते हैं की, किसी भी टॉपिक को ये बच्चे याद कैसे करते हैं, ये बच्चे अपना समय कैसे मैनेज करते हैं, इनको क्या-क्या पसंद है, इनका अपने भविष्य को लेकर क्या विचार है आदि।

आप केवल संगत बदलकर ही अपने लक्ष्य को पाने के नजदीक पहुँच जाते हैं क्योंकि, होशियार बच्चों के साथ रहने पर आपको खुद ही उनसे ज्यादा मार्क्स लाने का मन होगा और आप भी अच्छे से पढ़ाई करेंगे।

साथ ही अगर बच्चे आपके सच्चे दोस्त होंगे तो, वे आपको अच्छे अंक लाने में मदद भी करेंगे।

निष्कर्ष –

तो बच्चों आशा करता हूँ आपने इस पोस्ट से बहुत ही सारी जानकारी समेट ली होगी। इस पोस्ट में टॉपर बनने या 90% अंक लाने के केवल एक-दो तरीके पर नहीं बल्कि, बहुत सारे अलग-अलग तरीकों पर बात की है, क्योंकि यदि कोई भी विद्यार्थी अच्छे अंक लाना चाहता है तो, उसे अपने पढ़ाई के तरीके, रहन-सहन के तरीके आदि बदलने पड़ते हैं।

जरूर पढ़ें: स्टूडेंट लाइफ की बड़ी गलतियां।

अगर आप उपरोक्त सभी टिप्स को अनुशासन के साथ फॉलो करेंगे तो, 90% अंक लाना बहुत ज्यादा मुश्किल कार्य भी नहीं है लेकिन, इतने अंक आएंगे उसी विद्यार्थी के जो अपनी नींद के साथ समझौता करके और रोज का थोड़ा-थोड़ा समय अन्य कार्यों में खराब करने के बजाय पढ़ाई के लिए तैयार होगा।

पढ़ते समय नींद क्यों आती है? जानिए पढ़ते समय नींद भगाने का तरीका

पढ़ते समय नींद क्यों आती है? जानिए पढ़ते समय नींद भगाने का तरीका

Padhte Samay Neend Se Kaise Bache – यह ज्यादातर बच्चों के साथ होता है की वे जैसे ही किताब उठाते है, उनको नींद आने लगती है और अगले 1 घण्टे बाद किताब मुँह पे होती है और विद्यार्थी नींद में। आखिर किताबों में ऐसा कौन-सा नशा है?

बहुत सारे बच्चों का यह सवाल होता है की, पढ़ते समय नींद क्यों आने लगती है और हम इसे कैसे भगा सकते हैं?

आज हम विद्यार्थियों की इसी समस्या का समाधान लेकर आ चुके है, जिसमें हमने ऐसे 10 तरीके बताए हैं, जिनमें से कोई 5 तरीके भी अच्छे से समझकर फॉलो करने पर आपको पढ़ते वक्त (यदि आप पहले ही पूरी नींद ले चुके हैं तो) नींद आने की समस्या नहीं होगी।

ऐसा नहीं इन टिप्स को फॉलो करके आप नींद को बिल्कुल ही भगा सकते हैं, लेकिन इन तरीकों से आप हद से ज्यादा आने वाले नींद को कंट्रोल कर सकते हैं तो, चलिए तरीकों को जानते हैं –

1. बैठकर या लेटकर न पढ़ें –

अक्सर हम सभी ज्यादातर बच्चे लेटकर पढ़ते हैं, जिसमें बैठकर पढ़ने की तुलना में थोड़ा-सा आराम मिलता है और फिर इसी बजह से नींद भी आने लगती है। इसलिए कहते हैं की हमें बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए।

इसे भी पढ़ें: पढ़ाई करने के ऐसे तरीके जिससे बहुत ही जल्दी याद हो।

यदि बैठकर पढ़ने पर भी नींद आए तो सबसे अच्छा तरीका है की, थोड़ा धीरे-धीरे टहलते हुए पढ़िए। धीरे-धीरे चलते हुए पढ़ने से आपको नींद भी नहीं आएगी साथ ही आप महसूस करेंगे की आप थोड़ा जल्दी याद कर पा रहे हैं। इस तरीके को जरूर फॉलो करें यह कारगर है।

2. बोल-बोलकर पढ़ें –

बहुत सारे बच्चे मन-मन में ही पढ़ना पसंद करते हैं, जिसकी बजह से याद भी देर से होता है और दिमाग के थोड़ा-सा थकते ही नींद भी आने लगती है।

अगर आप चाहते हैं की आपको नींद न आए तो, बोल-बोलकर पढ़ना आपके लिए सही है, इसलिए कोशिश करें की जब भी आप पढ़ें तो, बोल-बोलकर ही पढ़ें इससे आपको मन-मन में पढ़ने की अपेक्षा याद भी जल्दी होता है।

3. पानी कम पीने की समस्या –

बच्चे बहुत कहने के बाद भी पानी कम ही पीते हैं। अगर आपको पढ़ते वक्त नींद आ रही हो और आप 1 गिलास पानी पी लें तो, नींद तुरंत भाग जाती है और शरीर भी थोड़ी ऊर्जा महसूस करता है।

कोशिश करें की जब ज्यादा नींद आये तो, एक बार ठण्डे पानी से मुँह धो लें और थोड़ा-सा पानी पीने के बाद फिर से पढ़ने बैठे या जैसा हमने पहले पॉइंट में बताया की, टहलते हुए पढ़ें। आधे से एक घण्टे बाद पानी पीते रहने से आपके शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी।

4. पर्याप्त नींद लें –

ऐसा नहीं है की किसी भी तरीके से आपको नींद आना बंद हो जाएगी या बहुत ही कम हो जाएगी। वैसे भी अगर आप पूरी नींद लिए बिना पढ़ेंगे तो, आपको वैसे भी अच्छे से याद ही नहीं होगा या आपका मन में पढ़ाई में नहीं लगेगा, इसलिए आपको पर्याप्त नींद तो लेनी ही होगी।

इसे भी पढ़ें: पढ़ाई में मन नहीं लगता तो, ये तरीके काम आएंगे।

एक विद्यार्थी को कम से कम 6 घण्टे की नींद तो लेनी ही चाहिए। अगर आप उससे कम नींद लेते हैं, तो इसका आपके शरीर पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। कम नींद लेना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए ही सही नहीं है।

पढ़ते समय नींद, पढ़ते वक्त नींद,

कोशिश करें की नींद पूरी लें और उसके बाद ही पढ़ने बैठे तो, आपको अपने आप ही नींद नहीं आएगी। कोशिश करें की सोकर उठने के बाद कम से कम 2-3 घण्टे पढ़ें क्योंकि, उस समय ऊर्जा अधिक होती है और मन भी शांत होता है।

5. थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लेकर पढ़ें –

अगर आप लम्बे समय तक लगातार पढ़ते रहेंगे तो, शायद आपको नींद आने लग सकती है लेकिन यदि आप बीच-बीच में 10-15 मिनट का ब्रेक लेकर पढ़ेंगे तो भी नींद आना थोड़ा-सा कम हो जाएगा। कोशिश करें की लगातार 1 घण्टे से ज्यादा न पढ़ें बल्कि, प्रत्येक 1 घण्टे के बाद 10-12 मिनट का ब्रेक लेकर पढ़ें।

कम से कम इस 10 मिनट के ब्रेक में कोशिश करें की सोशल मीडिया न चलाएं बल्कि, अगर रूम में हैं तो थोड़ा-सा बाहर घूम आएं। पानी या जूस आदि भी ले सकते हैं।

6. अच्छे टीचर से पढ़ें –

कई बार हमें केवल इसलिए नींद आती है क्योंकि, जो टीचर हमें पढ़ा रहा होता है वो हमें पसंद पसंद नहीं आता मतलब, उसके पढ़ाने के तरीके से आपको समझ नहीं आता है, जिसकी बजह से आलस आता है।

आजकल तो ऑनलाइन टीचर बहुत सारे हैं, जो प्रत्येक टॉपिक को बहुत ही आसान शब्दों में पढ़ाते हैं, आपको ऐसे टीचर्स को खोजना चाहिए और पढ़ाई को बोझ समझते हुए नहीं बल्कि, कुछ नया सीखने के लिए पढ़ना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: पढ़ाई में होशियार होना है तो, ऐसे करें मेडिटेशन।

एक अच्छा टीचर से पढ़ते वक्त बच्चों में कुछ नया जानने की इच्छा होती है और बच्चा स्कूल या ट्यूशन से आने के बाद भी बच्चा खुद ही पढ़ने लगता है। वहीं अगर कोई टीचर अच्छा नहीं पढ़ाता है तो, स्कूल में उस टीचर के पढ़ाते समय भी मन करता है की और कितने समय पढ़ना पड़ेगा। (अच्छे टीचर से पढ़ना जरूरी है।)

7. भोजन पर ध्यान दें –

अगर आप भोजन का समय और भोजन की मात्रा के साथ-साथ यह भी ध्यान रखें की आपको क्या खाना है और क्या नहीं खाना है तो, आपको ज्यादा आलस और ज्यादा नींद आने की समस्या महसूस नहीं होगी।

अगर आप रात को पढ़ना पसंद करते हैं तो ध्यान रहे की डिनर थोड़ा जल्दी कर लें और पेट भरकर न खाएं। अगर किसी तरह का फ़ास्ट फ़ूड या कॉफी आदि से बच सकते हैं तो और भी अच्छा होगा।

8. दोपहर की नींद लें –

अगर आप स्टूडेंट हैं और रोज स्कूल या कॉलेज जाते हैं तो, रोज सुबह जल्दी तो उठते ही होंगे इसलिए यदि आप सुबह 5 या 6 बजे सोकर उठते हैं तो, आपको दोपहर में 45 मिनट की नींद ले लेनी चाहिए।

यह नींद आप 12बजे से 3 बजे के बीच ले सकते हैं। नींद से उठने के बाद आपको सुबह उठने के बाद वाली ऊर्जा महसूस होगी। इसके बाद आप फिर से पढ़ने बैठ सकते हैं, आपको नींद नहीं आएगी।

Note: कोशिश करें की दोपहर में 45मिनट से ज्यादा नींद न लें।

9. पर्याप्त रौशनी का ध्यान रखें –

अगर आप टेबल लैंप की रौशनी में पढ़ते हैं और आपकी किताब या आस-पास पर्याप्त रौशनी नहीं है तो, ऐसा वातावरण मिलते ही सोने का मन जल्दी करने लगता है।

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अपने आस-पास पर्याप्त रौशनी होने पर आपको नींद पहले ही तुलना में कम आएगी।

10. आस-पास सफाई रखें –

अगर आपके आस-पास काफी ज्यादा किताब-कॉपी फैली हुई हैं और आपको एग्जाम की फिक्र भी है तो, कई बार दिमाग इन्हीं सब विचारों की बजह से थक जाता है और आस-पास किताब देखकर और यह सोचकर की अभी बहुत ज्यादा याद करना है, यह सोचकर भी आलस आने लगता है और नींद हाबी होने लगती है, इसलिए अपनी कॉपी किताबों और रूम को व्यवस्थित रखें, इससे भी आपको नींद को करके लंबे समय तक पढ़ाई करने में सहायता मिलेगी।

अंतिम शब्द –

आशा करते हैं अब आप इन तरीकों का इस्तेमाल करके पढ़ाई करना शुरू करेंगे तो आपको नींद नहीं आएगी और अब आपका यह प्रश्न की ‘पढ़ते समय नींद क्यों आती है और इसको भगाने का तरीका क्या है?‘ इसका जबाब भी आपको मिल चुका होगा।

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ध्यान दीजिए बच्चों ऐसा कोई भी जादुई तरीका नहीं है, जिससे आप बिना सोए लगातार कई घण्टों तक पढ़ पाएं इसलिए इन तरीकों का इस्तेमाल करें और पढ़ाई के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। आपको पोस्ट में दी गई जानकारी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताए और इस पोस्ट को ऐसे ज्यादा से ज्यादा साथियों के साथ शेयर करें, जिन्हें पढ़ते वक्त जल्दी ही नींद आने की समस्या है।

पढ़ाई में मन कैसे लगाए (टॉप 10 शानदार तरीके)

पढ़ाई में मन कैसे लगाए (टॉप 10 शानदार तरीके)

पढ़ाई में मन कैसे लगाए – आजकल बच्चे इस बात से बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं, की उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है। वे पढ़ने के बारे में सोचते तो रहते हैं, कभी-कभी तो पूरे दिन पढ़ने की योजना बना लेते हैं लेकिन, जैसे ही पढ़ना शुरू करते हैं तो पढ़ाई के अलावा कोई अन्य कार्य करने का मन करने लगता है।

आज की इस पोस्ट में हम ऐसे विद्यार्थियों के लिए ही जरूरी जानकारी देने वाले हैं, आज हम आपको जो टिप्स बताने वाले हैं, अगर आप उन्हें फॉलो करते हैं तो, आपका मन पढ़ाई में ज्यादा अच्छी तरह लगना शुरू हो जाएगा।

पोस्ट में बताए तरीके तब ज्यादा अच्छे से काम करेंगे जब, आपके ऊपर तेजी से पढ़ने का कोई प्रेसर न हो, मतलब ऐसा न हो की आपको अगले चार-पाँच दिन बाद एग्जाम हो और उससे पहले आप इन तरीकों से सबकुछ एकदम से याद करने के बारे में सोच रहे हों।

इन तरीकों से पढ़ाई में मन लगाए –

अगर आपके एग्जाम नजदीक हैं और आपको कुछ भी याद नहीं है, तो चिंता होना स्वाभाविक है और ऐसी स्थिति में जल्दी याद होने के बजाय कुछ भी समझ में नहीं आता है, इसलिए अच्छा है की आप इन सभी टिप्स को साल के प्रारम्भ से ही फॉलो करते चलें। आइये जानते हैं की पढ़ाई में मन लगाने के कौन-कौन से तरीके हैं –

#1. रोज 3-4 घण्टा याद करें –

अक्सर बच्चे केवल तभी पढ़ना शुरू करते हैं, जब या तो एग्जाम पास में हो या उनके माँ-बाप उन्हें फोर्स करें पढ़ने के लिए। अगर आप रोज पढ़ाई करते रहते हैं तो, आपको पढ़ने की आदत रहती है, आपके मन को इसकी आदत रहती है, इसलिए जब आप पढ़ने बैठते हैं तो, यह आपको कुछ घण्टों तक भटकाता नहीं है।

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पढ़ाई में मन न लगने की समस्या ऐसे बच्चों के साथ सबसे ज्यादा रहती है, जो रोज नियम से पढ़ाई नहीं करते हैं। अगर आप होम वर्क करने से और स्कूल, ट्यूशन से अलग 3-4 घण्टे पढ़ते हैं, तो आपको यह समस्या कम ही आएगी।

#2. मेडिटेशन जरूर करें – 

मन को एकाग्र करने का यह सबसे आसान तरीका है, आप यदि रोज आधा घण्टा ध्यान करते हैं तो आपके सोचने समझने की शक्ति भी बढ़ जाएगी और आपकी याद्दाश्त भी अच्छी हो जाएगी।

शुरुआत में आप 5 मिनट ध्यान करने से शुरू कर सकते हैं, उसके बाद आप इसे बढ़ाकर आधे घण्टे से 1 घण्टे तक लेकर जा सकते हैं। आप यदि अगले 6 महीने ध्यान को नियमित रूप से करते हैं, तो आपको खुद ही इसके अच्छे नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगे।

#3. इंटरनेट का सही इस्तेमाल करें –

अक्सर बच्चे सोचते हैं की उन्हें पढ़ाई करते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए लेकिन, डिजिटल युग में यह भी पूरी तरह सही नहीं है क्योंकि, अगर कोई बच्चा पढ़ना चाहे तो, यूट्यूब, गूगल की मदद से वह हर उस कठिन टॉपिक को आसानी से समझ सकता है, जो ज्यादातर विद्यार्थियों के लिए समझना मुश्किल है।

अक्सर जब हमें कोई चीज समझ में नहीं आती है, तो हमें वह कठिन लगनी शुरू हो जाती है और फिर उसे बार-बार पढ़ने का मन भी नहीं करता है। अगर आपका किसी टॉपिक को पढ़ने का मन नहीं कर रहा है तो, आपको उस टॉपिक को यूट्यूब पर अलग-अलग टीचर से पढ़कर देखना चाहिए। शायद आपको समझ में आ जाए।

अगर आपको बुक के ज्यादातर चीजे समझ में आएंगी तो, आपको कभी भी पढ़ाई में मन लगाने में बहुत ज्यादा समस्या नहीं होगी।

#4. होशियार बच्चों की संगति में रहें –

कम होशियार बच्चे हमेशा मौज-मस्ती में ही रहते हैं, अगर आप इस तरह के बच्चों के साथ ही रहोगे तो, शायद आपको इस बात का अहसास न हो लेकिन, आपका मन भी पढ़ाई में लगना कम हो जाएगा।

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इसके विपरीत अगर आप ऐसे बच्चो के साथ रहते हैं जो पढ़ने में अच्छे हैं तो, आपको उनके अंदर पढ़ने और क्लास में टॉप करने का जूनून देखकर हमेशा पढ़ने का मन करेगा।

वैसे तो कहते हैं की किसी से अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए लेकिन, कुछ बच्चों को होशियार बच्चों से अपनी तुलना करना, उन्हें और ज्यादा मेहनत करने पर मजबूर करता है और वे बिना थके ज्यादा लम्बे समय तक पढ़ पाते हैं क्योंकि, उन्हें अपने किसी दोस्त से ज्यादा नंबर लाने हैं, इसलिए कई बार अपने से होशियार बच्चों से तुलना करना भी अच्छा होता है।

#5. पढ़ने का लक्ष्य बनाएं –

अगर आप यह लक्ष्य बनाकर चलते हैं की आपको आज इतना पढ़ना है तो, आपको अपने पढ़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। हो सकता है आप जितना सोचे उतना न पढ़ पाएं लेकिन, यदि आप बड़ा टारगेट अपने आप को देते हैं तो, यदि आप उसका आधे से ज्यादा भी रोज पूरा करते हैं तो, उससे इससे आपको आपके मन को काबू करके पढ़ाई में लगाना आ जाएगा।

#6. दिन में 1 से ज्यादा बिषय पढ़ें –

अगर हम एक दिन में केवल एक ही बिषय को पढ़ेंगे तो दिमाग बहुत ज्यादा थक जाता है। कोशिश करें की कम से कम 2 बिषय को पढ़ें ताकि, आप बौर न हों और आलस से भी बचा जा सके। प्रत्येक बिषय को पढ़ने का एक निर्धारित समय होना चाहिए। 

यदि आपको 1 घण्टा गणित को पढ़ना है, तो 1 घण्टे बाद चाहे उसमें इंट्रेस्ट भी आने लगे फिर भी उसे नहीं पढ़ना है, बल्कि दूसरे सब्जेक्ट को ही पढ़ना है। यदि आप अपने हिसाब से अपने लिए कुछ इस तरह के नियम बनाते हैं, तो यह आपके आवारा मन को काबू करने में मदद करता है।

#7. पढ़ने का समय निश्चित करें जगह नहीं – 

आपको अपने पढ़ने का एक निश्चित समय रखना चाहिए यह बात सही है लेकिन, आपको पढ़ने की जगह निश्चित नहीं करनी चाहिए। अगर आप प्रत्येक 3 बाद अपने पढ़ने की जगह को बदलते रहेंगे तो, उस जगह के जुड़ाव के साथ आपको चीजें याद होंगी।

इसे भी पढ़ें: जल्दी से जल्दी याद करने के तरीके।

जैसे जब मैं पेपर में किसी प्रश्न को देखता था तो, उसके उत्तर के साथ-साथ मुझे यह भी याद आता था की, इस प्रश्न का उत्तर मैंने खुली छत पर बैठकर शाम के हल्के अँधेरे के समय याद किया था। मैं घर के अलग-अलग कोनों में पढ़ता रहता था और यह मेरे लिए अच्छा वर्क करता था,आप भी try करें और अपना अनुभव कमेंट में जरूर शेयर करें।

#8. दृढ़ संकल्प से पढ़ाई में मन लगाए –

पढ़ने का मन तो ज्यादातर स्टूडेंट्स का नहीं करता है लेकिन, पढ़ने के बाद जो मिलने वाला परिणाम है वो सभी को अच्छा लगता होगा। जैसे भले ही आपको पढ़ाई करने का मन नहीं करता हो लेकिन, क्लास टॉप करने की इच्छा मन में जरूर रहती होगी।

अगर आप इसी इच्छा को पढ़ाई करने की प्रेरणा बना लें तो, पढ़ाई करने की शुरुआत करने में आसानी होगी और आपने देखा ही होगा की कई बार हमें पढ़ाई की शुरुआत करने में ही आलस आता है, पढ़ने का मन नहीं करता है लेकिन, जब हम अपने मन को समझाकर पढ़ना शुरू करते हैं तो, थोड़ा-थोड़ा इंट्रेस्ट आना शुरू हो जाता है।

इसलिए जरूरी है की आप रोज पढ़ने का दृढ़ संकल्प लें और समय पर ही पढ़ने बैठ जाएं चाहे पढ़ने का मन करे या न करे। जब आप ऐसा रोज करेंगे तो, आपके मन को इसकी आदत हो जाएगी और जब चीजें समझ आने लगती है तो, पढ़ाई में मन भी लगना शुरू हो जाता है।

#9. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें –

कुछ बच्चे पढ़ाई के चक्कर में पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं और फिर शिकायत करते हैं की, पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है या नींद बहुत आने लगी है। ध्यान दें अपना मन पढ़ाई में लगाना चाहते हैं तो, अपने शरीर को स्वस्थ रखें क्योंकि, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।

अच्छा भोजन करें, समय पर भोजन करें, रोज व्यायाम करें क्योंकि, शरीर स्वस्थ न होना भी पढ़ाई में मन न लगने का एक कारण है।

#10. म्यूजिक सुनें –

आजकल बहुत सारे ऐसे मोबाइल ऐप्स प्ले स्टोर पर मौजूद हैं, जिनमें आपको ऐसे बहुत सारी ऐसी आवाजें सुनने को मिलती हैं, जिससे आपका मन शांत होता है और आप आसानी से फोकस भी कर पाते हैं।

इसे भी पढ़ें: लोगों की नजरों में अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाये?

आप प्ले स्टोर पर study music या इससे संबंधित कोई कीवर्ड सर्च करेंगे तो, आपको ऐसे बहुत सारे मोबाइल ऐप्स मिल जाएंगे। आप किसी को भी डाउनलोड कर सकते हैं। इस तरह के म्यूजिक को सुनते हुए पढ़ना काफी अच्छा लगता है।

अंतिम शब्द – 

आशा करता हूँ की आपको पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई होगी और आपको इस पोस्ट से कुछ न कुछ अच्छा सीखने को मिला होगा। बच्चों इस बात को समझें की आपको यदि पढ़ने का मन नहीं करता या याद नहीं होता तो, इन सभी समस्याओं का केवल और केवल एक ही समाधान है की, आपको अपने मन को जबरदस्ती पढ़ने में लगाना होगा जिसके बाद ही आपके मन को इसकी आदत होगी, जिसके बाद आपको पढ़ाई में मन लगाने में कम मेहनत  करनी होगी।

पढ़ाई में मन लगाने के तरीके,
अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाये? मेरे 9 सीक्रेट तरीके जानिए

अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाये? मेरे 9 सीक्रेट तरीके जानिए

अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाये – आज की यह पोस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर होने वाली है, जिसमें हमने ऐसे कुछ ख़ास तरीके बताए हैं, जिनको फॉलो करने के बाद आप भी अपने आसपास के ज्यादातर लोगों के मन में अपने लिए एक अलग ही सम्मान का भाव पैदा कर पाएंगे।

चाहे आजकल आपको कोई ध्यान से सुनता तक नहीं हो लेकिन, अगर आप आज की इस पोस्ट में बताई बातों को जीवन में उतरेंगे तो मेरा वादा है की आप, लोगों को अपनी असली वैल्यू समझाने में कामयाब हो जाएंगे। चलिए बिना देर किए टॉप 9 सीक्रेट तरीके जानते हैं, जो आपकी जिंदगी बदल देंगे –

अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाएं / अपनाए ये तरीके –

अपना समय अपने लिए रखें –

कई बार आप कुछ लोगों की हद से ज्यादा फिक्र करना शुरू कर देते हैं। आप उनके लिए हर वक्त उपस्थित रहते हैं, ऐसे में सामने वाले व्यक्ति को लगता है की आपको अन्य कोई काम नहीं है और हद से ज्यादा किसी व्यक्ति का ध्यान देने पर उस व्यक्ति के मन में आपके लिए इज्जत थोड़ी-सी कम हो जाती है।

महत्वपूर्ण पोस्ट: स्टूडेंट्स मेडिटेशन कैसे करें?

अगर आपके पास कुछ काम नहीं भी है, फिर भी बचे हुए समय को दूसरे के साथ में बर्बाद न करें बल्कि खुद की स्किल को निखारने में लगाएं और फ्री होते हुए भी अपने आप को बहुत ज्यादा फ्री न दिखाए।


टाइम की वैल्यू समझें –

अगर आप समय की वैल्यू सही उम्र में समझ जाते हैं तो, आप इसे अपना अच्छा भाग्य मान सकते हैं क्योंकि, ज्यादतर लोगों को समय की वैल्यू समय को बर्बाद करने के बाद उस समय समझ आती है, जब समय उन्हें बर्बाद कर देता है।

अगर आप अपना समय बर्बाद करते रहेंगे तो, आप जीवन में बहुत आगे कभी भी नहीं बढ़ पाएंगे और एक समय पर आपके सबसे करीबी लोग भी आपकी इज्जत नहीं करेंगे। लोग उसी की वैल्यू करते हैं जो वैल्यू देने के लायक होता है, खुद को इस लायक बनाओ।

  • समय बर्बाद न करें।
  • हर किसी को समय न दें।
  • समय की अहमियत समझें और अनुशासित रहें।

आपका काम बोलना चाहिए –

अगर आप किसी भी काम को करने से पहले, अपने मन में बनाई रणनीति को सभी लोगों को बता देते हैं तो, जितनी जल्दी हो सके आपको अपनी इस आदत को छोड़ देना चाहिए।

यदि आप एक स्टूडेंट हैं और आज आपका रिजल्ट आने वाला है, चाहे आपको पता है की आप बहुत अच्छे नम्बर से पास होने वाले हैं लेकिन, आपको ऐसे दिखाना है की आप फेल भी हो सकते हैं।

आपको अपने आपको ऐसा बनाना चाहिए की, आपके बारे में दूसरों द्वारा लगाया हुआ हर एक अनुमान गलत हो।

इसे भी पढ़ें: वैल्यू बढ़ाने के लिए अंग्रेजी सीखना कैसे शुरू करें?

कई लोग किसी भी मुश्किल काम को करने से पहले ही सबको बता देते हैं की, वे उस काम को चुटकी में ही कर लेंगे और यदि वे गलती से उस कार्य को नहीं कर पाते हैं तो, उनकी छवि लोगों के मन में ‘फेकू’ (केवल बड़ी-बड़ी बातें बोलने वाला) की बनती और फिर जब आप कोई अन्य सही बात भी बोलते हैं तो, उस बात की कोई वैल्यू नहीं होती है।

  • अपनी योजना सबसे न बताएं।
  • लोगों को केवल आपका रिजल्ट दिखना चाहिए।
  • बड़ी-बड़ी बाते करने से अच्छा है की, मेहनत करें।

हमेशा नॉलेज बढ़ाते रहें –

बात की वैल्यू तब होती है जब बात सही हो और तार्किक हो और यदि जरुरत हो तो आकड़ों के साथ हो। अगर चार लोग क्रिकेट के बारे में बात कर रहे हैं और आपको किसी खिलाड़ी की पहचान तक नहीं है। उसके बाद आप यह सोचें की आपकी तरफ कोई क्यों ध्यान नहीं दे रहा हैं। (ऐसी चर्चा में आप खुद भी अपने आप को अलग-सा महसूस करेंगे)

अगर आपको ज्यादा से ज्यादा नॉलेज होगी तो, आप ज्यादा से सही जानकारी के दम पर लोगों से बातचीत कर पाएंगे और लोग कुछ बिषय पर आपकी राय भी लेना पसंद करेंगे, इसलिए जरूरी है की कभी न साथ छोड़ने वाली अपनी नॉलेज को बढ़ाते रहें, अपनी समझ को विकसित करने की कोशिश करते रहें।

  • आपका ज्ञान हमेशा आपकी मदद करता है।
  • आपकी नॉलेज ही आपकी सबसे अच्छी दोस्त है।
  • हमेशा कुछ नया सीखते रहना आपको ज्यादातर लोगों से आगे रखता है।

अपनी बात की वैल्यू –

अगर आप बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं तो और जो बोलते हैं वो कर नहीं पाते हैं तो, कुछ समय बाद जब आप अपनी बात किसी से शेयर करेंगे तो वो लोग यह सोचेंगे की आप केवल बोलते हैं और वे आपकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे।

अगर आप खुद की बात की कीमत बढ़ाना चाहते हैं तो, ध्यान रखें की कुछ भी केवल बोलने के लिए मत बोलिए बल्कि, यदि किसी काम को करने के बारे में बोला है तो उस करिए। आप खुद ही अपनी बात की लाज नहीं रख पाएंगे तो, दूसरे आपकी वैल्यू या आपकी बात की वैल्यू करेंगे यह इच्छा छोड़ दें।

  • किसी भी बात को केवल बोलने के लिए न बोलें।
  • अगर एक बार बात गई तो फिर कोई भरोसा नहीं करता।
  • बस बात की ही बात है जिन्दगी में।

कम बोलें –

अगर आपको बहुत ज्यादा बोलने की आदत है तो, आप पाएंगे की किसी भी व्यक्ति के लिए, कुछ दिन तक आपको सुनने के बाद आपकी बात बहुत ज्यादा कीमती नहीं रह जाएगी।

कोशिश करें की कम से कम बोलें और जब भी बोलें तो बोलने से पहले ही मन में पूरे वाक्य को बना लें। पहले अच्छे से समझ लें की क्या यह बोलना सही है या नहीं, तभी बोलें।

इसे भी पढ़ें: स्टूडेंट्स को कौन सी गलतियों से बचकर रहना चाहिए?

यदि आप कम बोलते हैं और शब्दों को बहुत ही चुन-चुनकर इस्तेमाल करते हैं तो, आपकी बात बजनी रहती है।

  • जरूरत से ज्यादा बोलना गलत है।
  • बोलने के स्थान पर चुप्पी पाप है।
  • सही शब्द का चयन करके सही समय पर बोलना सबसे सही है।

सफलता आपकी वैल्यू बढ़ा देगी –

समाज में अपनी वैल्यू बढ़ाना हो या अपने घर के सदस्यों के बीच अपनी वैल्यू बढ़ाना हो, यदि आप सफल हो जाएंगे तो सब आप वैल्यू करना खुद ही शुरू कर देंगे और असफल की वैल्यू किसी को भी नहीं होती है। वैल्यू कमानी पड़ती है, अगर आप उसे कमाने के लिए तैयार हैं तो, अपने आप को सफलता के लिए तैयार करो।

सफलता किसी भी प्रतिष्ठित फील्ड में हो सकती है, अगर आप उस फिल्ड में सबसे अच्छे बन सकते हैं तो, वैल्यू करने वालों की कमी नहीं होगी।

  • सफलता के बाद दुनिया आपको भाग्यशाली कहने लगती है।
  • लोग तभी आपकी वैल्यू करेंगे जब आप सफल होंगे।
  • लोग उसी को वैल्यू देते हैं, जिसकी उन्हें जरूरत पड़ती है।

निर्भरता कम करें –

आप दूसरे लोगों पर जितना ज्यादा निर्भर रहेंगे, चाहे फिर वह कितना ही छोटा काम हो या कितना ही बड़ा काम हो, आप जिसपर भी निर्भर होंगे, उसकी नजरों में आपकी इज्जत थोड़ी-सी कम जरूर हो जाएगी।

आप अगर दूसरों को अपने ऊपर निर्भर करने में सफल हो गए तो, लोग आपकी वैल्यू करना खुद ही शुरू कर देंगे। इसका उदाहरण आप नेताओ की शान-शौकत को देखकत लगा सकते हैं।

  • लोगों की जरूरत बनों।
  • यह निर्भरता पैसे की, संसाधन आदि किसी भी रूप में हो सकतीहै।
  • आपको दूसरों की जरूरत कम से कम होनी चाहिए।

लोगों को इग्नोर करें –

आप सभी लोगों को कभी भी खुश नहीं कर सकते हैं। कई बार हम ऐसे फालतू के लोगों के साथ बहस में या बातचीत में समय बर्बाद करते हैं, जो हमारी वैल्यू नहीं करते हैं।

अगर ऐसे लोग आपके बहुत ज्यादा करीबी नहीं हैं तो, जब तक आपको सफलता नहीं मिलती तब तक इनसे दूरी बनाई जा सकती है। जब आप सफल हो जाएंगे तो, ये खुद ही आपके लिए अच्छे बन जाएंगे।

  • कुछ लोगों को इग्नोर करना सबसे अच्छा है।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ आपने प्रत्येक बात को ध्यान से पढ़ा होगा और अच्छे से समझा भी होगा की, अपनी वैल्यू कैसे बढ़ाये? मुझे पूरा विश्वास है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी और इस जानकारी के इस्तेमाल से आप अपनी वैल्यू को काफी ज्यादा बढ़ा पाएंगे।

जरूर पढ़ें: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू करने के लिए टिप्स।

अगर आपका कोई भी प्रश्न है तो, आप कमेंट में जरूर करें। ऐसा नहीं हो सकता की शुरुआत में ही सब आपकी वैल्यू करना शुरू कर देंगे लेकिन, जैसे-जैसे आप उपरोक्त बताए तरीकों को अच्छे से फॉलो करेंगे वैसे-वैसे कुछ महीने या सालों में आपको लोगों के नजरिए में खुद ही बहुत बड़ा बदलाव महसूस होने लगेगा।

10 जरूरी टिप्स: लड़कियों से फोन पर लंबी बात करने के लिए

10 जरूरी टिप्स: लड़कियों से फोन पर लंबी बात करने के लिए

लड़कियों से फोन पर कैसे बात करें – इस मामले में लड़के काफी कमजोर होते हैं, ये बहुत ज्यादा देर तक बात ही नहीं कर पाते जबकि, लड़कियाँ केवल अपने बॉयफ्रेंड से ही नहीं बल्कि, अपनी मम्मी-पापा और भाई-बहन से भी बहुत-बहुत देर तक बात कर लेती हैं।

बहुत सारे लड़के जब अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते हैं तो, उनके पास शब्द काम पड़ जाते हैं, उनके पास बात ही ख़तम हो जाती हैं और फिर बात में केवल ‘अच्छा’, ‘हम्म’, ‘और बताओ’ बस ऐसे ही शब्द इस्तेमाल होने लगते हैं और 5 मिनट बाद ही लड़के चुप होने लगते हैं और बस कॉल कट जाती है।

परेशानी केवल ऐसे लड़कों की नहीं है जो लम्बी बात नहीं कर पाते हैं बल्कि, परेशानी ऐसे लड़कों के साथ भी है जो बात तो लम्बी-लम्बी कर लेते हैं लेकिन, इनसे लड़की अगले 2 मिनट में बोर होने लगती है। ये लड़की को इतना पका देते हैं की, लड़की सोचती है की ये इंसान कब फोन रखेगा।

लड़की से फोन पर बात करने से पहले जानें यह बातें –

इस पोस्ट में आपकी उपरोक्त दोनों परेशानी से छुटकारा पाने के 10 ऐसे तरीके बताए हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपनी गर्लफ्रेंड या बेस्ट फ्रेंड से लम्बी बात कर पाएंगे वह भी बिना गर्लफ्रेंड को बोर किए और अगर आप इन तरीकों का अच्छे से इस्तेमाल करना सीख लेंगे तो, लड़की भी आपसे बार-बार बात करना चाहेगी। आइये इन तरीकों पर निगाह डालते हैं –

1. केवल खुद न बोलें –

ये गलती बहुत सारे लड़के हमेशा करते हैं वे शुरुआत में लड़की को बोलने का मौका ही नहीं देते और 2 मिनट बाद लड़की के कहने के बाद भी इनके मुँह से शब्द निकलना भारी हो जाता है।

जब भी लड़की से फ़ोन पर बात करें तो, ऐसा कोई भी बात ज्यादा न करें जिसका उत्तर हाँ या ना में दिया जा सकता हो बल्कि, कुछ ऐसा पूछो की लड़की को आपको अच्छी तरह एक्सप्लेन करना पड़े।

उसके बाद लड़की को सुनते जाओ और बीच-बीच में अपनी बात भी रखते जाओ क्योंकि, अगर हर बार आप hmm, अच्छा इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो, सामने वाले इंसान को लगता है कि आपको बातों में इंट्रेस्ट नहीं आ रहा है।

साथ में अपने बोलने की स्पीड और हल्की आवाज में बात करेंगे तो, लड़की को फोन पर आप ज्यादा रोमांटिक लगेंगे। लड़कियों को ज्यादा तेज आवाज में बोलने वाले लड़कों की तुलना में थोड़ा-सा धीरे बोलने वाले लड़के ज्यादा रोमांटिक लगते हैं।

2. सवाल पूछें –

अगर आप सही तरीके से सवाल करते हैं तो, आपको बहुत ज्यादा जरुरत भी नहीं पड़ेगी बल्कि, लड़की खुद ही बात को बहुत ज्यादा देर तक आगे बढ़ाती रहेगी। ज्यादा की मैंने आपको पहले पॉइंट में भी बताया की बात का उत्तर हाँ या ना में नहीं होना चाहिए।

सवाल किस टाइप के होंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा की, आप लड़की को कितने अच्छे से जानते हैं। लड़की आपकी नॉर्मल फ्रेंड है या आपकी गर्लफ्रेंड है।

उदाहरण के लिए आप यदि पूछते हैं की, “और खाना हो गया क्या”? अब ये ऐसा वाक्य है जिसका उत्तर आपको हाँ या ना में मिल सकता है लेकिन, अगर इसी के स्थान पर आप पूछें की, “आज क्या खाया? आप क्या खाती तो आपका फेस तो काफी ग्लो करता है”? (ये बात आप सभी से शायद नहीं कर पाओ, ये केवल उदाहरण है।)

इसको बोलने में आप भी ज्यादा समय लगाओगे और सामने वाले इंसान की तारीफ़ होगी तो, उसे भी अच्छा लगेगा।इस तरह से आप सवाल पूछने के सही तरीके से बात को जितना चाहे आगे ले जा सकते हैं।

3. बात करने से पहले सोचें –

कई लड़कों को कुछ समझ में नहीं आता है ये लड़की के सामने बिल्कुल ही ब्लेंक हो जाते हैं, अब अगर आपके साथ भी यह समस्या तो, आपको लड़की से बात करने से पहले ही कुछ अच्छा टॉपिक सोच लेना है, कुछ प्रश्न मन में सोचकर रखने हैं क्योंकि, आप अगर लड़की से बात करने में बहुत जल्दबाजी करते हैं या जल्दी ही फ़ोन रख देते हैं तो, यह शो करता है की आप लड़की से बात नहीं करना चाहते या आप बहुत ही शर्मीले लड़के हैं और इस तरह के लड़के लड़कियों को बहुत ही काम पसंद आते हैं।

4. इम्प्रेस न करने की कोशिश –

यह टिप्स उन लोगों के लिए है जिन्हें लड़की से बात करने में घबराहट महसूस होती है। उनको यह बात सोचकर किसी भी लड़की से फोन पर बात करनी चाहिए की वे सामने वाली लड़की को इम्प्रेस करने के लिए कॉल नहीं कर रहे हैं।

यकीन मानिए जब आपके यह होगा कि लड़की के सामने खुद को अच्छा दिखाना है तो, आप बिल्कुल ईमानदारी से बात करेंगे। अगर बात करें लंबे समय तक बात करने की तो, नीचे बताए अन्य पॉइंट्स बात को लंबा बनाने में आपकी मदद करेंगे।

5. कॉमन टॉपिक खोजें –

अगर आपको चाहिए की लड़की भी आपकी बातों में इंट्रेस्ट ले और लड़की आपसे बात करते वक्त उत्साहित हो तो, आपको लड़की से बात करते वक्त किसी ऐसे टॉपिक पे चर्चा करनी है जो लड़की को भी पसंद हो और आपको भी उसके बारे में पूरी रूचि हो।

उदाहरण के लिए यदि आपको फिल्म देखना पसंद है तो और लड़की को भी फिल्म देखना अच्छा लगता है तो, आपको किसी आने वाली फिल्म या अभी कुछ समय आयी नयी फिल्म के बारे में बात करनी चाहिए। इसके बाद आप किसी एक्टर या उससे जुड़ी किसी घटना के बारे में बात कर सकते हैं।

ये चैन बनती चली जाती है और लड़की खुद ही बहुत सारी बातें करती है। जब आप इस तरह से बात करेंगे तो, आप लड़कियों घण्टों तक बिना चुप रहे बात कर पाएंगे।

6. लड़की को जिताएं –

कई लड़के अपनी गर्लफ्रैंड से बात करते वक्त इस गलती को करते हैं, वे शुरुआत तो बड़े प्यारभरी बातों से करते हैं लेकिन, वो प्यार भरी बातें कुछ समय बाद ही लड़ाई में बदल जाती है।

आप चाहे अपनी दोस्त से फोन पर बात करें या गर्लफ्रैंड या उसके अलावा किसी से भी बात करें; ध्यान रखें की उनको ज्यादातर बार जीत मिलेगी तो सामने वाला इंसान आपको पसंद करेगा।

अगर आप हर बात में अपनी ही बात को सही साबित करने की कोशिश करेंगे तो, सामने वाले इंसान को आपसे बात करने में इंट्रेस्ट नहीं आएगा और फिर बात ज्यादा लंबी नहीं चलेगी।

7. लड़की से हेल्प –

मैं कई बार अपनी क्लास की लड़कियों से नोट्स और कई प्रोजेक्ट में हेल्प माँगता रहता था। इससे मैं उन्हें कई बार कॉल करता था और अपनी जरूरत बताता था और काम में हेल्प माँगता था।

कई बार कॉलेज के बाद भी लड़कियों से हेल्प लेता था। जब हमारे पास बात करने का कोई मकसद होता है तो, बात ज्यादा अच्छे से कर पाते हैं।

अगर आप गर्लफ्रैंड से बात करने में इस टिप्स को समझना चाहे तो, आप अपने बर्थडे पार्टी की व्यवस्था बनाने में लड़की को बुला सकते हैं और इस बारे में लड़की से बात कर सकते हैं, मतलब आपकी लाइफ में जो चल रहा है उसके बारे में बताओ। कोई काम है तो उसके बारे में बात करो।

8. अपने बारे में बताएं –

यह तब के लिए ज्यादा उपयोगी है जब आप किसी लड़की से पहली बार बात कर रहे हैं, ऐसे में आपको सबसे पहले अपने बारे में लड़की को बताना चाहिए फिर आप लड़की से उसके बारे में पूछ सकते हैं।

अगर आप पहले खुद के बारे में बताएंगे और फिर लड़की के बारे में पूछेंगे तो, लड़की को ऐसा नहीं लगेगा की आप उसका एग्जाम ले रहे हैं और बात तो बनती ही रहेगी।

हमारे बारे में कितनी ही सारी चीजें होती हैं, हमारा बचपन, हमारी हरकतें, हमारे सीक्रेट्स बहुत कुछ होता है बताने के लिए। अगर सुनने वाली खास है तो, बात तो कभी खत्म नहीं होती हैं।

9. फनी बातें –

अपने बारे में कुछ फनी बताइये। अगर कुछ भी फनी नहीं है तो लड़की को किसी ऐसी वीडियो के बारे में बताइये जिसने आपको बहुत ज्यादा हँसाया। वह वीडियो का लिंक लड़की को भेजिए।

लड़की से पूछिए क्या उसने पहले ये वीडियो या इसके जैसी वीडियो कभी देखी है। कुछ फनी चुटकुले कुछ फनी शेर-शायरी बात को बढ़ाने और लड़की को गुदगुदाने के लिए होती रहनी चाहिए। इसी से बात बढ़ेगी भी और बनेगी भी।

10. कम बात कीजिए –

कई बार जिन लड़कों की पहली बार गर्लफ्रैंड बनती है, वे इस गलती को करते हैं की रिलेशनशिप के शुरुआत में ही बहुत ज्यादा फोन से चिपके रहते हैं और अपने जन्म से अभी तक कि सारी बातें लड़की को बता देते हैं, फिर बात ही खत्म हो जाती हैं।

गर्लफ्रैंड को खुश रखना है तो, सारी बाते एक साथ ही मत बता दो कुछ सस्पेंस रखो। आपके पास हमेशा आपके बारे में बताने के लिए कुछ ऐसा होना चाहिए जो लड़की को न पता हो।

इसलिए ध्यान रखें की लड़की से एक दिन में 4 बार बात करने के बजाय 4 दिन में 1 बार बात कीजिए। बात करने का मन जब दोनों ओर से करेगा तो, बात खुद ही लंबी हो जाएगी।

लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न:

लड़कियों को खुश करने के लिए क्या करें?

लड़की के साथ ईमानदार रहो। अपनी लाइफ में कुछ अच्छा करो, सफल बनो। लड़की की इज्जत करो, लड़कियां इसी में खुश रहती हैं।

पहली बार किसी लड़की से फोन पर बात कैसे करें?

लड़की को इम्प्रेस करने की कोशिश न करें। उदास चेहरे के साथ बात न करें बल्कि एक उत्साह के साथ मुस्कुराते हुए आत्मविश्वास के साथ बात करें।

अपने क्रश से फोन पर कैसे बात करूं?

कॉल लगाओ जब आपकी क्रश कॉल उठाएगी तो, बात शुरू हो जाएगी। 🤣


लड़कियों से बात करने के कुछ टॉपिक्स

बात करने के बहुत सारे टॉपिक्स हो सकते हैं, फ़िल्म, खाना, प्रैंक, जीवन से जुड़ी कोई भी आश्चर्यजनक बात।

फोन पर लड़की को कैसे इम्प्रेस करें?

यह न सोचें की लड़की को इम्प्रेस करना है, इससे आप बात करने में घबराएंगे नहीं और अपनी बात को अच्छे से कह पाएंगे।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ आपको प्रत्येक बात अच्छे से समझ आ गयी होगी और अब आप भी उपरोक्त तरीकों का इस्तेमाल करके धीरे-धीरे आपको लड़कियों से लम्बे समय तक बात करने में झिझक या शब्द ख़तम होने जैसी समस्या नहीं होगी। अगर आपका कोई ऐसा दोस्त है जिसके साथ भी यह समस्या है की, वह भी लड़कियों से बात करने में माहिर नहीं है तो, उसके साथ इस पोस्ट को जरूर शेयर करें। अगर इस पोसर से रिलेटेड कोई सवाल है तो, कमेंट करें और रिलेशनशिप को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए ब्लॉग पर मौजूद अन्य पोस्ट पढ़ें।

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लड़की का दिल कैसे जीते? लड़की खुद आपको प्रपोज करेगी

लड़की का दिल कैसे जीते? लड़की खुद आपको प्रपोज करेगी

लड़की का दिल कैसे जीते – बहुत सारे ऐसे लड़के होते हैं जो किसी लड़की को पसंद तो करते हैं लेकिन, लड़की को I Love You बोलने में बहुत ज्यादा शर्म महसूस करते हैं। वे चाहते हैं की लड़की की तरफ से शुरुआत हो, शुरुआत में लड़की उनको 143 बोले।

लड़की बहुत कम बार ही लड़के को प्रपोज़ करती है, लड़कियों को दर होता है की कहीं लड़का मना न कर दे और लड़की की बेज्जती न हो जाए। इसलिए ज्यादातर लड़कियाँ लड़कों को प्रपोज करने में झिझक महसूस करती हैं।

यदि लड़की को यह पता चल जाए की आप लड़की से प्यार करते हैं और वह लड़की भी आपसे प्यार करती होगी तो, ऐसी स्थिति में लड़की आपको प्रपोजर कर सकती है लेकिन, उसके लिए आपको लड़की ला दिल जीतना होगा, जिसके तरीके आपको इस पोस्ट में बताए गए हैं।

लड़की को इम्प्रेस करना आसान काम नहीं है, अगर आप सभी तरीकों को ध्यान से नहीं पढ़ेंगे और न ही समझेंगे तो, आपसे गलती होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। तो प्रत्येक सलाह को ध्यान से पढ़ें, आइये जानते हैं –

लड़की का दिल जीतने के टॉप 10 तरीके –

#1. लड़की को रियल लाइफ में जानें –

कई बार हम लड़की को ऐसा समझ लेते हैं जैसा वो अपने आप को दिखाना चाहती है। आपको लड़की को उस तरह से समझना है जैसा की लड़की वास्तव में है। जैसे मेरी एक दोस्त अपने आप को इमोशनली बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग दिखाती थी लेकिन, वास्तव में वो बहुत ज्यादा इमोशनल है और उसके एकदम आँसू भी आने लगते हैं।

ऐसी स्थिति में अगर कोई लड़का उसको एक स्ट्रॉन्ग इमोशन वाली लड़की समझकर मजाक भी करेगा तो, वो उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आएगा। इसलिए किसी भी लड़की का दिल जीतने के लिए सबसे पहले उसे बहुत ही अच्छे तरीके से समझना बहुत ज्यादा जरूरी है।

लड़की के स्वाभाव से लगाकर, लड़की की हर पसंद-नापसंद को जान लो, लड़की के दोस्त और लड़की को अच्छे न लगने वाले बच्चों को भी जान लो लेकिन, लड़की को ऐसा नहीं लगना चाहिए की आप उसकी जासूसी कर रहे हैं।

#2. लड़की से दोस्ती करें –

शुरुआत में ही अगर आप सोचेंगे की आप लड़की के दिल में अपनी जगह बना लेंगे तो, ऐसा नहीं होता है। आपको, लड़की को आपके बारे में अच्छे से समझने के लिए समय देना चाहिए। सबसे पहले दोस्ती करें ताकि आप कम से कम लड़की से बिना किसी डर के बात तो कर सकें।

अगर शुरुआत में दोस्ती करना भी संभव नहीं है तो, थोड़ी-बहुत बातचीत करके जान-पहचान बना लेनी चाहिए। अब अगर इतनी भी बातचीत करने में झिझक महसूस कर रहे हैं तो, लड़की से कोई हेल्प ही मांग लीजिए। कम से कम इसी बहाने आप लड़की से कुछ तो बात करेंगे ही।

#3. Thank You कहें –

अगर आप लड़की से कुछ हेल्प लेंगे तो, लड़की से आपका सम्बन्ध और ज्यादा अच्छा होगा। आपको लड़की से कोई बड़ी हेल्प नहीं बल्कि लड़की से कोई नोट्स, बुक या कोई भी ऐसा सामान माँगना है जो लड़की आसानी से दे सके।

उसके बाद आपको लड़की को धन्यवाद बोलना है। शायद आपको लगे की इससे क्या होगा लेकिन, जब हम किसी से कोई हेल्प लेते हैं और सामने वाला हमारी हेल्प कर भी पाता है और बाद में हम उसे थैंक यू बोलते हैं तो, सामने वाले को मन ही मन में बहुत अच्छी फीलिंग आती है।

#4. पैसा खर्च करें –

अगर आप उस विचारधारा वाले हैं की लड़की को दिल से इम्प्रेस करना है और पैसे का कोई काम नहीं है तो, आप अभी इस पोस्ट को छोड़कर जा सकते हैं क्योंकि, आज के समय में बिना पैसे के लड़की को इम्प्रेस करना बहुत मुश्किल है।

आपको लड़की को समय-समय पर गिफ्ट देने होंगे और ध्यान रहे गिफ्ट तभी देना सही होता है जब, लड़की आपके साथ बहुत ज्यादा फ्रेंडली हो। अगर लड़की आपके साथ सेफ फील नहीं करती है और न ही वह आपके बारे में ज्यादा जानती है, ऐसी स्थिति में गिफ्ट देने पर लड़की आपको गलत भी समझ सकती है।

अगर एक बार लड़की को लगा की आपकी नियत सही नहीं है या आप लड़की को इम्प्रेस करने के लिए यह सब कर रहे हो तो, उसके बाद लड़की आपके साथ खेलना शुरू कर देगी और आप लड़की को कभी भी इम्प्रेस ही नहीं कर पाएंगे और लड़की आपका फायदा उठाएगी वो अलग।

#5. सख्त बनकर रहो –

लड़कियों को सख्त लड़के काफी ज्यादा आकर्षित करते हैं, वे नहीं जो किसी भी लड़की को देखकर दीवाने जो जाते हैं। अगर आपको लड़की को इम्प्रेस करना है तो अन्य लड़कियों को बहुत ज्यादा भाव नहीं देना है लेकिन, ऐसा भी न हो की कोई लड़की भी आपको भाव न दे।

आपको अन्य लड़कियों की जरुरत बने रहना है, अब आप चाहे अपनी क्लास में सबसे होशियार बच्चे हो सकते हैं, जिसके पास सबसे अच्छे बने हुए नोट्स हों या आप क्लास के सबसे अमीर बच्चों में हो सकते हैं, जो क्लास के सभी बच्चों को कभी भी पार्टी दे देता है।

लड़की आपको जब तक भाव नहीं देगी जब तक आप में कुछ ऐसी ख़ास बात नहीं होगी जो, क्लास के अन्य बच्चों में आपको आगे दिखाती हो। अब चाहे वह पैसा हो, पावर हो या आपका कोई टैलेंट।

#6. लड़की को अहसास कराएं –

कुछ लड़के लड़की को इम्प्रेस करने के चक्कर में लड़की के नौकर जैसे बन जाते हैं। वे लड़की की हर बात को ही मानने लगते हैं, फिर चाहे उन्हें अपना नुकसान क्यों न करना पड़े। ऐसा करने से आप लड़की को इम्प्रेस नहीं कर पाएंगे।

अगर लड़की आपसे कोई हेल्प चाहती है तो, हर बार हाँ नहीं बोलना होता है। कभी-कभी आपका ना कहना भी लड़की को इस बात का अहसास कराता है की आप लड़की के लिए हद से ज्यादा उत्साहित नहीं हैं।

ऐसे मौकों पर लड़की आपके बारे में अलग तरह से सोचती है क्योंकि, क्लास की कुछ चुनिंदा लड़कियों के लिए कुछ लड़के हमेशा तैयार रहते हैं। बस किसी ऐसे काम के लिए ना मत कहना जहाँ लड़की को आपकी ही सबसे ज्यादा जरुरत हो और लड़की आपसे किसी उम्मीद के साथ हेल्प मांग रही हो।

#7. लड़की को नहीं लड़कियों को आकर्षित करो –

आपने देखा होगा की जिन लड़कियों के पीछे बहुत सारी लड़कियाँ होती हैं, क्लास की कुछ चुनिंदा लड़कियाँ भी उनसे बात करना चाहती हैं, वे खुद ही उनसे प्रभावित होती हैं। ऐसा इस बजह से होता है क्योंकि इन लड़कियों को पता है की वो लड़का इनकी पहुँच से बाहर है और उसे इन लड़कियों की कोई जरुरत भी नहीं है। ऐसे में यदि वो लड़का इनसे बात भी करता है तो, ये खुद को लकी समझती हैं।

ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने से बहुत साड़ी लड़कियाँ अपनी जरुरत की बजह से, आपके नजदीक खुद ही आने लग जाएंगी। फिर आपको लड़की को इम्प्रेस नहीं करना होगा बल्कि, लड़की खुद आपसे अट्रैक्ट होगी।

#8. ये सवाल पूछें –

लड़की के साथ आपने सभी तरीके इस्तेमाल कर लिए हैं और अब लड़की आपकी काफी अच्छी दोस्त है और आपके विचार लड़की के विचारों से काफी ज्यादा मिलते हैं। आपके साथ लड़की काफी ज्यादा खुश रहती है, आजकल वह आपके साथ सुरक्षित महसूस करती है और पहले से थोड़ा ज्यादा समय आपके साथ बिता लेती है।

अब समय है की आप लड़की से उसके जीवन साथी के बारे में प्रश्न करें और लड़की को भी थोड़ा-थोड़ा फील कराएं की आप लड़की से प्यार करते हैं। जब आप लड़की से ऐसे प्रश्न करेंगे तो, आपको समझाना नहीं होगा लड़की खुद ही आपके मन की बात समझ जाएगी।

#9. लड़की की दोस्त से दोस्ती करें –

अगर आपको लड़की के करीब जाना है तो, लड़की की दोस्तों से अच्छे संबंध बनाकर रखें। लड़की के बारे में आपको वहाँ से बहुत कुछ जानने को मिलेगा और लड़की भी आपपर बहुत जल्दी विश्वास करना शुरू कर देगी।

#10. इग्नोर करना सीखें –

कई बार कुछ लड़के किसी एक लड़की को लेकर बहुत ज्यादा पागल रहते हैं। ध्यान रखें किसी भी लड़की को इम्प्रेस करने के लिए सबसे पहले लड़की के लेवल को समझें। अगर लड़की का लेवल आपसे ऊँचा है तो, अगर आपका लेवल लड़की से बहुत ज्यादा नीचाँ होगा तो, आप कितने ही ईमानदारी दिखा लो लड़की को इम्प्रेस नहीं कर पाएंगे।

केवल एक तरीका है की खुद को लड़की के लेवल से ऊँचा कर लो या कम से कम लड़की के बराबर कर लो। साथ में लड़की से दोस्ती रखें लड़की से बाते करें लड़की को समझें और लड़की की जरुरत बनने की कोशिश करें।

यदि लड़की किसी भी तरीके से आपको बिल्कुल भी भाव नहीं दे रही है तो, इग्नोर करें और अपने आप को बेहतर बनाने पर फोकस करें, लड़कियाँ बहुत हैं दुनिया में।

अंतिम वार्ता –

आज का आपका प्रश्न था की लड़की का दिल कैसे जीते? आशा करता हूँ की आपके प्रश्न का सही उत्तर आपको पता चल चूका होगा और अब आपको ऐसे बहुत सारे तरीके पता होंगे जिनके दम पर कोई लड़की किसी भी लड़के को अपना दिल दे बैठती है।

अगर आपके मन में अभी भी लड़की को इम्प्रेस करने के किसी भी तरीके को लेकर कोई प्रश्न है तो, आप कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न जरूर पूछें और कृपया कमेंट में लड़कियों के नाम के साथ कुछ भी गाली-गलोच न करें वरना, आपका कमेंट डिलीट कर दिया जाएगा।

आपने पोस्ट को अंत तक पढ़ा उसके लिए आपका दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद।

याद करने का वैज्ञानिक तरीका | इन 10+ तरीकों से एक बार पढ़ते ही याद होगा

याद करने का वैज्ञानिक तरीका | इन 10+ तरीकों से एक बार पढ़ते ही याद होगा

आज हम जिस बिषय पर बात करने वाले हैं, वह किसी भी स्कूल, कॉलेज या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी का प्रश्न हमेशा से रहा है। सभी स्टूडेंट्स के मन में हमेशा यह सवाल होता है की, आखिर याद करने का वैज्ञानिक तरीका क्या है है और हम 1 मिनट में कैसे याद करें?

आज की इस पोस्ट में हम आपको ऐसा शानदार तरीका भी बताने वाले हैं, जिससे स्वामी विवेकानंद एक बार पढ़ते ही याद कर लेते थे। अगर आप भी उस तरीके का इस्तेमाल करेंगे तो, आपको भी काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिलेगा।

ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे तुरंत आपके याद करने की शक्ति को बहुत तेजी से बढ़ाया जा सकता है लेकिन, पोस्ट में बताए कुछ तरीकों के लगातार अभ्यास से आपको कुछ महीनों में खुद ही अपने याद करने की क्षमता में जबरदस्त बदलाब महसूस होने लगेगा। आइये इन तरीकों को समझते हैं –

#1. टीचर की तरह खुद को पढ़ाएं –

किसी भी टॉपिक तो एक बार याद करने के बाद लम्बे समय तक याद रखने में यह सबसे ज्यादा कारगर तरीका है। जब भी आप किसी टॉपिक को टीचर से समझते हैं, उसके बाद आपको उस टॉपिक को किसी ओर को समझाएं।

इसे भी पढ़ें: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कैसे शुरू करें?

आप इसे अकेले भी प्रेक्टिस कर सकते हैं। बस आपको मान लेना है, जैसे आप किसी बच्चे को समझा रहे हैं। हाँ, जब आप किसी टॉपिक को समझाते हैं तो, उससे पहले खुद को उस टॉपिक के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। आप तभी किसी टॉपिक को समझा पाएंगे, जब आपको खुद उसके बारे में अच्छे से पता होगा।

अगर आप किसी भी टॉपिक को एक बार समझने के बाद इस तरह से खुद को टीचर समझकर समझाएंगे तो, आप कभी भी नहीं भूलेंगे। इस प्रेक्टिस को आप खड़े होकर बिल्कुल टीचर की तरह करेंगे तो, ज्यादा अच्छा होगा।

#2. आप जल्दी याद कर सकते हैं :-

कुछ बच्चे इस बात को हमेशा कहते रहते हैं, की उनकी तो जल्दी याद ही नहीं होता है, साथ में वह ऐसे किसी बच्चे का उदाहरण भी देते हैं, जो बहुत जल्दी याद कर लेता है।

मेरी इस बात को आप गाँठ बाँध लें की, चाहे हजार बार पढ़ने के बाद भी आपसे कोई उत्तर याद न हो, फिर भी आपको आज के बाद आपको बार-बार यह नहीं कहना है की आपको जल्दी याद नहीं होता है, बल्कि आप अपने मन में भी यह सोचें की आप बहुत ही जल्दी पढ़कर याद कर सकते हैं।

ऐसा करने के आपको चौकाने वाले परिणाम देखने को मिलेंगे क्योंकि, जो आप अपने बारे में बोलेंगे और अपने बारे में सोचेंगे आप धीरे-धीरे वही बनना शुरू हो जाएंगे।

#3. बोल-बोलकर पढ़ने से मिलेगा फायदा :-

बोलकर पढ़ने से आप मन-मन में पढ़कर याद करने की तुलना में ज्यादा जल्दी याद कर पाएंगे। जब आप बोल-बोलकर पढ़ते हैं तो, आपका मन जल्दी से कहीं और भटकता नहीं है और न ही आपको आलस और नींद की समस्या होती है।

इसे भी पढ़ें: स्टूडेंट लाइफ में क्या नहीं करना चाहिए?

बोल-बोलकर पढ़ने से आपका फोकस केवल जो आप पढ़ते हैं उसी को अच्छे से समझने पर होता है और आप जल्दी जल्दी याद कर पाते हैं। अगर मैं अपनी बात करूँ तो, मैं हमेशा ही बोल-बोलकर पढ़ता था।

#4. आवाज रेकॉर्ड करें, फिर सुने :-

अगर आप किसी टॉपिक को याद करना चाहते हैं तो, सबसे पहले जब आप किताब या नोट्स में उस टॉपिक के बारे में पढ़ रहे हों, तभी आपको अपने मोबाइल में अपनी आवाज को रिकॉर्ड कर लेना चाहिए। अब आप अपनी आवाज को सुनकर ज्यादा जल्दी याद कर पाएंगे।

रिकॉर्ड करके रखने का यह फायदा भी है, आप कोई अन्य करते-करते भी पढ़ाई कर पाएंगे और रोज सोते समय सुनने से आपको कोई भी टॉपिक याद करने में बहुत ही ज्यादा आसानी होगी।

#5. अच्छा वातावण हमेशा सहायक :-

अगर आप सही वातावरण में पढ़ाई करेंगे तो, आप खुद ही महसूस करेंगे की आप पढ़ाई पर फोकस कर पा रहे हैं। हमेशा जब भी आप पढ़ने बैठे तो, शुरुआत में ही सभी बुक्स, नोट्स को अपने आस-पास चट्टा बनाकर न रखें बल्कि, टेबल पर कुछ चुनिंदा काम की चीजें ही रखें।

ध्यान रहे की आस-पास ध्यान भटकाने वाली चीजों को न रखा जाए। अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए पढ़ने बैठें तो, पढ़ाई में ज्यादा फोकस कर पाएंगे और फिर जल्दी याद होगा।

#6. स्वामी जी का तरीका :-

स्वामी विवेकानंद किसी भी चीज को एक बार देखकर ही याद कर लेते थे। उनके पास फोटोग्राफिक मेमोरी थी मतलब, यदि वे एक बार देख लेते तो, उन्हें वो याद हो जाता था। आप भी नीचे बताए तरीके से अपनी फोटोग्रफिक मेमोरी को थोड़ा-बहुत इम्प्रूव कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: बिना पढ़े परीक्षा में कैसे पास हो?

सबसे पहले आपको कोई एक पत्ता या कोई भी कागज लेना है और उसे अच्छी तरह देखना है, फिर उस चीज को साइड में रख देना है और आँख बाद करने के बाद उसका चित्र मन में बनाना है।

प्रत्येक लाइन को ध्यान करने की कोशिश करनी है, अपने दिमाग में वस्तु के जैसी छवि बनाने में शुरुआत में आपको बहुत ज्यादा मुश्किल आएगी लेकिन, जब आप इस प्रैक्टिस को रोज 5 मिनट तक करेंगे और कुछ महीनों तक फॉलो करेंगे तो, आप भी इसके फायदे देख पाएंगे।

आपकी किसी भी चीज को इमेजिन करने की शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी।

#7. बैठकर पढ़ना लाभदायक है :-

कुछ बच्चे लेटकर पढ़ते है, जिससे उनका पूरा ध्यान पढ़ाई पर नहीं रहता है और शरीर को थोड़ा आसाम भी मिलता है तो, कई बार पढ़ते-पढ़ते जल्दी आलस आ जाता है और नींद भी आने लगती है। अगर पढ़ते समय आलस आएगा तो आप जल्दी याद नहीं कर पाएंगे। मेरा मानना है की मेज-कुर्सी पर बैठकर पढ़ना सबसे सही है।

#8. चलते-चलते भी पढ़ सकते हैं :-

जैसा की हमने बताया की आपको कुर्सी पर बैठकर ही पढ़ना चाहिए वो लेटकर पढ़ने से अच्छा है लेकिन, यदि आप ज्यादा देर तक बैठना नहीं चाहते हैं तो, आप थोड़ा-थोड़ा टहलते हुए पढ़ सकते हैं, इससे आप अपने आप को ज्यादा सतर्क महसूस करेंगे और आपकी याद भी जल्दी होगा।

#9. नींद से उठकर पढ़ें :-

जब हम सोकर उठते हैं तो, हमारा दिमाग काफी शांत होता है और नींद आने की समस्या भी नहीं होती है। अगर आप सुबह नींद पूरी होने के बाद उठकर पढ़ते हैं तो, आपको जल्दी भी याद होगा और यदि नींद पूरी हो चुकी है तो, पढ़ते हुए आलस भी नहीं आएगा।

#10. ध्यान करें और स्मरण शक्ति बढ़ाएं :-

मेडिटेशन करने से आप अपने को काबू करना सीखते हैं। अगर आप रोज 15 मिनट भी सही तरीके से ध्यान कर पाते हैं तो, अगले एक साल बाद आपका मन थोड़ा-बहुत इच्छा से चलना शुरू कर देगा।

इसे भी पढ़ें: अंग्रेजी सीखने की शुरुआत कैसे करें?

उसके बाद आप किसी भी चीज पर लम्बे समय तक ध्यान लगा पाएंगे और आपका मन जल्दी से बौर नहीं होगा। इससे आपकी स्मरण शक्ति बढ़ेगी और आपकी याद्दाश्त भी अच्छी हो जाएगी।

#11. गलत विचार को बदलें :-

अगर आप सोचते हैं की होशियार बच्चें एक बार पढ़ने के बाद भूलते नहीं है तो, आप गलत हैं। जब आप किसी भी चीज को दोहराते नहीं रहेंगे तो, भूलना निश्चित है और आप ही नहीं होशियार बच्चे भी भूल जाते हैं। बच्चे ऐसे टॉपिक को ज्यादा दिन तक याद रख पाते हैं, जिसे वे बहुत ही अच्छी तरह समझ लेते हैं।

इसलिए अगर लम्बे समय तक याद रखना है तो, सबसे पहले ध्यान से समझें और समय-समय पर जब आपको लगे की, आप उस टॉपिक को थोड़ा-बहुत भूलने लगे हैं, तभी दोहरा लें। जिस पार्ट को आप भूलने लगे हैं, उसे ज्यादा अच्छे से फिर से समझें। ऐसे आप लम्बे समय तक याद रख पाएंगे।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ तेजी से याद करने के ये सभी तरीके आपको पसंद आए होंगे और अब आप पहले से ज्यादा जल्दी याद कर पाएंगे और चीजों को लम्बे समय तक याद रख पाएंगे।

अगर आपको इस पोस्ट में बताई जानकारी पसंद आई तो, इस पोस्ट को ऐसे सभी दोस्तों और जानने वालों के साथ शेयर करें जिन्हें इस पोस्ट की सबसे ज्यादा जरुरत है।

टॉपर बनने के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए (टॉपर बच्चों के सीक्रेट्स)

टॉपर बनने के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए (टॉपर बच्चों के सीक्रेट्स)

टॉपर बनने के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए – दोस्तों आज हम बात करेंगे की टॉपर बनने के लिए आपको कितने घण्टे पढ़ना पड़ता है? आज की इस पोस्ट को यदि आप अच्छे से समझकर पढ़ेंगे तो, आपको आपके क्लास टॉपर बनने से सम्बंधित सभी सवालों के जबाब मिल जाएंगे।

हम इस पोस्ट को, बहुत सारे बच्चों के पढ़ाई के तरीके और पढ़ाई का समय जानने के बाद आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं, साथ की हमारा खुद का पढ़ाई का अनुभव भी इस पोस्ट में शामिल है तो, मुझे आशा है की आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आएगी।

आप भी पोस्ट में बताई बातों को फॉलो करके क्लास टॉपर या स्कूल टॉपर आसानी से बन सकते हैं, चलिए आपके एक-एक सवाल का उत्तर जानना शुरू करते हैं –

#1. टॉपर बनने के लिए कितने घण्टे सोना चाहिए?

बहुत सारे बच्चे इस प्रश्न को पूछते हैं की, एक टॉपर विद्यार्थी बनने के लिए उन्हें कितने घंटे सोना चाहिए? आपको बता दें कि वैसे तो यह कहा जाता है की, आपको स्वस्थ रहने के लिए रोज 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

यह तो आप भी जानते होंगे की, आप 8 घण्टे की नींद लेने के बाद पढ़ाई को ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं, इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य के साथ थोड़ा-सा तो समझौता करना ही होगा और कम से नींद (5-6 रोज) में काम चलाना होगा।

अगर आप 6 घण्टे सोने में लगाते हैं तो, आपके पास 2 घंटे का अतिरिक्त समय होगा, जिसे आप पढ़ाई में लगा सकते हैं। बहुत सारे पढ़ने वाले होशियार स्टूडेंट अपनी नींद को कम रखते हैं, जो उनके टॉपर बने रहने के लिए अच्छा भी है।

#2. टॉपर बनने के लिए कितने घण्टे पढ़ना चाहिए?

अगर आपको क्लास टॉपर बनना है या स्कूल टॉपर बनना है तो, आपको इसके लिए काफी ज्यादा मेहनत की जरूरत होगी क्योंकि, आजकल सभी बच्चे बहुत ज्यादा मेहनत से पढ़ाई करते हैं, इसलिए क्लास में कोई भी स्थान लाना बहुत ज्यादा कठिन जो गया है।

इसलिए अगर आपको क्लास टॉपर बनना है तो, आपको स्कूल वर्क, ट्यूशन वर्क से अलग 3-5 घण्टे केवल याद करने के लिए रखने होंगे, जिसमें आपको केवल चीजों को याद करेंगे।

आजकल ज्यादातर सभी विद्यार्थी जो परीक्षा में अच्छे अंक से पास होते हैं या क्लास टॉपर होते हैं, वे पढ़ाई को पूरा समय देते हैं इसलिए उनको पीछे करने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा समय देना होगा। आपको हर 24 घण्टे में उनसे ज्यादा पढ़ाई करनी होगी।

#3. टॉपर बनने के लिए कैसे याद करें?

अगर आप चाहते हैं कि आपकी और बच्चों से थोड़ा-सा जल्दी याद हो या अपने नॉर्मल पढ़ाई करने के तरीके से जल्दी याद हो तो, आपको हमारे द्वारा बताए गए जल्दी याद करने के तरीके वाली पोस्ट पढ़नी चाहिए।

आपको उसमें कुछ तरीके जैसे, पेंसिल के साथ पढ़ना, चलते-चलते पढ़ना आदि तरीके जानने को मिलेंगे, जिससे आप कम समय में ज्यादा से ज्यादा याद कर पाएंगे।

#4. क्या टॉपर बनने के लिए ट्यूशन पढ़ना जरूरी है?

जी नहीं, यह जरूरी नहीं है की आप ट्यूशन जरूर ही लगाएं और आजकल तो ऑनलाइन पढ़ाई करना इतना ज्यादा आसान और फ्री है की, ट्यूशन आने-जाने में लगने वाले समय को बर्बाद करने से अच्छा है की, यूट्यूब से ही पढ़ लिया जाए।

खासकर यदि आप 5-12 कक्षा के छात्र हैं तो, यकीन मानिए आपके लिए यूट्यूब पर ढेर सारा फ्री कॉन्टेंट उपलब्ध है, जिसका आपको फायदा उठाना चाहिए।

#5. टॉपर बनने के लिए क्या करें?

कुछ ऐसी बाते हैं जो सभी टॉपर स्टूडेंट्स में कॉमन होती हैं, जिसे सीखकर आप भी होशियार स्टूडेंट की लिस्ट में आ सकते हैं, होशियार स्टूडेंट की अच्छी बातें –

टॉपर बच्चे पूरे साल पढ़ते हैं –

बहुत सारे टॉपर बच्चे बहुत ज्यादा चालाक होते हैं, वे अपने साथ वाले सभी बच्चों को ऐसा दिखाते हैं की, वे तो ज्यादा पढ़ते भी नहीं हैं या बस एग्जाम से कुछ दिन पहले ही पढ़ाई शुरू करते हैं लेकिन, आपको पता होना चाहिए की, जो बच्चा सच में टॉपर होता है वो पूरे साल अपनी पूरी लगन के साथ पढ़ाई में लगा रहता है।

हर होशियार बच्चा उस समय तक सबकुछ याद कर चुका होता है, जब क्लास में हर बर्ष केवल पास होने वाले विद्यार्थी पढ़ना शुरू करते हैं।

होशियार बच्चा अपने आप को नहीं पढ़ता हुआ इसलिए दिखाता है ताकि, उसके साथ के जो होशियार बच्चे हैं वे भी उसे देखकर पढ़ाई छोड़ दें या कम कर दें (जोकि अक्सर होता भी है) जिससे वह बच्चा सबसे ज्यादा अंक लाने में कामयाब हो जाता है।

होशियार बच्चे टाइम टेबल के हिसाब से चलते हैं –

होशियार बच्चों को पता होता है की, यदि शुरू से ही योजना बनाकर पढ़ाई करेंगे तो, सफलता की संभावना बढ़ जाएगी इसलिए वे साल के शुरू में ही एक बड़ा टारगेट बनाते हैं और फिर उसको छोटे-छोटे टारगेट में बदल लेते हैं, फिर उन छोटे-छोटे टारगेट्स को धीरे-धीरे पूरा करते चलते हैं और जब रिजल्ट आता है तो, वे क्लास में 1st, 2nd, 3rd रैंक पर आते हैं और सभी बच्चों को लगता है की, इस लड़के का तो दिमाग तेज है इसलिए ये टॉप किया जबकि, ऐसा नहीं होता है केवल दिमाग तेज होने से काम नहीं चला है बल्कि, उस बच्चे ने पूरे सालभर लगन के साथ, अनुसाशन के साथ पढ़ाई को जारी रखा है।

बच्चे के अंदर आत्मविश्वास जरूरी है –

वे बच्चे जो ज्यादातर क्लास में टॉप करते हैं या कॉलेज, स्कूल में टॉप करते हैं, वे चाहे कितनी भी एक्टिंग करें लेकिन उनको रिजल्ट वाले दिन पहले से ही पता होता है की, उनका कौन-सा स्थान आने वाला है। यह विश्वास उन्हें तभी आता है जब वे उन्होंने उस रैंक के लिए मेहनत की होती है। वही आत्मविश्वास उन्हें आगे मेहनत करने में भी मदद करता है।

#6. topper बनने क्या नहीं करना चाहिए?

बहुत सारे ऐसे काम हैं, जो टॉपर बच्चे नहीं करते हैं और यदि कभी भी वे उन कामों को करते हैं तो, टॉपर बच्चों की लिस्ट से धीरे-धीरे बाहर होना शुरू हो जाते हैं, इसलिए यदि आपको भी टॉपर बनना है तो, आपको इन कामों से बचना चाहिए, आइये जानते हैं यह सभी काम कौन से हैं –

समय बर्बाद करना –

जितने होशियार बच्चे होते हैं, वे समय बर्बाद नहीं करते हैं। उन्हें देखकर आपको ऐसा लग जरूर सकता है की, यह तो आलसी है, समय भी फालतू के काम में ज्यादा बर्बाद करता है लेकिन, वास्तव में जो बच्चा होशियार होता है, उसे समय के महत्व का पता होता है।

वे अपना ज्यादातर समय पढ़ाई को ही देना पसंद करते हैं। अगर आपको टॉपर बनना है, तो ध्यान रहे यदि इस समय आप मौज-मस्ती करेंगे तो, जिस दिन रिजल्ट आएगा, आपको आज की गई मौज-मस्ती बेकार महसूस होगी।

नशे का सेवन करना –

नशा कैसा भी हो आपको शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर कमजोर बनाता ही है, अगर आप नशे का सेवन करेंगे तो, आपको बहुत सारे नुकसान अलग-अलग स्तर पर तो होंगे ही, साथ ही आपको अभी के लिए सबसे बड़ा नुकसान यह होगा की, आपकी स्मरण शक्ति कम हो जाएगी।

हो सकता है की आपका क्लास टॉपर भी किसी प्रकार का नशा करता हो लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है की उसकी स्मरण शक्ति नशे की बजह से कम नहीं हुई है, बल्कि यदि वो नशा न करता होता तो वह और ज्यादा अच्छा कर सकता था। हमेशा ध्यान रखें की कम से कम स्टूडेंट लाइफ में तो किसी भी प्रकार का नशा न करें।

अंतिम शब्द –

बच्चों आपको यह पोस्ट कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं और आप टॉपर बनने के लिए या टॉपर बने रहने के लिए आजकल कितना समय अपनी पढ़ाई को दे रहे हैं, यह भी जरूर बताएं ताकि, ज्यादा से ज्यादा बच्चों को टॉपर के पढ़ने के समय को लेकर, मन में आ रहे सवालों का जबाब मिल सके।

आज की पोस्ट को यहीं पर समाप्त करता हूँ और आपको कुछ बेहतरीन पोस्ट के लिंक दे रहा हूँ जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

जरूर पढ़ें:

10वी का यूपी बोर्ड का रिजल्ट देखें | UP Board Result Kaise Dekhe

10वी का यूपी बोर्ड का रिजल्ट देखें | UP Board Result Kaise Dekhe

अगर आपने या आपके जानने वाले किसी छात्र ने कक्षा 10वी या 12वी का एग्जाम दिया है तो, आप किस तरह से अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं, आज हम इस पोस्ट में आपको रिजल्ट चेक करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे।

अभी कुछ महीने पहले ही यूपी बोर्ड, 10वी कक्षा के एग्जाम हुए थे और खबर मिल रही है की, 27 अप्रैल 2023 के आस-पास परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा।

अगर आप रिजल्ट को अपने मोबाइल में देखना चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए सभी आसान-आसान स्टेप्स को फॉलो करना होगा। ज्यादातर ब्लॉग, वेबसाइट्स पर आपको रिजल्ट के लिए बहुत ज्यादा परेशान किया जाता है, ब्लॉग पोस्ट में आपको ऑफिशियल लिंक नहीं दिया जाता है, लेकिन इस पोस्ट में ऐसा नहीं है, हमने आपको 100% सही जानकारी देने का प्रयास किया है।

इसे भी पढ़ें: बोर्ड परीक्षा में कौन-सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए?

अगर आप नीचे दिए सभी आसान स्टेप्स को फॉलो करते हैं तो, आपको अगले 2 मिनट में आपका रिजल्ट निकालना आ जाएगा। आइये इन सभी आसान स्टेप्स को जानते हैं –

यूपी बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट कैसे देखें –

  • सबसे पहले आपको क्रोम ब्राउज़र या किसी अन्य ब्राउज़र को open कर लेना है। (आपके मोबाइल में इंटरनेट होना चाहिए।)
  • इसके बाद आपको यूपी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://results.upmsp.edu.in/ResultHighSchool_Comp.aspx) पर विजिट करना है।
  • अब आपके सामने कुछ ऑप्शन आएंगे, जिन्हें सही से भरना है।
  • पहले आपको जिला, रोल न., कैप्चा कोड आदि भरना है और View Result पर क्लिक करना है।
  • अब आपका रिजल्ट आपके सामने आ जाएगा।

कक्षा 12वी का रिजल्ट देखने का तरीका –

अगर आपको कक्षा 12 का रिजल्ट चेक करना है तो, आपको नीचे बताए कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करना होगा –

  • किसी भी ब्राउज़र को ओपन करें।
  • Search Box में “Class 12th Result” सर्च करें।
  • सीधे सरकारी वेबसाइट (https://results.upmsp.edu.in/ResultIntermediate_Comp.aspx) पर भी विजिट कर सकते हैं।
  • अब आपसे मांगी जा रही डिटेल्स को भरें।
  • आपका रिजल्ट आपके सामने आ जाएगा।

ऊपर बताई गई दोनों वेबसाइट्स सरकारी वेबसाइट हैं, जिनके माध्यम से आप, न केवल 2023 बोर्ड का रिजल्ट बल्कि पिछले बर्षों के रिजल्ट भी निकाल सकते हैं, इन लिंक को आपको सेव कर लेना चाहिए क्योंकि, इनसे आप किसी भी 10, 12 के छात्र का रिजल्ट मिनटों में डाउनलोड कर पाएंगे।

अंतिम शब्द –

आशा करता हूँ आपको समझ आ गया होगा की, आप किस तरह 10वी या 12वी का रिजल्ट अपने स्मार्टफोन में चेक कर सकते हैं। अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो, इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्र के साथ शेयर करें ताकि, वे भी अपने मोबाइल से ही अपना रिजल्ट चेक कर सकें।

इन्हें भी पढ़ें –

पोस्ट में दिया गया यूपी सरकार की आधिकारिक साइट का लिंक कॉपी करें और सीधे किसी भी ब्राउज़र में पेस्ट करें। यदि साइट open नहीं हो रही है तो, थोड़ी देर wait करें, रिजल्ट आने के तुरंत बाद जब बहुत सारे विद्यार्थी एक साथ रिजल्ट चेक करते हैं तो, कभी-कभी सर्वर कुछ समय के लिए डाउन हो जाता है, जो कुछ समय बाद सही हो जाता है।

स्टूडेंट्स मेडिटेशन कैसे करें, इसके क्या फायदे हैं (जरूर पढ़ें)

स्टूडेंट्स मेडिटेशन कैसे करें, इसके क्या फायदे हैं (जरूर पढ़ें)

1 साल पहले जब कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन था, उस समय से अब तक बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के मन में मेडिटेशन, योग, प्राणायाम को लेकर अलग ही जिज्ञासा पैदा हो गयी है।

आज हर कोई मेडिटेशन के फायदे के बारे में जानकार दंग रह जाता है, वह खुद भी यह लाभ लेना चाहता है इसलिए, सीखने की चाह मन में है और हर कोई सीखना चाहता है कि मेडिटेशन कैसे शुरू करें?

देखिए अगर आप बच्चें हैं और मेडिटेशन केवल इसलिए करना चाहते हैं की, इससे आपकी एकाग्रता बढ़ सके, इससे आपकी याद्दाश्त अच्छी हो सके तो, आपको अलग तरीके से मेडिटेशन करना होगा और यदि आप ईश्वर की खोज में हैं, अपने आप को जानना चाहते हैं, तो आपके पास मेडिटेशन के और भी तरीके हैं।

आज हम केवल विद्यार्थियों के लिए मेडिटेशन की बात करेंगे और आपको विस्तार से बताएंगे की, आपको किस तरह से अपने मन को अपने वश में करने की प्रक्रिया को शुरू करना है?

विद्यार्थी मेडिटेशन कैसे करें?

मेडिटेशन को बहुत सारे लोग अलग-अलग तरीके से करते हैं और सबके अलग-अलग फायदे भी है। सभी में सबसे आसान तरीका है की आपको अपनी श्वास पर ध्यान देना है और मन में किसी भी विचार को आने नहीं देना है।

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शुरुआत में विचार तो आएँगे ही लेकिन, आपको उन विचारों में अपने आपको सतर्क रखना है और अपने मन को उन विचारों से हटाकर अपनी श्वास पर लगाना है।

आपको शुरुआत में ऐसा करने में बड़ी परेशानी होगी क्योंकि, आप मन को जितना ज्यादा शांत रखने की कोशिश करेंगे यह उतना ज्यादा इधर-उधर की चीजों के बारे में सोचने लगेगा।

सबसे पहले आपको सुखासन में बैठ जाना है, ध्यान रहे आपकी रीढ़ सीधी होनी चाहिए। अब आपको श्वास को महसूस करना है की श्वास आपके नाक से होते हुए शरीर में कहाँ-कहाँ जा रही है। 

जैसे ही आपके मन में कोई विचार आता है, आपको उस विचार  पर अपना पूरा ध्यान ले जाना है और जो विचारों की चैन हमारा मन किसी भी एक चीज को सोचकर बनाना शुरू कर देता है, आपको उस चैन को तोड़ देना हैं। उसके बाद फिर से श्वासों पर ध्यान…

आपको उस चीज से बार-बार मन को हटाकर श्वास पर लगाने से आपका मन कुछ समय बाद आपकी श्वासों पर केंद्रित करने से भागना कम हो जाएगा।

मेडिटेशन किस समय करना ज्यादा सही रहता है?

अगर आप ध्यान को सुबह के समय करते हैं तो, यह आपके लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है लेकिन, शुरुआत में आप इसे शाम के समय करेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि, जब आप शुरू में अपने मन को एक एक जगह बांधने की कोशिश करेंगे तो, आपको नींद आने शुरू हो जाएगी।

आपका बिल्कुल भी मन नहीं करेगा की आप लम्बे समय तक ध्यान करें जबकि, अगर आप शाम के समय ‘ध्यान’ करते हैं तो, आपको नींद उतनी ज्यादा नहीं आएगी। ध्यान रखना की, आपको ‘ध्यान’ के बाद भी सोना नहीं है।

मेडिटेशन कौन-कौन कर सकता है?

प्रत्येक व्यक्ति जो अपने मन को अपने वश में करना चाहता है, वह चाहता है की वह हर वो काम कर सके जो वो करना चाहता है लेकिन, उसको आलस बहुत आता है या मन में एकाग्रता नहीं है, ऐसे व्यक्ति के मेडिटेशन बहुत जरूरी और फायदेमंद प्रक्रिया है, आपको इसका लाभ उठाने से चूकना नहीं चाहिए।

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यह पोस्ट हमने मुख्यतः विद्यार्थियों के लिए लिखी है, इसलिए यदि आप एक विद्यार्थी हो तो आपको तो ‘ध्यान’ जरूर ही करना चाहिए। इसको करने के ढेरों फायदे हैं, जो नीचे बताए गए हैं।

मेडिटेशन करने के क्या फायदे हैं?

ध्यान करने लाभ, मेडीटेशन के फायदे,

मेडिटेशन करने के अनगिनत फायदे हैं लेकिन, विद्यार्थी जीवन में आपको जो फायदे मिलते हैं, वो निम्नलिखित हैं –

  • आप अपने मन को काबू कर पाते हैं।
  • आपको आलस कम आएगा  समय बाद यह बहुत ही कम हो जाएगा।
  • आपको गुस्सा आना कम हो जाएगा।
  • आप हमेशा खुश महसूस करेंगे।
  • आप जल्दी से किसी भी चीज को समझ सकेंगे क्योंकि, आपकी फोकस करने की शक्ति बढ़ेगी।
  • आप कम सोकर भी ऊर्जावान महसूस करेंगे।
  • जल्दी याद होना शुरू हो जाएगा।
  • किसी भी समस्या का समाधान आप जल्दी निकाल पाओगे।
  • अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर काम कर सकोगे।

मेडिटेशन के फायदे कब मिलने शुरू होंगे?

आपको मेडिटेशन करने के फायदे तो पहले दिन से ही मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन, आपको वह कुछ महीनों में महसूस होने शुरू होते हैं।

कुछ लोगों को मेडिटेशन करने के 6 महीने बाद ही अपने स्वाभाव में आ रहे बदलाब साफ़ नजर आ जाते हैं, जबकि कुछ लोगों को यह बदलाब नोटिस करने में 1 साल तक लग जाता है।

आपको लाभ तभी मिलेंगे जब  तरीके से ध्यान करेंगे। तो शुरुआत में ही लाभ के बारे में ज्यादा न सोचते हुए मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में इस तरह से शामिल कर लें जैसे, आप सुबह उठकर मुँह धोते हैं, पूजा करते हैं, वैसे ही ‘ध्यान’ भी आपके लिए आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाना चाहिए।

मेडिटेशन करने का मन न करें तो क्या करें?

शुरुआत में यह समस्या सभी के साथ होती है, जो इससे लड़कर आगे निकल जाते हैं, वे अपने मन को वश में करने में कामयाब हो जाते हैं लेकिन, जो लोग उस समय हार मान लेते हाँ और बीच में ही ध्यान करना छोड़ देते हैं, ऐसे लोग कभी मेडिटेशन के लाभ नहीं उठा पाते हैं।

जब भी आपका मन मेडिटेशन करने के लिए नहीं कर रहा है आपको एकदम शांत होकर बैठ जाना है, आप चाहें तो आँख बंद कर सकते हैं और चाहें तो आखें खुली भी रख सकते हैं और आपको उस समय अपने मन में चल रहे मेडिटेशन न करने वाले विचारों पर ध्यान लगाना है।

इसे भी पढ़ें: अपनी वैल्यू बढ़ाने के तरीके।

थोड़ी देर बाद आपका जो मन ध्यान करने को नहीं कर रहा था उसका नहीं करने वाला वेग कम हो जाएगा अब आप आँखें बंद करके आसानी से ध्यान कर पाएंगे।

मेडिटेशन करते वक्त सबसे बड़ी गलती –

मेडिटेशन करते वक्त बहुत सारे लोग आधी नींद में पहुँच जाते हैं, जहाँ वे बहुत देर तक अलग ही ख्यालों में चले जाते हैं और बहुत देर के बाद उन्हें पता चलता है की, उन्हें तो अपने विचारों पर ध्यान देना  है और अपनी श्वास पर ध्यान देना है।

ऐसी गलती बहुत सारे लोग रोज करते है, फिर कहते हैं की बहुत समय हो गया है लेकिन, ध्यान करने के कुछ भी फायदे नहीं मिल रहे हैं, अगर आप भी इस तरह ध्यान करेंगे तो, बर्षों तक ध्यान करने पर भी आपको फायदा नहीं होगा।

मेडिटेशन कितने समय तक करना है?

शुरुआत में आपको ज्यादा देर तक मेडिटेशन करने का मन नहीं करेगा और आपको 5 मिनट मेडिटेशन करने में भी आलस आएगा और शायद नींद आने की समस्या भी हो लेकिन, आपको 5 मिनट से कम मेडिटेशन कभी नहीं करना है और इस समय को समय के साथ-साथ बढ़ाते जाना है और 2 महीने आते-आते इस समय को कम से कम आधा घण्टा तक ले जाना है।

जब आप एक बार 10 मिनट तक मेडिटेशन कर लेते हैं तो, यह नियम रखें की अब किसी भी दिन 10 मिनट से कम नहीं बल्कि ज्यादा समय ही मेडिटेशन होना चाहिए।

अंतिम शब्द –

अगर आप विद्यार्थी हैं तो ये तरीका आपकी स्मरण शक्ति को जरूर बढ़ाएगा और आपको मेडिटेशन के ढेरों फायदे होंगे। आपको शुरू में ऐसा जरूर लग सकता है, की रिजल्ट नहीं आ रहे हैं या आपको आलस भी आएगा और ध्यान करने का मन नहीं करेगा लेकिन, आपको अपने रोज मेडिटेशन करने के नियम को तोड़ना नहीं है और न ही ध्यान का समय कम करना है।

महत्वपूर्ण पोस्ट: टॉपर बनने के लिए लगभग कितने घंटे पढ़ाई करनी चाहिए?

आपको समय के साथ-साथ अपने ध्यान करने  समय को बढ़ाते जाना है और जैसे की मैं आपको बता चुका हूँ की, इस समय को 5 मिनट से बढ़ाते-बढ़ाते 1 घण्टे तक ले जाना है, आपको कम से कम 6 महीने तक ऐसा लग सकता है है की, कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है लेकिन, जब आप इसे 1 साल एक कर लेंगे उसके बाद आपको कोई मेडिटेशन करने के लिए मना भी करेगा फिर भी आप इसको नहीं छोड़ेंगे।

आपके लिए मेडिटेशन के उपरोक्त फायदे मिलने कब शुरू हो जाएंगे, यह बात पर निर्भर करता है की आप कितनी ईमानदारी के साथ मेडिटेशन करते हैं। अगर आप केवल दिखावे के लिए ये सब करेंगे तो, आपको कई साल तक मेडिटेशन करने पर भी इसके फायदे नहीं मिलेंगे लेकिन, यदि आप पूरी ईमानदारी दे ध्यान करते हैं, तो आप 1 साल बाद खुद भी लोगों को मेडिटेशन के फायदे गिनाने लगेंगे।

आशा करता हूँ आप मेरी बात को अच्छे से समझ पा रहे होंगे और आप भी आज से ही मेडिटेशन को शुरू करने वाले हैं, अगर आपके मन में ‘ध्यान’ को लेकर अब भी कोई प्रश्न है तो, आप कमेंट कर सकते हैं और अपना प्रश्न का उत्तर जान सकते हैं।

साथ ही आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर भी कर सकते हैं, ताकि आपके साथ पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट ‘ध्यान’ करने के फायदों के बारे में जान सकें और वह भी इसका लाभ उठा सकें। आपने पोस्ट को शुरू से अभी तक पढ़ा उसके लिए आपका दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद।